नीतीश बोले- पर्यटक सिर्फ शराब पीने नहीं आते, वे संस्कृति को समझने आते हैं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी से बिहार के पर्यटन उद्योग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। बल्कि विदेशी पर्यटकों पर नौ फीसदी और देशी पर्यटकों में 68 फीसदी का इजाफा हुआ है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। शराबबंदी के बाद भी बिहार में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या में बड़े स्तर पर इजाफा हुआ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि शराबबंदी की वजह से पर्यटकों की संख्या कम होने की बात गलत है।
यह पूरी तरह से कुतर्क है कि शराब बंद होने का असर पर्यटकों की संख्या पर नकारात्मक रूप से पड़ता है। ताजा आंकड़ों के अनुसार 2015 की तुलना में बिहार आने वाले देशी पर्यटकों की संख्या में 68 प्रतिशत और विदेशी पर्यटकों की संख्या में नौ फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
आंकड़ों पर एक नजर
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2015 में 1.69 करोड़ देशी पर्यटक बिहार आए। वहीं 2016 में यह संख्या 2.85 करोड़ तक पहुंच गयी। यह इजाफा 68 प्रतिशत है। वहीं 2015 में बिहार पहुंचने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या 9.23 लाख थी जो 2016 मेें बढ़कर 10.10 लाख हो गयी। यह 9 फीसदी की बढ़त है। मालूम हो कि बिहार में 6 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है।
सिर्फ शराब पीने नहीं आते पर्यटक
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह धारणा बिल्कुल गलत है कि पर्यटक सिर्फ शराब पीने आते हैैं। बिहार ने तो यथार्थ को देश के सामने रख दिया है। बिहार में शराबबंदी के बाद भी पर्यटक आ रहे हैैं। बढ़ोतरी अच्छी-खासी है। मैैंने तो केरल मेें अपनी एक सभा में यह बात कही। दूसरे राज्य बिहार आकर इसका अध्ययन कर सकते हैं।
होजरी और प्लास्टिक के उत्पादों में भी जोरदार बढ़ोतरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी की वजह से लोगों का बिहार में जो पैसा बच रहा है उसका असर भी दिखने लगा है। सरकार के पास एक आंकड़ा यह भी है कि बिहार में होजरी की बिक्री में 49 प्रतिशत तथा प्लास्टिक के उत्पादों की बिक्री में 73 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। अन्य उपभोक्ता उत्पादों की बिक्री भी बढ़ी है।
कैलेंडर वर्ष के आधार पर होती है पर्यटकों की गणना
पर्यटकों के आमद की गणना कैलेंडर वर्ष के आधार पर होती है। यानी यह देखा जाता है कि जनवरी से दिसंबर तक कितने पर्यटक आए।