आपराधिक घटनाओं से उथल-पुथल रहा पूर्णिया
श्यामल ठाकुर, पूर्णिया आपराधिक घटनाओं के लिए 2014 उथल-पुथल से भरा रहा। अमूमन आठ से दस लोगों की हत्
श्यामल ठाकुर, पूर्णिया
आपराधिक घटनाओं के लिए 2014 उथल-पुथल से भरा रहा। अमूमन आठ से दस लोगों की हत्या हर माह हुई है। साल के अंत में किराना दुकानदार नौशाद आलम की हत्या पूरे शहर को जख्म दे गया। बलात्कार एवं लूट व चोरी के मामले ने जिले को अशांत बनाकर रखा।
आंकड़ों पर गौर करें तो पूर्णिया में आपराधिक घटनाओं को ग्राफ कम नहीं हुआ। हर किस्म की आपराधिक घटनाएं हुई है। दो दिनों के भीतर जो हत्या की घटना हुई है वह लोगों को बहुत कुछ सोचने को मजबूर कर दिया है। शनिवार को अभिषेक पांडे की परिजनों के अनुसार हत्या की गई है। उसके साथ में गए दोस्त सड़क दुर्घटना बता रहे हैं। पुलिस भी इस घटना में हत्या की आशंका जताई है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि हत्या की कुछ ऐसी घटनाएं सामने आ रही है जिसे सड़क दुर्घटना का रूप दे दिया जा रहा है। एमवीआई कांड में भी ऐसा ही होने बात सामने आई है। पूरे साल के दौरान हुए आपराधिक घटनाओं के आंकड़ों पर गौर करें तो लगता है जिले में अपराधी बेलगाम हो गए हैं। पूरे साल में लगभग 98 लोगों की हत्या हुई है। जनवरी माह में सात लोगों की हत्या हुई है। फरवरी में तीन, मार्च 11, अप्रैल में 8 लोगों की हत्या हुई है। इसी तरह अपहरण के लिए दर्ज हुए प्राथमिकी पर गौर करें तो जनवरी में 17, फरवरी में 13, मार्च में 11, अप्रैल में 14 एवं मई में 19 मामले दर्ज हुए है। बलात्कार की घटना भी कम नहीं हुए है। जनवरी में 8, फरवरी में 3, मार्च में 10, अप्रैल में एक एवं मई में छह युवती दुष्कर्म के शिकार हुई है। पूरे साल के आंकड़े पर नजर डालें तो चोरी और सड़क लूट की घटनाएं सबसे ज्यादा हुई है। हर माह बीस से पचीस सड़क लूट की घटनाएं हो रही है। इसी तरह चोरी की घटना भी हर माह पन्द्रह से बीच हो रही है। आर्म्स एक्ट की घटना सामने आई है। उस अनुपात में डकैती की घटनाएं जिले में कम हुई है। पूरे साल में आठ घटनाएं हुई है। एक तरह से कहा जाय तो पूर्णिया में आपराधिक घटनाएं थमने का नाम नहीं लिया है।