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बिहार बोर्डः 2018 से इंटर में साइंस, आर्ट्स, कॉमर्स की बाध्यता होगी खत्म

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति वर्ष 2018 से इंटरमीडिएट परीक्षा के पूरे पैटर्न में बदलाव कर रहा है। अब आर्ट्स साइंस और कॉमर्स की बाध्यता नहीं होगी। । छात्र कोई भी विषय पढ़ सकेंगे।

By Pramod PandeyEdited By: Published: Sat, 22 Oct 2016 04:18 PM (IST)Updated: Sun, 23 Oct 2016 11:18 PM (IST)
बिहार बोर्डः 2018 से इंटर में साइंस, आर्ट्स, कॉमर्स की बाध्यता होगी खत्म

पटना [जेएनएन ]। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति वर्ष 2018 से इंटर में आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स की अलग-अलग पढ़ाई नहीं कराएगी। छात्र तीनों विषयों की पढ़ाई एक साथ ही करेंगे। रिजल्ट भी आइए, आइएससी और आइकॉम का नहीं, इंटरमीडिएट का मिलेगा। यानी इंटर में पढ़ाई में भी विषयों की बाध्यता खत्म की जा रही है। छात्र तीनों विषयों की पढ़ाई एक साथ कर सकेंगे।
यह फैसला शनिवार को हुई बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की गवर्निंग बॉडी की महत्वपूर्ण बैठक में हुआ। इस बैठक में 31 एजेंडों पर मुहर लगाई गई। इसके मुताबिक परीक्षा समिति वर्ष 2009 के पुराने प्रस्ताव को लागू करने को लेकर संजीदा है। इस प्रस्ताव को अब सरकार के पास भेजा जाएगा।
गवर्निंग बॉडी ने मेट्रिक व इंटर की कॉपी के मूल्यांकन के लिए रिटायर्ड शिक्षकों की भी सेवा लेगी। पूुराने शिक्षकों का पैनल बनाकर उनकी सेवा ली जाएगी। मूल्यांकन दर भी बढ़ा दिया गया है। हर कॉपी की जांच के बदले 4 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे। अब मैट्रिक में 12 की जगह 16 रुपये मिलेंगे।
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सबसे बड़ा बदलाव पढ़ाई और परीक्षा के पैटर्न में हुआ है। इसके मुताबिक 2018 से आर्ट, साइंस और कॉमर्स की बाध्यता खत्म हो जाएगी। अब केवल इंटरमीडिएट की डिग्री मिलेगी। छात्र अपने मन के अनुसार कोई भी विषय पढ़ सकेंगे। इसमें दो विषय भाषा के होंगे एवं तीन सब्जेक्ट के व एक विषय अतिरिक्त रख सकेंगे। यह जानकारी बिहार बोर्ड सूत्रों ने दी है।
छात्र दो भाषा और तीन वैकल्पिक और एक एच्छिक विषय चुन सकेंगे
बिहार बोर्ड के नए सिलेबस के अनुसार, छात्र कोई भी विषय लेकर इंटर कर सकेंगे। इसमें विषयों के चयन में कोई बाध्यता नहीं रहेगी। छात्र मनचाहा विषय लेकर पढ़ाई कर सकेंगे। 11वीं और 12 वीं कक्षा में छात्रों को अनिवार्य रूप से दो भाषाएं लेनी होंगी। उन्हें 12 भाषा समूहों में से इसका चयन करना होगा।
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वहीं 19 वैकल्पिक विषयों में से तीन विषयों को अनिवार्य रूप से लेना होगा। इसमें भी विषयों के चयन की कोई बाध्यता नहीं है। हालांकि छात्र भाषा समूह या वैकल्पिक विषय में से किसी एक विषय को रख सकता है जिसे एच्छिक माना जाएगा।
ये हैं वैकल्पिक विषय
गणित, जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान, रसायनशास्त्र, कंप्यूटर साइंस, इतिहास, राजनीतिशास्त्र, भूगोल, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र, गृह विज्ञान, संगीत, बिजनेस स्टडीज, एकाउंटेंसी, इंटरप्रेन्योरशिप, मल्टी मीडिया एंड वेब टेक्नोलॉजी, योग और शारीरिक शिक्षा।


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