हस्ताक्षर न निशान, हो गया 25 लाख का भुगतान
मुकेश श्रीवास्तव, पूर्णिया
केनगर प्रखंड के गणेशपुर पंचायत में बीआरजीएफ, चतुर्थ राज्य वित्त आयोग और 13वीं वित्त आयोग की करीब 25 लाख की राशि का बगैर विपत्र व अभिलेख संधारण के भुगतान हो गया है। आलम है कि चापाकल व सोलर लाइटें कहां लगी पता ही नहीं। यहां एक ही फर्नीचर की बार-बार खरीदारी भी हुई है। आयुक्त के निर्देश पर उप निदेशक पंचायती राज द्वारा की गई जांच में इस बात का खुलासा हुआ है। उन्होंने जिला पंचायती राज पदाधिकारी को बीडीओ, पंचायत सचिव व मुखिया से शोकॉज मांगने का निर्देश देते हुए जिला अधिकारी से पिछले दस वर्षो के अभिलेख और योजनाओं की जांच कराने की अनुशंसा की है।
गणेशपुर पंचायत में आयुक्त के निर्देश पर उप निदेशक पंचायती राज ललित नारायण मिश्र की जांच बाद यह खुलासा हुआ कि यहा नियमों की अनदेखी कर पंचायत सचिव व मुखिया द्वारा लाखों की राशि का दुरुपयोग किया गया है। पंचायत के बीआरजीएफ, चतुर्थ वित्त आयोग, 13 वी वित्त आयोग की राशि वर्ष 2008-09 से 2012-2013 तक की लगभग सभी योजनाओं की स्थिति एक जैसी है। सभी अभिलेख सही ढंग से संधारित नही किए गए हैं। वही अभिलेख एवं विपत्र स्वीकृति में कहीं भी मुखिया का हस्ताक्षर नही किया गया है। बगैर स्वीकृति लिए ही लाखों रुपये आपूर्तिकर्ता को भुगतान किया गया है। जांचकर्ता ने अपनी रिपोर्ट में सरकारी राशि की बंदरबांट की आशंका जताई है।
रिपोर्ट के अनुसार बीआरजीएफ से सिर्फ पुस्तकालय का निर्माण किया गया है जबकि इसमें शौचालय निर्माण अपूर्ण है। अभिलेख में कहीं भी मास्टर रोल या नापी पुस्त अंकित नहीं है। कौन अभिकर्ता है इसका भी पता नहीं है। परन्तु राशि का भुगतान हो गया है। बीआरजीएफ एवं चतुर्थ राज्य वित्त आयोग की राशि से कागज में सैकड़ों चापाकल व दर्जनों सोलर लाइटें पंचायत में लगाई गई हैं। लेकिन चापाकल व सोलर लाइटें कहां लगी हैं इसकी कोई जानकारी अभिलेख में नहीं है। चापाकल व सोलर लाइट के आपूर्तिकर्ता को बगैर स्वीकृति के ही अंतिम विपत्र का भुगतान किया गया है। पंचायत में कोई भंडार पंजी संधारित नहीं है। एक ही फर्नीचर की बार-बार खरीदारी दिखाई गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए निदेशक ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी को बीडीओ पंचायत सचिव व मुखिया से शोकॉज मांगने का निर्देश दिया है। साथ ही दोषी पाए कर्मियों पर विधि सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
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कोट
''मामला संज्ञान में आया है। इसमें जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ प्राथमिकी, सर्टिफिकेट केस एवं अन्य दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। टीम गठित कर प्रत्येक पंचायतों की जांच भी कराई जाएगी। भ्रष्टाचार के मामले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।''
- अरविंद कुमार सिंह, जिला अधिकारी