सरकारी दर पर नहीं हो रही मक्का की खरीदारी
धमदाहा (पूर्णिया), संस : भारत सरकार के द्वारा बिहार के 11 जिलों में मक्का का समर्थन मूल्य 1310 रुपए प्रति क्विंटल करते हुए मक्का की खरीदारी एफसीआई से होनी थी। इस आशय की घोषणा 8 जुलाई को की गई थी और दो दिनों के अंदर खरीदारी शुरू करने की बात कही गई थी। इस खबर को सुनकर मक्का उपजाने वाले किसानों में काफी खुशी थी। जैसे-जैसे समय बीतता गया खरीदारी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं देख किसानों के अरमान दफन होने लगे। विगत दिनों पूर्णिया जिला अंतर्गत कतिपय किसान संगठनों के द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर खरीदारी नहीं किए जाने से आहत होकर इस नाकामी के विरोध आंदोलन चलाने की बात भी सामने आई थी। वह आवाज भी वक्त के साथ दबती नजर आ रही है। ऐसे में पूर्णिया जिले का मक्का उत्पादक विशेष रूप से धमदाहा के मक्का किसानों के अरमान धूल-धूसरित होते प्रतीत हो रहे हैं। पूर्णिया जिले के चारों अनुमंडलों में धमदाहा अनुमंडल में मक्का की खेती सर्वाधिक की जाती है। मक्का किसानों के इस अनुत्तरित यक्ष प्रश्न का समाधान करने हेतु न तो सामाजिक, राजनीतिक संगठन और न ही कोई जनप्रतिनिधिगण आगे आने को तैयार हैं। यहां पर यह स्मारित कराना उचित समझता हूं कि धमदाहा अनुमंडल के दो-दो प्रतिनिधि बिहार सरकार में काबिना मंत्री के रूप में कार्यरत हैं लेकिन परिणाम वही ढाक के तीन पात। यूं तो मक्का के कास्तकारों के घर मक्का के कुल उपज का 90 प्रतिशत हिस्सा या तो पूंजीपतियों के गोदाम में चला गया या मक्का आधारित उद्योगपतियों के घर बंद है। किसानों का तो यह भी कहना है कि भारत सरकार की यह घोषणा किसानों के लिए महज छलावा है। इस घोषणा का शत प्रतिशत लाभ सर्मायादारों और उद्योगपतियों को ही मिलने वाला है। दिनांक 14.7.14 को पूर्णिया के नवनिर्वाचित सांसदों के द्वारा प्रश्नकाल के दौरान मक्का का समर्थन मूल्य दो हजार रूपए किए जाने की मांग थी। यदि मक्का के समर्थन मूल्य पर किसान के मक्के की खरीदारी नहीं होती तो आने वाले दिनों में मक्का की खेती से किसान विमुख हो सकते हैं।