शहीद की चिता सजी तो लगने लगे पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे
जम्मू-कश्मीर के पंपोर में सीआरपीएफ के शहीद जवान संतोष साव का पार्थिव आज सुबह पंचतत्व में विलीन हो गया। 9 साल के मासूम बेटे प्रताप ने अपने शहीद पिता की चिता को मुखाग्नि दी।
पटना [राज्य ब्यूरो]। दक्षिणी जम्मू-कश्मीर के पंपोर में सीआरपीएफ के शहीद जवान संतोष साव का पार्थिव शरीर आज सुबह पंचतत्व में विलीन हो गया। शहीद संतोष के 9 साल के मासूम बेटे प्रताप ने अपने शहीद पिता की चिता को मुखाग्नि दी। इस मौके पर हजारों नम आंखों ने भी दी श्रद्धांजलि देकर अपने वीर सपूत को विदा कर दिया।
शहीद जवान संतोष की शवयात्रा में शहीद जवान अमर रहे के नारेों के बीच पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी खूब लगे। अधिकारियों ने राजकीय सम्मान दिया, तो साथी जवानों ने गोलियों से शहीद को सलामी दी।
इस दौरान सीआरपीएफ के डीआईजी नीरज कुमार, डीएम कंवल तनुज, एसपी बाबू राम व एएसपी राजेश भारती मौजूद थे। शहीद संतोष के पैतृक गांव टेंगरा से अंतिम यात्रा शुरू हुआ जो सिरीस स्थित पुनपुन नदी के तट पर पहुंचा। यहां राजकीय सम्मान के बाद अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में जिले भर के लगभग पांच हजार लोग शामिल हुए।
संतोष के है तीन बच्चे
शहीद संतोष के तीन छोटे-छोटे बच्चे है। डीएम ने शहीद के पत्नी से कहा कि दो बच्चों का औरंगाबाद सेंट्रल स्कूल में नामांकन कराया दिया जायगा। राज्य सरकार भी अपने तरफ से आप को मदद के लिए हर संभव तैयार है।
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कल पार्थिव शरीर पहुंचा था पटना
इससे पहले कल शहीद का पार्थिव शरीर पटना हवाई अड्डा पहुंचा जहां सीआरपीएफ बिहार सेक्टर ने उन्हें अपनी नम आंखों लेकिन चौड़ी छाती से भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस मौके पर सीआरपीएफ बिहार सेक्टर के अपर पुलिस महानिदेशक शैलेंद्र कुमार समेत बल के अन्य अधिकारियों व जवानों ने संतोष साव के पार्थिव शरीर के समक्ष अपने हथियार उलटे कर उन्हें 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया। इस आतंकी हमले में देश ने संतोष साव समेत अपने आठ जांबाजों को खोया है।
रविवार की शाम सवा आठ बजे शहीद संतोष साव का पार्थिव शरीर दिल्ली से एक सेवा विमान द्वारा पटना हवाईअड्डा पहुंचा। शहीद के शव की अगवानी के लिए हवाईअड्डा पर सीआरपीएफ के एडीजी शैलेंद्र कुमार, डीआइजी नीरज कुमार, कमांडेंट करुणा राय समेत अधिकारियों और जवान की पूरी कतार पहले से मौजूद थी।
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संतोष साव का पार्थिव शरीर पटना हवाईअड्डा से सडक मार्ग के द्वारा उनके गांव औरंगाबाद के बारुण स्थित उनके पैतृक गांव टेंगड़ा के लिए रवाना कर दिया गया। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को टेंगड़ा में सैनिक सम्मान के साथ किया गया। इस मौके पर सीआरपीएफ बिहार सेक्टर के डीआइजी नीरज कुमार मौजूद रहे।
15 जनवरी, 1984 को संतोष साव का जन्म औरंगाबाद के बारुण में हुआ था। किसान परिवार में जन्मे संतोष साव ने वर्ष 2008 में सीआरपीएफ को अपनी सेवा दी। अपनी समर्पित सेवा और कर्तव्य परायणता के साथ संतोष साव ने जम्मू-कश्मीर के अलावा असम को भी अपनी सेवाएं प्रदान की। सीआरपीएफ बिहार सेक्टर के एडीजी शैलेंद्र कुमार ने कहा कि संतोष साव देश के एक जांबाज सिपाही थे। देश उनके शहादत को हमेशा याद रखेगा।