बिहार का सियासी घमासान पहुंचा हाईकोर्ट, RJD ने दायर की याचिका
बिहार का सियासी घमासान अब कोर्ट तक पहुंच चुका है। राजद को सरकार बनाने का मौका नहीं दिए जाने के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में गुरुवार को दो अलग-अलग लोकहित याचिका दायर की गई है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार का सियासी घमासान अब कोर्ट तक पहुंच चुका है। सर्वाधिक विधायकों वाली पार्टी राजद को सरकार बनाने का मौका नहीं दिए जाने के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में गुरुवार को दो अलग-अलग लोकहित याचिका दायर की गई है। अब शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ तय करेगी कि याचिका को प्राथमिकता के आधार पर सुना जाए या नहीं?
पहली याचिका बड़हरा से राष्ट्रीय जनता दल विधायक सरोज यादव व अन्य ने दायर की है जबकि दूसरी याचिका नौबतपुर के समाजवादी नेता जितेन्द्र कुमार की तरफ से दायर की गई है। याचिका में राज्यपाल के फैसले पर हैरानी जाहिर की गई है।
कहा गया है कि नियमत: सबसे पहले सबसे ज्यादा विधायकों वाली पार्टी राजद को सरकार बनाने का न्योता दिया जाना चाहिए था। नीतीश कुमार को आमंत्रित कर राज्यपाल ने संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया है। याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने एसआर बोमई केस में साफ कर दिया था कि ऐसी स्थिति में राज्यपाल एवं केन्द्र सरकार को क्या करना चाहिए।
गाइडलाइन होने के बावजूद ऐसा कदम उठाया गया। इसके साथ साथ सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में रामेश्वर प्रसाद एवं भारत सरकार के मामले में भी व्यवस्था दी थी कि अधिक विधायक वाली पार्टी को सरकार बनाने के लिए न्योता दिया जाना चाहिए। उसके इंकार करने पर ही दूसरी बड़ी पार्टी बुलाया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता के वकील जगन्नाथ सिंह ने बताया कि पूरा घटनाक्रम गैर संवैधानिक तरीके से हुआ। इसमें हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करना चाहिए।
दूसरी ओर अधिवक्ता दिनेश कुमार खुरपीवाला ने दायर याचिका में कहा है कि पहले तेजस्वी यादव को सरकार बनाने के लिए बुलाया जाना चाहिए था। क्योंकि राजद बड़ी पार्टी थी। ऐसा नहीं कर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 163,164 एवं अनुच्छेद 174 का खुला उल्लंघन किया गया है।