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बिहार में आसमान से बरस रही आग, तीन दिनों तक हीट वेव से राहत नहीं

राजधानी पटना समेत पूरा प्रदेश भीषण गर्मी की चपेट में है। हालांकि, तापमान में आंशिक कमी आई है, लेकिन भीषण गर्मी और लू का कहर जारी है। अगले दो दिनों तक एेसी ही स्थिति बने रहने की आशंका है। इससे प्रदेश में पेयजल संकट पैदा हो गया है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 25 Apr 2016 02:41 PM (IST)Updated: Tue, 26 Apr 2016 10:25 AM (IST)

पटना। राजधानी पटना समेत पूरा बिहार इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है। तापमान में आंशिक कमी जरूर आई है, लेकिन राज्य में भीषण गर्मी और लू की तपिश से राहत नहीं मिली है। हवा में कम आर्द्रता के कारण लू की तपिश अगले दो दिनों तक जारी रहेगी।

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राजधानी पटना और गया में लगातार सातवें दिन हीट वेव ने कहर बरपाया। मौसम विभाग ने मंगलवार और बुधवार को भी सूबे में हीट वेव की चेतावनी जारी की है। गर्मी की वजह से पूरे प्रदेश में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

कृषि पर पड़ा असर

कृषि पर भी इसका साफ असर देखा जा रहा है। बढे तापमान की वजह से साग-सब्जियों और फलों के दामों में भी बेतहाशा वृद्धि हुई है। राहत की बारिश की आस में लाेग आसमान पर नजरें गड़ाए हुए हैं। बादल आते तो हैं, लेकिन बारिश की संभावना नजर नहीं आ रही है।

चल रही लू, सूख रहे हलक

पटना में हीट वेव का कहर यह है कि सुबह नौ बजे के बाद ही सड़कों पर निकलना मुश्किल हो जा रहा है। सुबह के बाद धीरे-धीरे मौसम की तल्खी लगातार बढती जाती है। इस वजह से लोग बहुत जरूरी होने पर ही घरों से निकल रहे हैं। गर्म हवाओं का सबसे ज्यादा असर स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों पर पड़ रहा है। स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति पर असर तो पड़ ही रहा है, उनके अस्पताल पहुंचने का सिलसिला बढ़ रहा है। हीट वेव के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृ्द्धि दर्ज की जा रही है।

पटना व गया में राहत नहीं

पटना और गया जिले के अधिकतम तापमान में आंशिक गिरवाट आने के बावजूद सोमवार को भी वे काफी गर्म स्थान रहे। पटना का तापमान सोमवार को जहां 42.5 डिग्री सेल्सियस रहा, वहीं यह रविवार को 43.3 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था। प्रदेश के गया में आज अधिकतम तापमान 42.1 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि एक दिन पहले यह 43.3 डिग्री सेल्सियस था।

भागलपुर और पूर्णिया भी चपेट में

पूर्णिया सहित पूर्वी इलाके के 13 जिलों में अब तक हीट वेव नहीं थी, लेकिन सोमवार से पूरा सूबा हीट वेव की चपेट में आ गया है। सोमवार को भागलपुर का पारा 42.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो एक दिन पहले एक डिग्री अधिक था। लेकिन, पूर्णिया का अधिकतम तापमान 41.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।

चंपारण का पारा 40 पार

पूर्वी चंपारण में तेज धूप व गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। सोमवार की दोपहर गर्मी के कारण लोगों की भीड़ सड़कों पर काफी कम रही। दोपहर दो बजे का तापमान 40 डिग्री रहा। पश्चिम चंपारण में भी गर्मी व तेज धूप का कहर जारी है। दोपहर दो बजे का तापमान 41 डिग्री दर्ज किया गया। पश्चिम चंपारण के बगहा में भी दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

तीन दिनों से लू की चपेट में मुजफ्फरपुर

मुजफ्फरपुर में बीते 22 व 23 अप्रैल को 43 डिग्री के बाद 24 अप्रैल को पारा एक डिग्री घटना था। सोमवार को

तापमान 41.2 डिग्री सेल्सियस रहा। जिले में तीन दिनों से लू चल रही है। स्कूल सुबह छह बजे से चल रहे हैं। सड़क पर सन्नाटा पसरा हुआ है। लोग घरों में दुबके हैं। आगे भी गर्मी बनी रहेगी।

अन्य जिलों में भी भीषण गर्मी

बिहार के अन्य जिलों की बात करें तो वहां भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। जमुई व बांका में तापमान 44 डिग्री रहा तो लखीसराय में अधिकतम तापमान 43 डिग्री तक पुहंच गया। खगड़िया में अधिकतम तापमान 42 डिग्री तक गया।

दरभंगा जिला पिछले तीन दिनों से भीषण गर्मी की चपेट में है। यहां का तापमान 41 डिग्री सेल्सियस रहा। जिले के कई हिस्सों जल संकट उत्पन्न हो गया है। जहानाबाद, मधेपुरा, सहरसा व कटिहार में भी तापमान 41 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है।

मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक एके सेन ने बताया कि भारत तीन ओर से समुद्र से घिरा है। अलनीनो के कारण समुद्री सतह का तापमान बढ़ा था। इस कारण देश में लगातार दो साल मॉनसून सामान्य से कम रहा। समुद्री सतह ठंडी नहीं हो सकी। यही कारण है कि इस गर्मी में इतने लंबे समय तक हीट वेव की स्थिति है। यह स्थिति पूरे मध्य भारत में है।

बिहार में पेयजल की समस्या, सूखे जैसी स्थिति

गर्मी में तापमान बढ़ने के साथ ही राज्य का भूमिगत जल स्तर घटा रहा है। पिछले साल अप्रैल के पहले सप्ताह की तुलना में इस वर्ष जल स्तर एक से डेढ़ फीट नीचे चला गया है। नदी जल प्रबंधन कोषांग और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के अनुसार मई-जून में नदियों का जल स्तर और तेजी से घटेगा। तालाब और अन्य जल स्रोत भी सूखने लगे हैं।

इसका असर खेतों पर भी पड़ा है। खेतों में दरारें आ रही हैं। निश्चित तौर पर सूखे जैसी इस स्थिति से किसानों को निबटना पड़ेगा। पिफलहाल तो पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है। राज्य के कई जिलों में लोग पीने के पानी के लिए दूर-दूर जा रहे हैं। आने वाले दिनों में बिहार में भी पेयजल संकट गहराने वाला है। हालांकि, राज्य सरकार के सात निश्चयों में पेयजल भी शामिल है।

बेहतर मॉनसून की उम्मीद

अंधेरे में रौशनी की लकीर बनकर आई है मौसम विभाग की भविष्यवाणी। मौसम विभाग ने इस साल अच्छे मॉनसून (106 फीसद) का भरोसा जताया है। विभाग का यह भी कहना है कि इस साल मॉनसून समय पर आएगा। ऐसा हुआ तभी खेतों की दरारें भरेंगी और अच्छी फसल होगी। लेकिन, सवाल यह है कि अगर इस भीषण गर्मी के बाद मॉनसून में विलंब हुआ या कम बारिश हुई तब क्या होगा?


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