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PM कैंडिडेट को ले महागठबंधन में मचा सियासी घमासान ...जानिए मामला

पटना में महागठबंधन के दलों ने रविवार को संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस बुलाई। लेकिन, एकता प्रदर्शन के लिए आयोजित इस बैठक में अगले पीएम कैंडिडेट के मुद्दे पर मामला फंस गया।

By Pramod PandeyEdited By: Published: Sun, 28 Aug 2016 12:16 PM (IST)Updated: Mon, 29 Aug 2016 11:14 PM (IST)

पटना [राज्य ब्यूरो ]। एकता प्रदर्शित करने के लिए महागठबंधन की बुलाई गई संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में पीएम कैंडिडेट के मुद्दे पर तीनों दलों में एक राय नहीं दिखी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने जहां साफ कह दिया कि उनकी पार्टी की ओर से पीएम पद के एकमात्र प्रत्याशी राहुल गांधी होंगे, वहीं राजद-जदयू के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे व वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि इसका फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व को करना है।

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विदित हो कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जदयू पीएम कैंडिडेट के रूप में प्रोजेक्ट करता रहा है। नीतीश की शराबबंदी मुहिम व इसे लेकर उनकी देशव्यापी यात्राओं को इससे जोड़कर देखा जाता रहा है। दूसरी ओर कांग्रेस ने भी समय-समय पर स्पष्ट किया है 2019 के लोकसभा चुनाव में उनके प्रधानमंत्री प्रत्याशी राहुल गांधी होंगे।

प्रेस कांफ्रेंस में गूंजा पीएम कैंडिडेट का मसला

बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद रविवार को राजद के प्रदेश कार्यालय में तीनों दलों के प्रदेश अध्यक्ष पहली बार एकत्र हुए थे। मकसद था, सरकार के नौ महीने के कार्यों को जनता के सामने ले जाना एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय पर अमल का ब्यौरा मीडिया को देना।

मगर पूरे प्रेस कांफ्रेंस के दौरान तीनों नेता केंद्र सरकार को ही कोसते रहे और मीडिया के ज्यादातर सवालों को टालते रहे। राजद के प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य की नौकरियों में 35 फीसद महिला आरक्षण के लिए सरकार की तारीफ करते हुए महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया।

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आरएसएस कीड़ा-मकोड़ा, इसका सफाया जरूरी

पूर्वे ने आरएसएस को कीड़ा-मकोड़ा बताया और कहा कि न्याय के साथ विकास के लिए इसका सफाया जरूरी है। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर आरएसएस के एजेंडे पर चलने का आरोप लगाया और कहा कि यह संगठन देश में अपना विधान लागू करने की फिराक में है।

बहुमत से पगलाई केंद्र सरकार

वशिष्ठ नारायण सिंह ने वर्तमान माहौल को देश की एकता के लिए खतरनाक बताया और कहा कि बहुमत ने केंद्र सरकार को पागल बना दिया है। केंद्र एवं भाजपा पर बेहद आक्रामक होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि नेहरू को भी इससे ज्यादा बहुमत मिलता था, मगर ऐसी आक्रामकता देश में पहली बार देखी जा रही है।

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देश में वैचारिक संकट का काल

वशिष्ठ ने कहा कि हाल की कुछ घटनाओं से देश में वैचारिक संकट उत्पन्न हो गया है। महागठबंधन की एकता को उन्होंने चïट्टानी बताया और कहा कि विधानसभा चुनाव में मॉडल पॉलिटिक्स पेश करते हुए बिहार ने पूरे देश को राह दिखाई है। राष्ट्रीय स्तर पर आरएसएस एवं भाजपा को चुनौती देने के लिए विकल्प दिया है।

चुनावी वादे पूरे करें पीएम मोदी

अशोक चौधरी ने केंद्र पर बिहार की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि आपदा के दौरान पीडि़तों की भावना से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। चुनाव पूर्व नरेंद्र मोदी ने बिहार के लिए जितने वादे किए थे, उनमें एक भी पूरा नहीं हुआ।


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