तीन हजार करोड़ से स्मार्ट बनेगी अपनी राजधानी
राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने वाली विकास परियोजनाओं की लागत तीन सौ करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है।
पटना। राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने वाली विकास परियोजनाओं की लागत तीन सौ करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। पहले विकास परियोजनाओं पर खर्च होने की राशि 2558 करोड़ रुपये आंकी गई थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मुख्य सचिव और रेल अधिकारियों के साथ हुए डिस्कशन के बाद इसमें कई और परियोजनाएं जोड़ दी गई हैं। अब परियोजना की लागत तीन सौ करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई है। पटना नगर निगम की ओर से स्मार्ट सिटी के लिए परियोजनाओं की ड्राफ्ट कर रही एजेंसी अंतिम रूप देने में जुटी है। 23 मार्च तक पटना नगर निगम प्रमंडलीय आयुक्त के माध्यम से मुख्य सचिव के पास प्रस्ताव भेजा जाएगा। 25 मार्च के बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी राज्य के सभी शहरों के स्मार्ट सिटी के प्रस्ताव को अनुमोदित करते हुए केंद्र सरकार को भेज देगी।
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ज्यादा लोगों को लाभ पहुंचाने की कवायद
मिशन स्मार्ट सिटी के परियोजनाओं के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ देने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें कलेक्ट्रेट से दीघा तक बनने वाला रिवर फ्रंट डेवलपमेंट एरिया अब 60 फीट चौड़ा बनाने, वीरचंद पटेल स्थित सुल्तान पैलेस को हेरिटेज भवन के रूप में संरक्षित करने, पटना जंक्शन के आसपास बनने वाले व्यावसायिक परिसर, पार्किंग, हॉकर्स कॉम्पलेक्स, ग्रीन रूफ निर्माण व गांधी मैदान के निकट बांकीपुर बस अड्डा परिसर में बहुमंजिली भवन निर्माण आदि का प्रपोजल शामिल है।
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प्रस्ताव में हैं ये बड़ी परियोजनाएं
- नाला को ढककर सड़क का निर्माण
- स्मार्ट सिटी के लिए चयनित क्षेत्र में ई-लाइब्रेरी।
- पटना के विभिन्न क्षेत्रों में अवस्थित निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की दीवारों पर लगेगी आकर्षक कलाकृति।
- चयनित क्षेत्र में जगह-जगह वाटर एटीएम, निगम की कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां होंगी जीपीएस से लैस।
- प्रमुख सड़कों का चयन कर वहां विज्ञापन/होर्डिग के लिए कम स्थान तय करना।
- यातायात एकीकृत नियंत्रण के छह मंजिला भवन में बनेगा निगम का कंट्रोल रूम।
- स्मार्ट एरिया को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए ई रिक्शा परिचालन को प्राथमिकता के लिए प्लान तैयार करना।
- एबीडी एरिया को स्लम फ्री करना, स्मार्ट रोड का निर्माण
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कोट ::
स्मार्ट सिटी परियोजना से जुड़े सभी कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रस्ताव को 23 मार्च तक राज्य सरकार के समक्ष भेजा जाएगा। वहां से केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
- अभिषेक सिंह, नगर आयुक्त।