पता है, लालू को किसने सताया और जेल भिजवाया, पढ़ें ये खबर...
अपनी बातों को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहने वाले राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को बहुत सताया गया है। जनता की सेवा करना उसे रास नहीं आया तो जेल भिजवा दिया। तरह-तरह के हथकंडे अपना कर राजनीति करने से रोकने और परेशान करने की कोशिश की गई।
पटना। अपनी बातों को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहने वाले राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को बहुत सताया गया है। जनता की सेवा करना उसे रास नहीं आया तो जेल भिजवा दिया। तरह-तरह के हथकंडे अपना कर राजनीति करने से रोकने और परेशान करने की कोशिश की गई। ऐसा हम नहीं कह रहे, लालू ने मीडिया को खुद ये बातें बताई हैं।
लालू ने कहा कि उनके मन में कोई खोट नहीं है। ऐसा रहता तो जदयू सरकार को दो बार समर्थन नहीं करते। लड़ाई भाजपा से है। सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में हम लोग हजार किलोमीटर आगे बढ़ चुके हैं। इसके लिए किसी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। इतने पर ही लालू नहीं रुके उन्होंने कहा, भाजपा का सताया हुआ व्यक्ति हूं। उसने ही जेल भिजवाया था और अब गठबंधन के खिलाफ भ्रम फैलाकर फूट डालना चाहती है। इसके लिए मीडिया का भी सहारा ले रही है।
दिल्ली से पटना पहुंचते ही बुधवार को जल्दबाजी में प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर संवाददाताओं से बात की। लालू भाजपा, आरएसएस व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री का दावेदार नहीं हूं। मेरे चुनाव लडऩे पर ही रोक है। मेरे परिवार में भी कोई मुख्यमंत्री का दावेदार नहीं है।
बाद में यह भी कहा कि न्यायालय से दोष मुक्त होने पर मैं माला जपने का तो काम नहीं करूंगा। प्रदेश की जनता ने पन्द्रह वर्षों तक सत्ता में रखा। मेरे बाल-बच्चे राजनीति में आएगे तो उनको किस प्रकार रोक देंगे। मुख्यमंत्री पद की अभी तो कोई वैकेंसी नहीं है। इस पद के लिए कोई मारामारी भी नहीं है।
लालू ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को गठबंधन में शामिल होने के सुझाव पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन में प्रजातंत्र पर खतरा है। इसकी रक्षा के लिए मांझी सहित लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले सभी दलों को साथ लाने का प्रयास है। जनता को यह कहने का मौका नहीं मिलेगा कि मैंने प्रयास नहीं किया। इस कड़ी में ही नीतीश कुमार ने भाकपा को साथ लाने का प्रयास किया है।