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तिहाड़ जेल पहुंचे शहाबुद्दीन, दिल्‍ली में लगे नीतीश-लालू मुर्दाबाद के नारे

सिवान के पूर्व एमपी शहाबुद्दीन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बिहार से तिहाड़ जेल शिफ्ट कर दिया गया है। शहाबुद्दीन के दिल्‍ली पहुंचने पर वहां नीतीश व लालू के खिलाफ। जमकर नारेबाजी हुई।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 19 Feb 2017 08:15 AM (IST)Updated: Sun, 19 Feb 2017 11:25 PM (IST)
तिहाड़ जेल पहुंचे शहाबुद्दीन, दिल्‍ली में लगे नीतीश-लालू मुर्दाबाद के नारे

पटना [जेएनएन]। बिहार के बाहुबली व पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सिवान जेल से दिल्ली के तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। शहाबुद्दीन को लेकर ट्रेन जैसे ही नई दिल्ली जंक्शन पहुंची, समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा। समर्थकों ने बिहार की महागठबंधन सरकार को जमकर कोसा तथा नीतीश व लालू के खिलाफ नारेबाजी की।

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शहाबुद्दीन को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दिल्ली लाया गया। इसके बाद स्टेशन पर बिखरे पड़े समर्थक अचानक प्लेटफॉर्म संख्या 13 पर पहुंचे गए, जहां उन्हें लेकर ट्रेन पहुंची थी। दिल्ली पुलिस को भी अनुमान नहीं था कि दिल्ली में भी शहाबुद्दीन के इतने समर्थक हो सकते हैं।

समर्थकों ने स्टेशन पर शहाबुद्दीन जिंदाबाद के नारे लगाए। समर्थक घटनाक्रम के लिए बिहार की महागठबंधन सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे थे। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। समर्थकों का गुस्सा राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के खिलाफ भी फूटा। लालू व नीतीश मुर्दाबाद के नारों से स्टेशन स्टेशन परिसर गूंजने लगा।

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समर्थक शहाबुद्दीन के पास आना चाहते थे। पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद उन्हें स्टेशन से बाहर निकाल कर पुलिस वैन से तिहाड़ जेल रवाना किया। इसके पहले रास्ते में समर्थकों ने शहाबुद्दीन के पुलिस वैन को सड़क पर भी फॉलाे किया।
शहाबुद्दीन को तिहाड़ ले जाने के क्रम में पूरे रास्ते में सुरक्षा की खास व्यवस्था की गई थी। जेल के आसपास तीन लेयर में सुरक्षा के प्रबंध किए गए थे। जेल के निकट भी समर्थकों की भीड़ दिखी, लेकिन सुरक्षा बल लोगों को हटाते रहे।

इसके पहले शहाबुद्दीन को शनिवार की शाम 05.30 बजे संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस से भेजा गया। ट्रेन में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई। पटना में भी शहाबुद्दीन के रेलवे स्टेशन पर पहुंचते ही समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी थी।

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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते 15 फरवरी को शहाबुद्दीन को एक हफ्ते में सीवान जेल से तिहाड़ जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया था। पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन और तेजाब कांड में अपने बेटों को गवाने वाले चंदा बाबू की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने शहाबुद्दीन से जुड़े मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कराने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही जेल में उन्हें किसी प्रकार की विशेष सुविधा देने से मना किया था। उन्हें जेल में एक सामान्य नागरिक की तरह रखने का निर्देश दिया गया था।
शहाबुद्दीन के खिलाफ 45 मामले लंबित हैं। इनमें 9 मामले हत्या के हैं। बाकी अपहरण, हत्या के प्रयास जैसे गंभीर मामले हैं।

कोर्ट ने कुल 10 मामलों में शहाबुद्दीन को दोषी करार दिया है। हालांकि, वर्ष 2016 में उन्हे पटना हाईकोर्ट ने तेजाब हत्याकांड में जमानत दे दी। इसके खिलाफ याचिका दाखिल करके बिहार सरकार, चंदा बाबू और आशा रंजन ने शहाबुद्दीन की जमानत रद्दा करने की मांग की। पीड़ित पक्ष को राहत देते हुए कोर्ट ने शहाबुद्दीन की जमानत रद्द कर दी और सिवान जेल ट्रांसफर करने का आदेश दिया। पीड़ित पक्ष निष्पक्ष सुनवाई के लिए शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल में रखने की मांग कर रहा था, जिसे कोर्ट की ओर से मंजूरी देते दी गयी।


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