तेजस्वी बोले : सुशील मोदी 'अफवाह मियां', उन्हें अपनी भूमिका खत्म होने का डर
डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने सुशील मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इन दिनों उन्हें अपनी भूमिका खत्म होने का डर सता रहा है। इस कारण वे अनावश्यक व गलत बयानबाजी करते हैं।
पटना [जेएनएन]। उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने भाजपा नेता व पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को 'अफवाह मियां' कहा है। उन्होंने कहा कि सुशील मोदी को बिहार का विकास पच नहीं पच रहा है।उनको कोई काम नहीं रह गया है। वे अपनी भूमिका खत्म होने को लेकर चिंतित हैं। कहा कि सुशील मोदी अपच की वजह यह है कि अगर केंद्र और राज्य के बीच संबंध अच्छे हो जाएंगे तो उनकी भूमिका ही खत्म हो जाएगी।
तेजस्वी ने कहा, ''हैरत की बात यह है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष मैैंने जब हाजीपुर और छपरा के छह आरओबी सहित बिहार के लंबित 53 आरओबी का मामला उठाया तो उन्होंने सकारात्मक मदद का आश्वासन देते हुए मंच से कहा था कि रेलवे की फाइल सोलह-सोलह कमरे में घूमती हैैं। सुशील मोदी भी गडकरी की सभा में मौजूद थे। वहां उन्होंने कुछ नहीं कहा और पटना पहुंचते ही गलतबयानी कर रहे हैैं।
पढ़ें : इस 'चुम्मा' से मुसीबत में शिल्पा, कोर्ट ने कहा- हाजिर हों...
उप मुख्यमंत्री ने कहा, ''मैैं तो उप मुख्यमंत्री के पुत्र के समान हूं। वह तो हमारे सीनियर हैैं। अगर कोई नौजवान अच्छा काम करे तो तारीफ करनी चाहिए। जिस समय नंदकिशोर यादव बिहार के पथ निर्माण मंत्री थे उस समय से ही 27 आरओबी केंद्र सरकार के पास लंबित है। मैैंने 26 और आरओबी के प्रस्ताव को उसमें जोड़ कर इसकी संख्या 53 की। इसमें चार छपरा और दो हाजीपुर के आरओबी हैं। केंद्र ने इन छह आरओबी को मंजूरी नहीं दी है।
आगे कहा, मैैंने तो केंद्रीय रेल मंत्री को इन छह आरओबी पर फिर से विचार करने को कहा है। आने वाले समय में जब एक साथ गंगा पर कई पुल शुरू हो जाएंगे तो हाजीपुर और छपरा पर लोड बढ़ेगा। इसलिए ये जरूरी है। ऐसी कोई शर्त नहीं लगायी कि ये छह नहीं हुए तो शेष अन्य आरओबी का काम भी नहीं होगा।
पढ़ें : दलित अल्पसंख्यक सम्मेलन में बोले गुलाम नबी, दंगे कराकर शोर मचाती BJP
तेजस्वी ने कहा कि उनपर पक्षपात का आरोप लगाने वाले मोदी को मालूम होना चाहिए कि मैैंने सिंगल लेन की सड़कों को डेढ़ लेन में तब्दील करने के लिए नाबार्ड को 1800 करोड़ और इंटरमीडिएट लेन की सड़कों को दो लेन में बदलने के लिए एडीबी को 3000 करोड़ के प्रस्ताव भेजे हैैं। यह किसी एक खास इलाके के लिए नहीं बल्कि पूरे बिहार के लिए है। मोदी अब कमरे की राजनीति कर रहे हैैं। यह उचित नहीं है।