लालू के इस बयान से मुश्किल में पड़ सकते शहाबुद्दीन, जानिए मामला
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के एक बयान के कारण शहाबुद्दीन की मुश्किलें बढ़ सकतीं हैं। लालू ने कहा था कि शहाबुद्दीन ने उन्हें फोन किया था।
पटना [जेएनएन]। पूर्व सांसद व राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता मो. शहाबुद्दीन के खिलाफ मंगलवार को सीबीआइ ने पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में चार्जशीट दाखिल की। यह पहली बार है कि सीबीआइ ने किसी मामले में शहाबुद्दीन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। खास बात यह है कि जेल में रहकर जेल के बाहर के शहाबुद्दीन के कनेक्शन को लेकर लालू प्रसाद यादव का हालिया बयान उनके गले की फांस बन सकता है।
विदित हाे कि मंगलवार को मुजफ्फरपुर में सीबीआइ कोर्ट में शहाबुद्दीन के खिलाफ राजदेव रंजन की हत्या को लेकर आइपीसी की धारा 302, 120 बी और आर्म्स एक्ट के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया। सीबीआइ ने माना कि राजदेव रंजन की हत्या एक खबर के प्रकाशन के कारण की गई थी। शहाबुद्दीन फिलहाल दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं। विभिन्न मामलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उनकी पेशी होती है।
लालू ने किया था संपर्कों का खुलासा
सीबीआइ की चार्जशीट से स्पष्ट है कि शहाबुद्दीन का जेल में रहकर जेल के बाहर संपर्क था। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पिछले दिनों अपनी सीवान यात्रा के दौरान एक जनसभा में कहा था कि उनके पास शहाबुद्दीन के फोन आए थे। उन्होंने कहा था कि ये फोन सीवान में सांप्रदायिक तनाव के संबंध में आए थे, जिसमें शहाबुद्दीन ने एसपी को 'खत्तम' बताया था। शहाबुद्दीन के समर्थकों को आशंका है कि लालू के उस बयान को सीबीआइ राजदेव रंजन हत्याकांड में साक्ष्य बना सकती है।
बयान को साक्ष्य बना सकती सीबीआइ
शहाबुद्दीन के खिलाफ अन्य मामलों में भी लालू के बयान को साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। अभियोजन पक्ष यह तर्क देगा कि जेल में रहने पर भी शहाबुद्दीन बाहर की दुनिया के संपर्क में रह अपराध को अंजाम देते थे। सिवान के चर्चित एसिड बाथ डबल मर्डर में उम्रकैद की सजा पाए शहाबुद्दीन पर तो जेल से निकलकर घटनास्थल पर आने और हत्या कराने के आरोप लगे हैं। इस डबल मर्डर के गवाह राजीव रोशन की हत्या की सुनवाई में भी लालू के बयान को साक्ष्य बनाया जा सकता है।