भारत में बना यह AC जैकेट, दो मिनट में करता क्लाइमेट कंट्रोल
बिहार के नवादा में स्वदेशी तकनीक पर आधारित एक ऐसा जैकेट बनाया गया है, जिसमें बटन दबाते ही क्लाइमेट कंट्रोल किया जा सकता है। यह जैकेट शीघ्र ही बाजार में धूम मचाने वाला है।
पटना [अमित आलोक]। जैकेट तो आपने बहुत देखे व पहने होंगे, लेकिन यह जहा हट कर है। गर्मी हो या सर्दी, हर मौसम में पहना जाने वाला यह जैकेट दो मिनट के अंदर क्लाइमेट कंट्राेल करता है। इसके लिए इसमें 'क्लाइमेट गियर' लगा है। बिहार के नवादा में निर्माणाधीन पूर्णत: देसी तकनीक से बना यह जैकेट शीघ्र ही बाजार में धूम मचाने वाला है। केंद्र सरकार भी इसे लेकर गंभीर है।
देसी तकनीक से हुआ निर्माण
बिहार में पहली बार पूर्ण देसी तकनीक से बना ऐसा जैकेट लांच किया गया है जिसमें तापमान घटाने-बढ़ाने की सुविधा है। इसके निर्माण में प्रयुक्त सभी उपकरण देश में बने हैं। इसका विकास भी देश में किया गया है।
दो मिनट में क्लाइमेट कंट्रोल
बिहार के नवादा स्थित खानवा के 'भारती हरित खादी' संस्थान में बने इस जैकेट में रिमोट से माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तापमान को दो मिनट के भीतर 20 डिग्री सेल्सियस किया जा सकता है। इसी तरह 50 डिग्री के गर्म तापमान को भी बटन दबाते ही दो मिनट में 20 डिग्री तक लाया जा सकता है।
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पॉकेट में यूजर फ्रेंडली रिमोट
नवादा के 'भारती हरित खादी' के निदेशक विजय पांडेय कहते हैं कि जैकेट में तापमान को नियंत्रित करने के लिए यूजर फ्रेंडली रिमोट है। इसे जैकेट के बाएं साइड के निचले पॉकेट में दिया गया है। लाल बटन तापमान बढ़ाने तथा हरा बटन घटाने के लिए है। इस रिमाेट को क्लाइमेट गियर का नाम दिया गया है।
इस तकनीक पर काम करता जैकेट
यह जैकेट ऑल वेदर एसी की तकनीक पर काम करता है। इसमें बैटरी से चलने लायक अपेक्षित सुधार किए गए हैं। जैकेट के अंदर ठंडी व गर्म हवा के फैलाव के लिए छोटे-छोटे पंखे लगाए गए हैं। यह डिवाइस मोबाइल की चार्जेबल बैटरी से संचालित होता है। इसके संचालन के लिए एक रिमोट (क्लाइमेट गियर) होता है। इस तकनीक का इजाद एक इंजीनियरिंग छात्र क्रांति ने किया है।
मॉडल का शीघ्र होगा प्रदर्शन
विजय पांडेय कहते हैं कि फिलहाल इसका मॉडल बनाया गया है, जिसे जल्दी ही प्रदर्शित किया जाएगा। ऐसे फुल व हाफ जैकेट के निर्माण में क्रमश: 25 हजार व 18 हजार की लगात आई है। बिक्री मूल्य अभी तय नहीं किया गया है।
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टूरिस्ट से लेकर सैनिक तक कर सकते उपयोग
विजय पांडेय ने बताया कि इसका उपयोग स्नो-फॉल आदि वाले स्थानों पर जाने वाले टूरिस्ट तो कर ही सकते हैं, यह सियाचीन जैसी ठंडी जगह पर तैनात हमारे वीर सैनिकों के लिए भी उपयोगी है। गर्म रेगिस्तानी इलाकों में भी यह जैकेट उपयोगी साबित होगा।
बिक्री के लिए जल्दी ही होगा उपलब्ध
विजय पांडेय कहते हैं कि इस जैकेट का मूल्य अभी निर्धारित नहीं किया गया है। शीघ्र ही इसका निर्धारण कर इसे बाजार में उपलब्ध करा दिया जाएगा। इसे फ्लिपकार्ट, अमेजन आदि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी बिक्री के लिए रखा जाएगा।
नीति आयोग से हुई बात
विजय पांडेय ने बताया कि उन्होंने इस जैकेट के प्रमोशन को लेकर बुधवार की देर शाम दिल्ली में नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत से मुलाकात की। इस दौरान जैकेट के सेना से लेकर सिविल उपयोग के विभिन्न पहलुओं पर वार्ता हुई।
'मेक इन इंडिया' का नायाब उदाहरण
विदित हो कि केंद्र की भाजपा सरकार खादी की बिक्री बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 'मन की बात' कार्यक्रम में खादी के उपयोग की अपील कर चुके हैं। पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित यह इस केंद्र की पीएम मोदी सरकार के 'मेक इन इंडिया'का नायाब उदाहरण है। नवादा से सांसद व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिह ने भी इस जैकेट की सराहना की है।