RESULT SCAM : बिना ट्रांजिट रिमांड पटना लाए गए ऊषा-लालकेश्वर, कोर्ट ने भेजा जेल
रिजल्ट घोटाले के आरोपी लालकेश्वर प्रसाद तथा उनकी पत्नी ऊषा सिन्हा को सोमवार को वाराणसी में गिरफ्तार किया गया था। पटना की अदालत ने उन्हें 14 दिन के लिए बेउर जेल भेज दिया है।
पटना [जेएनएन]। बिहार बोर्ड के रिजल्ट घोटाला के आरोपी बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद तथा उनकी पत्नी व पूर्व विधायक डॉ. ऊषा सिन्हा को आज पटना की अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने लालकेश्वर और उषा सिन्हा की जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दिए।
स्वास्थ्य जांच सहित अन्य औपचारिकताओं के बाद दोनों को 4 जुलाई तक के लिए बेउर जेल भेज दिया गया है। उधर इन्हें वाराणसी में शरण देने के आरोपी प्रभात जायसवाल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने उसे भी जेल भेजने के आदेश दिए। तीनों सोमवार को वाराणसी से गिरफ्तार किए गए थे।
विदित हो कि लालकेश्वर, उनकी पत्नी तथा वाराणसी में उनके शरणदाता प्रभात जायसवाल को एसआइटी ने सोमवार को गिरफ्तार किया था। मंगलवार सुबह करीब पांच बजे बिना ट्रांजिट रिमांड हासिल किए ऊषा व लालकेश्वर को लेकर बिहार के लिए चली। देर रात तक न्यायिक अधिकारी के आवास का दरवाजा नहीं खुलने के कारण पुलिस ने ऐसा कदम उठाया। उन्हें गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर पटना के कोर्ट में पेश किया गया।
एसआइटी की टीम उन्हें लेकर निजी वाहन से आज दोपहर पटना पहुंची। पटना के सिविल कोर्ट में दोनों की पेशी हुई। पूरे कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था।
पूर्व कुलपति के घर बिताए दो दिन
आठ जून को पद से इस्तीफा देने के बाद लालकेश्वर ने मगध विश्वविद्यालय के एक पूर्व कुलपति से अंतिम बार बात की थी। इसकी पुष्टि उनके कॉल रिकॉर्ड से हुई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक लालकेश्वर और उनकी पत्नी ऊषा फोन पर बात करने के बाद बहादुरपुर स्थित घर में ताला लगाकर पूर्व कुलपति के घर चले गए।
वहां दो दिन रहने के बाद 10 जून को तड़के दोनों कार से लखनऊ के लिए रवाना हो गए। बता दें कि लालकेश्वर की बेटी पूर्व कुलपति की बहू हैं। पूर्व कुलपति पर निगरानी की जांच चल रही है।
शराब माफिया ने दी शरण
लालकेश्वर प्रसाद और उनकी पत्नी ऊषा सिन्हा को शराब माफिया का संरक्षण भी प्राप्त था। शराब माफिया की मदद से दोनों 10 दिनों तक पुलिस गिरफ्त से दूर रहे। वाराणसी के कीनाराम अघोर आश्रम के पास उनके साथ पकड़ा गया रिश्तेदार प्रभात जायसवाल शराब का कारोबार करता है। उसने एक करीबी की मदद से लालकेश्वर और ऊषा को छिपाने का ब्लूप्रिंट तैयार किया था।
एसएसपी मनु महाराज ने आरोपियों को शराब माफिया का संरक्षण होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि आरोपी को आश्रय देने वाले भी दोषी हैं। उनके विरुद्ध भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रभात के दोस्त ने बुक कराया होटल
लखनऊ में लालकेश्वर और ऊषा की मुलाकात प्रभात जायसवाल के एक दोस्त से हुई, जो शराब का व्यवसायी है। उसने अपने नाम पर एक परिचित के होटल में पहले से कमरा बुक कर रखा था। वहां वे 15 जून तक वे ठहरे। जब उन्हें मालूम हुआ कि पुलिस टीम लखनऊ के लिए रवाना हुई है तो वे कार से वाराणसी आ गए।
वाराणसी में प्रभात ने उन्हें होटल में ठहराया। वे लंबे समय तक वे एक जगह पर नहीं रह सकते थे, इसलिए उन्होंने कुछ दिन कीनाराम अघोर आश्रम में बिताने का निर्णय लिया। वे जानते थे कि घनी आबादी वाले इलाके में भीड़ के बीच निकलकर भागना संभव होगा।