मजदूर नहीं, मालिकों के हक में बन रहा कानून
मजदूर नहीं, अब मालिकों के हक में कानून बन रहा है।
पटना। मजदूर नहीं, अब मालिकों के हक में कानून बन रहा है। बैंकिंग सहित सभी संगठित क्षेत्रों पर सरकार हमला बोल दी है। इसके विरोध में दो सितंबर को आम हड़ताल प्रस्तावित है, इसे समर्थन दिया जाएगा। यह बातें शनिवार को बुद्ध मार्ग स्थित बिहार स्टेट को-ऑपरेटिव फेडरेशन बिल्डिंग में निसार अहमद खान स्मृति व्याख्यान में वक्ताओं ने कही।
फेडरेशन की बिहार इकाई के अध्यक्ष बी प्रसाद ने कहा कि तीन तरह के हमले हो रहे हैं। कर्मियों की संख्या घटाने के लिए बैंकों का विलय किया जा रहा है। प्रबंधकीय पद्धति में बदलाव कर निजीकरण की भी राह आसान बनाई जा रही है। दूसरा यह कि बैंकिंग प्रणाली में निजी पूंजीपतियों की घुसपैठ कराई जा रही है। तीसरे तरह के हमले में नियुक्ति प्रक्रिया में परिवर्तन तथा वेतन एवं अन्य सेवा-सुरक्षा में कटौती की जा रही है।
मुख्य वक्ता एवं सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस के उपाध्यक्ष ज्ञान शंकर मजूमदार ने कहा कि केंद्र की मौजूदा सरकार आमलोगों की सुविधाओं में कटौती कर कारपोरेट को लाभ पहुंचा रही है। बैंक अब कंपनी कानून के दायरे में रहेंगे। इनकेशेयर बेचने के लिए किसी कानून में न तो संशोधन करना पडे़गा, न ही संसद की मंजूरी लेने की जरूरत पड़ेगी। जिनके कारण एनपीए की समस्या पैदा हुई उन्हें सजा देने के बजाय चौकीदार बनाने की योजना है। श्रम कानून मालिकों के पक्ष में बनाए जा रहे हैं। इसलिए दो सितंबर की हड़ताल को सफल बनाएं। बैंक इम्पलाईज फेडरेशन बिहार के सचिव रंजन राज ने धन्यवाद ज्ञापन किया, जबकि स्वागत भाषण महासचिव जय प्रकाश दीक्षित ने पढ़ा। कार्यक्रम में 300 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।