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बिहार में बाढ़ : सारण के BST तटबंध में दरार, खतरे में दो लाख की आबादी

बिहार में नदियों का उफान कम हुआ है। इससे अगले कुछ दिनों के अंदर राहत की उम्मीद है। हालांकि सारण के बीएसटी तटबंध में दरार आ गई है तो पूर्वी चंपारण में भी एक बांध टूट गया है।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 25 Aug 2016 12:16 PM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2016 08:55 PM (IST)
बिहार में बाढ़ : सारण के BST तटबंध में दरार, खतरे में दो लाख की आबादी

पटना [जागरण टीम]। बिहार की नदियाें का जलस्तर गिर रहा है, लेकिन इनका कहर कम नहीं हुआ है। इस बीच आठ दिनों से पानी में घिरे लोगों का गुस्सा भी बढऩे लगा है। बाढ़ की वजह बने मध्य प्रदेश व झारखंड में मानसून के तेवर अब ठंडे पड़ गए हैं। वाणसागर में भी पानी सीमित हो गया है। इंद्रपुरी बराज के पास पानी का प्रवाह सतह पर आ गया है।
इस बीच गुरुवार को पूर्वी चंपारण के हरसिद्धि में 30 फीट तक बांध टूट जाने से सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है। उधर सारण जिला में बीएसटी बांध में दरार आ जाने के कारण करीब दो लाख की आबादी पर नए सिरे से खतरा मंडराने लगा है। इससे जयप्रकाश नारायण के पैतृक गांव सिताब दियारा पर भी खतरा बढ़ गया है।
बाढ़ का कहरः गंगा के रौद्र रूप के बीच जारी है जिंदगी की जिद्दोजहद...
बाढ़ प्रभावित इलाकों में कठिन हालात

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पटना समेत बिहार के कुछ जिलों में गंगा बुधवार को भी खतरे के निशान से ऊपर बहती रही। देर रात से जलस्तर घटने के संकेत हैं। हालांकि, भागलपुर, खगडिय़ा, मुंगेर व लखीसराय समेत सीमांचल में गंगा का तेवर अभी बरकरार है।
औरंगाबाद के ओबरा प्रखंड के कलेन घाट पर पुनपुन नदी में मंगलवार को हुए नाव हादसा में लापता छह ग्रामीणों में तीन के शव पुलिस ने बरामद किये हैं। हाजीपुर, छपरा, आरा, सासाराम, औरंगाबाद, बेगूसराय और बक्सर में बाढ़ की स्थिति अभी गंभीर बनी हुई है। भागलपुर में कई इलाके टापू में तब्दील हैं। एनएच 80 पर पानी चढ़ गया है। स्कूल बंद है। पलायन जारी है।
लखीसराय के पिपरिया में गंगा में नाव पलटने से एक सीआरपीएफ जवान समेत दो लोगों की मौत हो गई। कटिहार में भी एक व्यक्ति की डूब कर मौत हुई है।
पटना में गंगा, सोन, पुनपुन सहित अन्य नदियों के जलस्तर में मामूली वृद्धि हुई है। वहीं बाढ़ के पानी में डूबने से फतुहा व दनियावां प्रखंड में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। प्रखंडों में राहत में अनियमितता को लेकर बुधवार को कई स्थानों पर जाम लगाया गया।
सोन हुई शांत, अब गंगा घटेगी
गंगा में उफान सबसे ज्यादा सोन के पानी से ही आता है। इंद्रपुरी बराज से सोन में 19 अगस्त को 11.76 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। यह 1975 के बाद का सर्वाधिक पानी था। मगर बुधवार शाम 6 बजे सोन में डेहरी के पास 1.71 लाख क्यूसेक पानी का प्रवाह था। वाणसागर का स्टॉक भी सीमित हो गया है। सिर्फ 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
इसी तरह झारखंड के मोहम्मदगंज डैम से भी सिर्फ 52 हजार क्यूसेक का प्रवाह है। इतना पानी से सोन के जलस्तर पर कोई फर्क नहीं पडऩे वाला है। सोन शांत हो जाएगी तो गंगा का उफान भी ज्यादा समय तक बरकरार नहीं रहेगा।
राहत सामग्री के लिए हंगामा
भागलपुर में राहत शिविरों में भोजन नहीं मिलने से नाराज लोगों ने एनएच 80 को चार घंटे तक जाम कर दिया। इस दौरान मुंगेर-भागलपुर पथ पर आवागमन ठप हो गया। बरियारपुर में भी बाढ़ पीडि़तों ने प्रदर्शन किया। लखीसराय के भाजपा विधायक विजय कुमार सिन्हा समाहरणालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना पर मंगलवार की शाम से ही बैठे हैं।
समस्तीपुर के मोहिउद्दीननगर में भी राहत की मांग को लेकर सीपीएम ने अंचल कार्यालय पर प्रदर्शन किया। राजद नेताओं ने भी हंगामा किया। पटोरी-समस्तीपुर पथ को बाढ़ प्रभावित लोगों ने जाम किया।
समस्तीपुर में पांच की मौत
समस्तीपुर जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में गुरुवार को डूबने से पांच की मौत हो गई। विद्यापतिनगर प्रखंड अंतर्गत मऊ आखाड़ा घाट पर स्नान करने के क्रम में मऊ धनेशपुर उत्तर पंचायत निवासी अरूण सिंह के पुत्र राकेश सिंह की मौत हो गई। वहीं पटोरी में बाढ़ के पानी में डूबने से एक महिला समेत दो की मौत हो गई। बहादुरपुर पटोरी गांव में डूबी वृद्ध महिला व सुल्तानपुर छौड़ाही में डूबे युवक का शव निकाला जा चुका है। इसी प्रकार घटहो थाना क्षेत्र के बलान नदी सिमर घाट पर दो छात्रा की डूबकर मौत हो गई। वह गांव की अन्य लड़कियों के साथ स्नान करने गयी हुई थी। घंटो प्रयास के बाद दोनों के शव को बाहर निकाला जा सका।

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