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बिहार में टूटा बाढ़ से मौत व बर्बादी का रिकार्ड, मरने वालों की संख्या 350 पार

बिहार में बाढ़ ने बर्बादी व मौत के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। नदियां अब ढ़लान पर हैं, लेकिन जिंदगी का पटरी पर आना शेष है।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 21 Aug 2017 10:11 PM (IST)Updated: Tue, 22 Aug 2017 06:12 PM (IST)
बिहार में टूटा बाढ़ से मौत व बर्बादी का रिकार्ड, मरने वालों की संख्या 350 पार
बिहार में टूटा बाढ़ से मौत व बर्बादी का रिकार्ड, मरने वालों की संख्या 350 पार

पटना [राज्य ब्यूरो]। उत्तर बिहार की बाढ़ ने पिछले नौ वर्षों की बर्बादी और मौत का रिकार्ड तोड़ दिया है। राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2008 की विनाशकारी बाढ़ के बाद पहली बार डूबकर मरने वालों की संख्या ढाई सौ के पार पहुंची है। पिछले वर्ष भी 33 जिलों में आई बाढ़ से इतनी मौत नहीं हुई थी। इस वर्ष बाढ़ लाने वाली बड़ी नदियां सिर्फ आठ-दस दिनों तक ही उफान पर रहीं, लेकिन इतने दिनों में ही इन्होंने जानमाल को भारी नुकसान पहुंचाया।
राज्य सरकार के प्रारंभिक आकलन के मुताबिक पिछले वर्ष तीन चरणों में आई बाढ़ से भी इतनी क्षति नहीं हुई थी, जितनी एक चरण की बाढ़ में इस बार हुई है। अभी तक मृतकों की संख्या 350 के पार पहुंच गई है। हालांकि आपदा प्रबंधन विभाग ने अबतक 304 के मरने की पुष्टि की है।

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अधिकतर नदियों का जलस्तर अब ढलान की ओर है, लेकिन जलजमाव वाले इलाकों में आमलोगों की जिंदगी को पटरी पर लाना सरकार के सामने बड़ी चुनौती बनी हुई है। 
अलर्ट पर मुजफ्फरपुर शहर
बूढ़ी गंडक में पानी के भारी दबाव से रविवार रात मुशहरी प्रखंड के रोहुआ माई स्थान के पास और भटौलिया में पुलिया ध्वस्त हो गई। इससे शहर पर बाढ़ का खतरा है और आवागमन भी बाधित है। शहरी क्षेत्र को अलर्ट कर दिया गया है। पानी का दबाव बना हुआ है। पुलिया 40 मीटर में छह-सात भागों में टूट गई है। पास में ही पानी के तेज बहाव से करीब 50 मीटर गडढा हो गया है। अब सड़क टूटकर पानी में गिर रही है।

भटौलिया चौर स्थित छोटी पुलिया भी दो खंडों में टूट गई। इससे भी आवागमन बंद हो गया है। कांटी, मीनापुर व मोतीपुर में बाढ़ की स्थिति धीरे-धीरे विकराल होती जा रही है। दो दर्जन से अधिक पुल-पुलियों व आधा दर्जन सड़कों के पास तेजी से कटाव हो रहा है। मुशहरी प्रखंड कार्यालय परिसर में पानी घुस गया है।
सीमांचल में अब कम हो रहा पानी
कटिहार के कुछ इलाकों को छोड़ दें तो पूर्वी बिहार, कोसी और सीमांचल इलाके में पानी अब उतर रहा है, किंतु राहत का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है। पीडि़तों में आक्रोश है। सुपौल में कोसी का उतार-चढ़ाव जारी है। कटाव शुरू हो गया है। सहरसा में भी पानी ढलान पर है। मधेपुरा के गांव बाढ़ से उबरने लगे हैं पर राहत नहीं मिलने के कारण आक्रोश बढ़ रहा है। खगडिय़ा में स्थिति यथावत है। पूर्णिया और किशनगंज में पानी घट रहा है।
कटिहार में स्थिति यथावत
महानंदा का जलस्तर नीचे जा रहा है। गंगा स्थिर है और कोसी में मामूली वृद्धि है। कुछ इलाकों में पानी उतरना शुरू हो गया है। मनिहारी और अमदाबाद में बाढ़ के पानी का फैलाव जारी है। खगडिय़ा में बागमती और कोसी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। हालांकि गंगा और बूढ़ी गंडक ने राहत दी है।

बाढ़ की फैक्ट फाइल, एक नजर
- कुल मौत : 304

- प्रभावित जिले : 18
- प्रभावित प्रखंड : 171
- प्रभावित पंचायत : 1965
- प्रभावित आबादी : 1.27 करोड़
- निष्क्रमित आबादी : 7.21 लाख
- राहत शिविर : 1358
- सामुदायिक रसोई : 2569
- खाने वाले : 4.92 लाख
बाढ़ से किस वर्ष कितनी मौतें, एक नजर
- 2017 : 304
- 2016 : 243
- 2013 : 218
- 2014 : 113
- 2008 : 434
 


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