कांग्रेस का छलका दर्द, कहा- विश्वास न था कि नीतीश महागठबंधन से निकल जाएंगे
बिहार कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार महागठबंधन सेे यूं निकल जाएंगे इस बात का उन्हें विश्वास नहीं था।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा है कि नीतीश कुमार महागठबंधन सेे यूं निकल जाएंगे इस बात का उन्हें विश्वास नहीं था। सदानंद सिंह शुक्रवार को विधानसभा में लाए गए नीतीश सरकार के विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ बोल रहे थे।
श्री सिंह ने कहा कि मैं नीतीश कुमार को अच्छा मुख्यमंत्री मानता था। लेकिन वे महागठबंधन तोड़ देंगे इस बात का अंदाज नहीं था। गठबंधन बनाकर जिस भाजपा को रोकने के लिए वे आगे आए थे अब उसी भाजपा के साथ चले गए हैं।
जिस भाजपा ने नीतीश कुमार के डीएनए का मसला उठाकर उन्हें अपमानित किया था आज नीतीश कुमार उसी की गोद में जा बैठे हैं।
उन्होंने शंका जाहिर करते हुए कहा, मुझे लगता है नीतीश कुमार वहां लंबे समय तक नहीं रह पाएंगे। उन्हें एक बार फिर धर्मनिरपेक्षता की ओर आना ही होगा।
दर्शक दीर्घा में बैठे नजर आये कांग्रेस पार्टी के पूर्ववर्ती मंत्री
बीस महीने तक सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही बिहार कांग्रेस की मजबूरी है कि वह अब विपक्ष में बैठे। शुक्रवार का इसका नमूना भी दिखा। कांग्रेस के तमाम विधायक जहां सदन में सत्ता पक्ष के सामने विपक्ष के पाले में बैठे थे तो कल तक कांग्रेस कोटे से सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस के कई दिग्गज चेहरे विधानसभा की दर्शक दीर्घा में दिखाई पड़ रहे थे।
शुक्रवार को बिहार विधानसभा में नई सरकार के मुखिया नीतीश कुमार विश्वासमत प्राप्त करने वाले थे। इस यादगार मौके को कोई भी छोडऩा नहीं चाहता था। कुछ ऐसा ही हाल राज्य सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस के कुछ सदस्यों का भी था।
कल तक सरकार में बतौर शिक्षा मंत्री शामिल डॉ. अशोक चौधरी तथा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रहे डॉ मदन मोहन झा के साथ ही कांग्रेस के दो अन्य पार्षद दिलीप चौधरी और तनवीर अख्तर भी सदन की कार्रवाई देखने के लिए दर्शक दीर्घा तक पहुंच गए।
इनके अलावा संजय सिंह, सचिदानंद राय, लाल बाबू प्रसाद और विनोद नारायण झा भी यहां दिखे। दरअसल डॉ. चौधरी, मदन मोहन झा समेत अन्य पार्षद विधानसभा के सदस्य नहीं है। इस वजह से वे नीचे विपक्षी पाले की बजाय दर्शक दीर्घा में बैठे कार्रवाई देखने को मजबूर थे।