बिना डीइटी और एसडीओ के चल रहा पूर्णिया बीएसएनएल
-अधिकारियों और कर्मियों की कमी से जूझ रहा कटिहार मंडल
-कटिहार मंडल अंतर्गत 22 में सिर्फ 3 एसडीओ हैं कार्यरत
-पूर्णिया में चार एसडीओ में एक भी नहीं हैं कार्यरत, जेटीओ से लिया जा रहा काम
-जिले के 27 एसडीसीए के कई बीटीएस नहीं कर रहे ठीक से काम
- उपभोक्ता बदल रहे सेवा प्रदाता कंपनी
मनोज कुमार, पूर्णिया
अधिकारियों और कर्मियों की कमी से जूझ रहा है भारत संचार निगम लिमिटेड का कटिहार मंडल। आलम यह है कि पूर्णिया बिना डीइटी और एसडीओ के चल रहा है। नतीजा जिले के 27 एसडीसीए के कई बीटीएस ठीक से काम नहीं कर रहे हैं और उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। स्थिति ऐसी ही रही तो बीएसएनएल की सेवा लेना लोग छोड़ दें तो आश्चर्य की बात नहीं होगी।
एक ओर निजी टेलीकॉम कंपनियां नए-नए ऑफर लाकर उपभोक्ताओं को लुभाने में जुटी है वहीं बीएसएनएल उपभोक्ता कंपनी की उदासीन कार्य संस्कृति के शिकार हो रहे हैं। खराब सिग्नल, सेवा में कमी एवं कर्मियों के उदासीन रवैये से बीएसएनएल उपभोक्ता लगातार इससे दूर होते जा रहे हैं। उपभोक्ताओं को उत्कृष्ट सेवा प्रदान करने के लिए कटिहार टेलीकॉम मंडल में एसडीओ के 22 पद सृजित हैं लेकिन स्थिति यह है कि अभी मात्र 3 ही कार्यरत हैं। फिलहाल जेटीओ को प्रतिनियुक्त कर उनसे एसडीओ का काम लिया जा रहा है। पूर्णिया जिले में डीइटी का पद पिछले दो माह से रिक्त है। दो माह पहले यहां के डीइटी का ट्रांसफर हुआ था जिसके बाद यहां आज तक नये अधिकारी का योगदान नहीं हो सका है। जिस संस्थान के जिला स्तर पर सबसे बड़े अधिकारी का पद महीनों से खाली हो उसका संचालन कितनी मुश्तैदी से होता होगा, समझा जा सकता है। इतना ही नहीं यहां एसडीओ के चार पद हैं लेकिन फिलहाल एक भी एसडीओ नहीं हैं। तीन जेटीओ से ही जेटीओ और एसडीओ का काम लिया जा रहा है। जबकि जिले में 27 एक्सचेंज कार्यालय हैं। जिनमें पूर्णिया सदर एसडीसीए में 13, धमदाहा में 8 और बनमनखी में 6 एक्सचेंज हैं। उक्त एसडीसीए अंतर्गत दर्जनों बीटीएस हैं। लेकिन देखभाल एवं मॉनीटरिंग के अभाव में कई बंद रहते हैं जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है। अधिकारियों की कमी के कारण यहां टेलीफोन सेवा प्रभावित हो रही है और उपभोक्ता दूसरी टेलीकॉम कंपनियों की ओर मुखातिब हो रहे हैं।
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''पूर्णिया में सहरसा के डीइटी वाइके साह का तबादला किया गया है। सहरसा से विरमित होने के बाद वे शीघ्र यहां योगदान देंगे।''
एन के मल्लिक, डिविजनल इंजीनियर (एडमिनिस्ट्रेशन), कटिहार मंडल