नशीली दवा की अधिसूचना का विरोध रहेगा जारी
पटना। रविवार को राजधानी में पूरे बिहार के केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की बैठक अध्यक्ष प
पटना। रविवार को राजधानी में पूरे बिहार के केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की बैठक अध्यक्ष पीके सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें सभी 38 जिलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सदस्यों ने मूलत: औषधि नियंत्रण प्रशासन द्वारा 17 फरवरी को नशीली दवाओं की बिक्री संबंधी जारी अधिसूचना (नोटिफिकेशन) के दो बिंदुओं पर कड़ी आपत्ति जताई। निर्णय लिया गया कि उक्त नोटिफिकेशन वापस ने लेने की स्थिति में एसोसिएशन कड़ा विरोध दर्ज कराएगा।
क्यों कर रहे विरोध
एसोसिएशन के पटना शाखा के सचिव संतोष कुमार ने बताया कि व्यापारियों का कहना है कि हर माह के प्रथम सप्ताह में ड्रग इंस्पेक्टर के पास जाकर साइकोटोपिक दवा खरीद-बिक्री की सारी जानकारी देना व्यवहारिक नहीं है। इससे इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा और भयदोहन होगा। इसके अलावा भारत में किसी भी अन्य राज्य में डाइफेन हाइड्रामिन केमिकल को नशीली दवाओं की सूची में शामिल नहीं किया गया था। बिहार में यह पहली बार हुआ, इसमें बेनाड्रिल सहित सभी कफ शीरप नशीली दवा की सूची में आ गई हैं जो उचित नहीं है। पहले से कोरेक्स और फिंसाड्रिल नशीली दवा की सूची में शामिल थी, जिसका सभी व्यापारी पालन भी कर रहे थे।
प्रधान सचिव ने दी राहत
इस बीच बैठक के एक दिन पहले शनिवार को एसोसिएशन को प्रधान सचिव और ड्रग नियंत्रक का पत्र मिला। जिसमें एक स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसिजर (एसओपी) कमेटी बनाने की बात कही गई है। इस कमेटी के अध्यक्ष औषधि नियंत्रक होंगे। चार ड्रग इंसपेक्टर और केमिस्ट और ड्रगिस्ट एसोसिएशन के तीन सदस्य कमेटी के सदस्य होंगे। कमेटी के गाइडलाइन और देख-रेख में नकली दवा की रोकथाम के लिए छापेमारी की जाएगी। इसके अलावा अब व्यापारियों को छोटी तकनीकी गलतियों के कारण लाइसेंस निलंबन आदि जैसी प्रताड़ना बंद होगी। एसोसिएशन का कहना है कि सरकार का रुख सकारात्मक रहा तो हम भी सहयोग करेंगे।