डीजल सिंचाई योजना के लिए जिले को 2.40 करोड़ आवंटित
कोट :-'जिले में डीजल सिंचाई योजना को सफलीभूत करने के लिए चार टीम गठित की गई है। दो सदस्यीय यह टीम पंचायतों में भ्रमण कर किसानों को इस योजना के प्रति जागरूक करेगी व उन्हें लाभान्वित कराएगी। 98 हजार हेक्टेयर में धान उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने में यह कार्यक्रम बेहद सहायक होगा।' : इंद्रजीत प्रसाद, जिला कृषि पदाधिकारी।
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खरीफ फसलों की सिंचाई के लिए 25 रूपये प्रति लीटर की दर से मिलेगा अनुदान
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प्रति सिंचाई के लिए मिलेंगे 250 रूपये प्रति एकड़
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वर्षापात कम होने से जिले में सूखे की स्थिति कायम
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पूर्णिया, जागरण संवाददाता : सरकार ने सिंचाई के लिए डीजल अनुदान कार्यक्रम का शुभारंभ 18 जुलाई से कर दिया है। पूर्णिया जिले को इस योजना के तहत 2.40 करोड़ रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ है। निर्धारित प्रक्रिया को अपनाकर किसान इस योजना से लाभान्वित हो सकते हैं।
मिली जानकारी के अनु़सार सामान्य कृषकों के लिए 1.75 करोड़, अनुसूचित जाति के लिए 58.48 व अनुसूचित जन जाति के किसानों के लिए 6.68 करोड़ रूपये का आवंटन जिले को मिला है। 18 जुलाई से आरंभ की गई इस योजना के जरिए खरीफ फसलों की सिंचाई के लिए 25 रूपये प्रति लीटर की दर से अनुदान प्राप्त होगा। किसानों को प्रति सिंचाई के लिए 250 रूपये प्रति एकड़ प्राप्त होगे। यह अनुदान धान बिचड़ा के लिए 2 बार सिंचाई, धान के लिए तीन बार सिंचाई व मक्का के लिए तीन बार सिंचाई के लिए प्राप्त होगा। अनुदान का लाभ किसानों एवं बटाईदारों को देने की घोषणा सरकार द्वारा की गई है।
इस योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को सलाह दी गई है कि वे अधिकृत विक्रेता से डीजल प्राप्त कर सिंचाई कर लें। अनुदान प्राप्त करने के लिए डीजल खरीद का कैशमेमो विहित प्रपत्र के साथ संलग्न कर आवेदन देना होगा। बताया गया है कि जिस खेत की सिंचाई के लिए अनुदान का दावा किया जाना है, उस खेत के आसपास खेती करने वाले दो किसानों से आवेदन पत्र सत्यापन कराना होगा। इस आवेदन पत्र को बीडीओ द्वारा पंचायत के लिए अधिकृत कृषि समन्वयक अथवा किसान सलाहकार के पास जमा कराना होगा।
विदित हो कि सूबे के अन्य जिलों के साथ पूर्णिया भी सूखे की मार झेल रहा है। जुलाई माह में गत वर्ष के 366 एमएम की तुलना में इस माह अब तक महज 151 एमएम बारिश ही रिकार्ड की गई है। औसत से काफी कम बारिश होने से किसान परेशान है व उनके समक्ष सिंचाई की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। वर्षापात कम होने से खेतों में खर-पतवार बढ़ जाता है व इससे फसलों की उत्पादकता पर असर पड़ता है। उधर सरकार भी फसलों के निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति के लिए चिंतित है। ऐसे में डीजल अनुदान कार्यक्रम का आरंभ कर किसानों को राहत पहुंचाने की कवायद शुरू की गई है।
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