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महिला बैंक अधिकारी को ठगने वाला फर्जी पत्रकार धराया

By Edited By: Published: Sun, 27 Jul 2014 07:59 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jul 2014 07:59 PM (IST)

जासं, पूर्णिया : महिला बैंक अधिकारी से एक लाख 78 हजार की ठगी करने वाले एक फर्जी पत्रकार को पुलिस ने रविवार को दबोच लिया। फर्जी रिपोर्टर दीपांकर वर्मा को पुलिस ने स्थानीय एक होटल से गिरफ्तार किया। ठग की गिरफ्तारी में धमदाहा डीएसपी दिलनवाज अहमद ने अहम भूमिका निभाई। दीपांकर ने खुद को किशनगंज जिले के ठाकुरगंज निवासी बताया है। पुलिस अधीक्षक अजीत सत्यार्थी ने स्वयं उससे पूछताछ की है। इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया।

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सेंट्रल बैंक की पूर्णिया शाखा में सहायक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं रागिनी कुमारी। फेसबुक के जरिये वह आज तक के कथित पत्रकार दीपांकर वर्मा के संपर्क में आई। दीपांकर ने बताया कि वह चैनल में ऊंचे ओहदे पर कार्यरत है। उसने अपना पता दिल्ली स्थित मयूरगंज बताया। फेसबुक के जरिए ही धीरे-धीरे उनमें निकटता बढ़ी। एक दिन रागिनी ने उससेअपने बहनोई के बारे में जानकारी दी जो भुवनेश्वर में सरकारी कर्मी हैं तथा साजिश के तहत किसी केस में फंसा दिए गए हैं। तब दीपांकर ने बताया कि कुछ पैसे खर्च होंगे, वह उन्हें केस से बरी करा देगा। बस, शुरू हो गया ठगी का सिलसिला। धीरे-धीरे उसने रागिनी से एक लाख 78 हजार रुपये ऐंठ लिए। लेकिन केस में कोई प्रगति नहीं हुई। तब बैंक अधिकारी को फर्जीवाड़े का एहसास हुआ। इसके बाद उसने पैसे देना बंद कर दिया तो वह उल्टे उसके जीजा को बदनाम करने की धमकी देने लगा। इसके बाद कथित पत्रकार ने उसे शादी का प्रलोभन भी दिया साथ ही बर्बाद करने की धमकी भी देने लगा। इस बीच एक बार जब वह बैंक कार्य से पटना गई तो वहां उसने आजतक चैनल के ऑफिस जाकर दीपांकर के बारे में जानकारी मांगी। तब उसके पैर तले की जमीन खिसक गई। दरअसल वहां उसे पता चला कि चैनल में दीपांकर नाम का कोई पत्रकार नहीं है। वहीं उसे धमदाहा डीएसपी दिलनवाज अहमद का नंबर मिला। उसने सारी जानकारी डीएसपी को दी। उन्होंने रागिनी को लगातार दीपांकर के कंटेक्ट में रहने की सलाह दी। डीएसपी के कहने पर ही उसने शादी की बात करने के लिए दीपांकर को पूर्णिया के एक होटल में बुलाया। वहां डीएसपी अहमद पहले से ही सादे ड्रेस में तैनात थे। पुलिस ने नाटकीय अंदाज में दीपांकर को गिरफ्तार कर लिया। फिर उसे एसपी अजीत सत्यार्थी के पास लाया गया जहां पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया गया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि महिला बैंक अधिकारी से कथित पत्रकार द्वारा जनवरी माह से ही आर्थिक शोषण किया जा रहा था। काम कराने के नाम पर जब मोटी रकम की मांग की गई तब कथित पत्रकार के बारे में पता लगाया जाने लगा और पुलिस के गिरफ्त में फंस गया।


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