नए परिसीमन में होगा पंचायत चुनाव
राम प्रकाश गुप्ता, भागलपुर
यूं तो पंचायत चुनाव होने में अभी दो वर्ष शेष हैं, पर प्रशासनिक स्तर इस इसकी तैयारी शुरू हो गई है। खास यह कि अगला पंचायत चुनाव नए परिसीमन में होगा। वैसे, इसमें पंचायतों की संख्या नहीं बढे़गी-घटेगी।
राज्य निर्वाचन आयोग निर्देश पर जातीय जनसंख्या को आधार मानकर पंचायतों के पुनर्गठन की तैयारी चल रही है। सभी जिलों को ग्राम स्तर पर जनसंख्या के आधार पर कार्य करने का निर्देश दिया गया है। जिले में कुल 242 पंचायत और 3120 वार्ड हैं। पंचायत स्तर पर चुनाव की सबसे छोटी इकाई वार्ड या ग्राम है। ग्राम स्तर पर तैयार मतदाता सूची ही त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव का आधार बनती है। वार्ड सदस्य, पंच मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के चुनाव का आधार भी वार्ड है। अब पंचायत या वार्डों के नए सिरे से पुनर्गठन में 2011 की जनसंख्या को आधार माना जाएगा।
जानकारी के अनुसार विधानसभा व लोकसभा की तर्ज पर पंचायतों की सीमा का फिर से निर्धारण किया जाएगा। 2009 का लोकसभा और 2010 का विधानसभा चुनाव नए परिसीमन पर हुआ था। इसमें क्षेत्रों की संख्या नहीं बढ़ी थी लेकिन क्षेत्रफल में अंतर आया था। पुनर्गठन को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी पंचायत और ग्राम स्तर पर जनसंख्या की जानकारी मांगी है। इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ी जाति की जनसंख्या का विशेष रूप से उल्लेख करना है। लेकिन किसी भी प्रखंडों के पास वार्ड या पंचायत स्तर पर जनसंख्या का रेकार्ड नहीं है। जिला स्तर पर सांख्यिकी विभाग ने भी पंचायत स्तर पर जनसंख्या की जानकारी होने से हाथ खड़े कर दिए हैं। यह भी निर्देश दिया गया है कि ग्राम या वार्ड स्तर पर एससी, एसटी व पिछड़ा वर्ग के जनसंख्या की जानकारी देकर ही प्रकाशन करना है। आयोग ने सितम्बर माह में ही प्रकाशन का निर्देश दिया था लेकिन जनसंख्या का सही आंकड़ा नहीं मिलने के कारण इसका प्रकाशन होना संभव नहीं लग रहा है।
तीन दशक के अंतराल के बाद 2001 में पंचायत स्तर पर चुनाव हुआ था। जिस आरक्षण नीति के तहत चुनाव हुआ उसी आधार पर 2006 में भी हुआ। फिर 2011 के चुनाव में आरक्षण नीति बदली। इस बार 2011 की जनसंख्या के आधार पर वार्डों को पुनर्गठन करने की तैयारी चल रही है।