नीतीश ने कहा : मोदी चले थे बिहार को ललकारने, घुटने टेकेने पड़े
स्वाभिमान रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसे ही रैली को संबोधित करने आए, भीड़ का जोश दोगुना हो गया। तीखे शब्दों, विस्तृत आंकड़ों और बिहार के स्वर्णिम इतिहास के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा प्रहार किया।
पटना। तीखे शब्दों, विस्तृत आंकड़ों और बिहार के स्वर्णिम इतिहास के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा प्रहार किया। कहा कि 'चले थे बिहार को ललकारने, आज ही उन्हें घुटने टेकने पड़े।'
प्रधानमंत्री द्वारा अपने DNA को खराब कहे जाने से नाराज नीतीश भूमि अधिग्रहण विधेयक वापस लिए जाने की घोषणा का हवाला दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मेरे साथ लालू प्रसाद को देख बार-बार जंगलराज की बात कर रहे हैं। गरीब-गुरबा जग गया है, इसी कारण ऐसा कह रहे हैं। प्रधानमंत्री अपराध के झूठे आंकड़े पेश कर रहे हैं, हालांकि गुजरात में बिहार से अधिक अपराध हो रहे हैं।
'स्वाभिमान रैली' को संबोधित करने के लिए मुख्यमंत्री के खड़ा होते ही बैकग्राउंड में चुनावी गीत 'बिहार में बहार हो, नीतेशे कुमार हो...' गूंजने लगा। नीतीश ने कहा कि हमारे डीएनए में गड़बड़ी की बात कर प्रधानमंत्री ने बिहार को चुनौती दी है।
मेरे खून में अहंकार नहीं है; अलबत्ता, रग-रग में स्वाभिमान है। भाजपा के दफ्तर में बैठकर मेरी छाती तोडऩे की बात कही जाती है और ऐसी बात कहने वाले के साथ प्रधानमंत्री 'मेरे प्रिय मित्र' कहकर मुखातिब होते हैं। क्या यह मंगलराज है?
मंच पर मौजूद सोनिया गांधी की ओर देख नीतीश ने कहा कि 2013 में भूमि अधिग्रहण का बहुत बेहतर कानून बना था, लेकिन सत्ता में आते ही नरेंद्र मोदी इसे कमजोर करने लगे। हम लोगों ने इसके खिलाफ धरना दिया, देश भर में आंदोलन किया। खुशी की बात है कि आज स्वाभिमान रैली के दिन उन्हें झुकना पड़ा।
14 महीने तक इन्हें बिहार की याद नहीं आई। अब चुनाव नजदीक है तो 1.25 लाख करोड़ के विशेष पैकेज की घोषणा कर रहे हैं, जिसमें 87 प्रतिशत योजनाएं पुरानी हैं। मैंने 2.70 लाख करोड़ की योजनाएं बनाई हैं तो कह रहे कि पैसा कहां से आएगा। जब इरादे मजबूत होंगे तो पैसे का भी इंतजाम हो जाएगा। उन्होंने भीड़ को सतर्क किया कि भाजपा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडऩे की कोशिश करेगी। छोटी-छोटी जगहों पर दंगे कराएगी।