मांझी मंत्रिमंडल के फैसलों की खुले मन से होगी समीक्षा : नीतीश
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि वे अपने पूर्ववर्ती जीतन राम मांझी मंत्रिमंडल के सभी फैसलों कीे खुले मन से और नियमों के दायरे में समीक्षा करेंगे। उन फैसलों को लेकर उनके मन में किसी तरह का पूर्वाग्रह नहीं होगा। साथ ही उन्होंने यह
पटना। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि वे अपने पूर्ववर्ती जीतन राम मांझी मंत्रिमंडल के सभी फैसलों कीे खुले मन से और नियमों के दायरे में समीक्षा करेंगे। उन फैसलों को लेकर उनके मन में किसी तरह का पूर्वाग्रह नहीं होगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे बिहार के विकास के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे, ताकि बिहार के साथ-साथ देश की भी तरक्की हो। अपने सहयोगी दलों राजद और कांग्रेस के मंत्रिमंडल में शामिल होने के बावत उन्होंने कहा कि मैंने तो उन्हें आमंत्रित किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा।
राजभवन में 22 मंत्रियों के साथ पद और गोपनीयता की शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने 7, सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास पर आयोजित पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मेरे इस्तीफे के बाद बिहार के विकास कार्यों में जो कमी आई है, उसकी भरपाई दिन-रात मेहनत करके करने का प्रयास करूंगा। मेरी प्राथमिकता बिहार को पुन: विकास के रास्ते पर लाना है। इस काम में पुराना अनुभव मेरे काम आएगा। उसमें किसी तरह का प्रदूषण आने नहीं दूंगा।
नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी के कार्यकाल में लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों के बारे में कहा कि मैं समीक्षा के दौरान किसी तरह का पूर्वाग्रह या दुर्भावना नहीं आने दूंगा। शासन पूर्वाग्रह से नहीं चलाया जा सकता। उन्होंने राज्य में राजनीतिक संकट के स्थिति में राजद, कांग्रेस और भाकपा के द्वारा प्रदान किए गए सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा कि हमारी एकजुटता आगे भी बरकरार रहेगी। संवाददाता सम्मेलन में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह भी मौजूद थे।
नीतीश कुमार ने कहा कि नौ माह पूर्व जब उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया था तब परिस्थितियां कुछ ऐसी थीं कि मुझे इस्तीफा देना पड़ा, लेकिन लोग मेरे इस्तीफे से संतुष्ट नहीं थे। लोगों ने मुझसे कहा था कि जनता ने शासन करने का जनादेश आपको दिया था। बाद में मुझे भी इसका अहसास हुआ कि मेरा पदत्याग करना लोगों को पच नहीं रहा है। चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि मेरी प्राथमिकताएं वही होंगी, जो पहले से रही हैं। राज्य में कानून का राज, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा और आधारभूत संरचनाओं के विकास को प्राथमिकताओं में शामिल किया जाएगा। अगर पिछले कुछ महीनों में इसमें कमी आई है तो उसकी भरपाई की जाएगी। हम एक बार फिर विकास के रोडमैप पर तेजी से काम करेंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह लोगों का हमसे या हमारी पार्टी से अपेक्षाएं हैं, हम उन सभी अपेक्षाओं पर खïरा उतरने की कोशिश करेंगे। अपनी पूरी क्षमता से परिश्रम करेंगे, ताकि बिहार को विकास के रास्ते पर लाया जा सके।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार का सामना राजनीतिक तौर पर करूंगा, लेकिन दोनों सरकारों की जो जिम्मेदारी है उसका निर्वहन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विकास एकांगी नहीं होना चाहिए, क्योंकि बिहार देश के सबसे पिछड़े राज्यों में शामिल है। हमारा एकमात्र उद्देश्य बिहार को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाना है। हम केंद्र से बिहार की सभी वाजिब मांगों पर बात करेंगे। केंद्र से हमे कई अपेक्षाएं हैं और हमारा मकसद केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करना होगा।