झाऱखंड के CM रघुवर ने नीतीश से पूछे सवाल तो JDU तिलमिलाया...जानिए
शनिवार को झारखंड के सीएम रघुवर दास के बयान को लेकर जदयू नेतृत्व तिलमिलाया रहा। पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कानून का डंडा चलाने तक की नसीहत दे दी।
पटना [वेब डेस्क ]। झारखंड के सीएम रघुवर दास अपने विरोधियों पर कम ही हमलावर होते हैं। लेकिन शनिवार को उनके अंदाज पर बिहार में बवाल मचा रहा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सितंबर महीने के झारखंड दौरे को लेकर उन्होंने एेसी बात कह दी जिससे जदयू के नेता तिलमिला उठे। कानून का डंडा चलाने से लेकर चुप रहने की नसीहत तक दी गई।
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने साफ कहा कि कठोरतम कार्रवाई होगी। कानून का एेसा डंडा चलेगा कि झारखंड के मुख्यमंत्री को अहसास हो जाएगा कि राजनीति में वाचाल होना कितना बुरा होता है। रघुबर दास ने सीएम नीतीश कुमार से पूछा था कि वे बताएं कि सितंबर में जब वे जमशेदपुर के कार्यक्रम में आए थे तो उनके साथ आए बीस-पच्चीस लोगों ने होटल के कमरे में क्या किया था?
रघुबर दास का बयान जैसे ही मीडिया में आया, जदयू के प्रवक्ता भी सामने आ गए। नीरज कुमार ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि असंसदीय टिप्पणी छोड़िए। वाचालता अच्छी नहीं है। कानून का एेसा डंडा चलाएंगे कि अहसास हो जाएगा कि राजनीति में बिना सोचे समझे बोलने का मतलब क्या होता है।उधर रघुबर दास के इस बयान का लोग अपने-अपने हिसाब से मतलब निकालते रहे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दस सितंबर को जमशेदपुर के दौरे पर थे। रघुवर दास ने अपने बयान में इस तिथि का भी उल्लेख किया। इसके बाद जैसे हंगामा मच गया। रघुबर दास ने अपने बयान में बिना संकेत दिए नीतीश के साथ गए लोगों पर आरोप लगाए उससे लोग कयास ही लगाते रहे। लोग उनके बयान को बिहार में शराबबंदी से जोड़कर देखते रहे।
यह आरोप पहले भी लगते रहे हैं कि नीतीश कुमार जब भी प्रदेश से बाहर के दौरे करते हैं उनके साथ गए नेता वहां शराबबंदी न होने का फायदा उठाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी कई बार अपने बयान में यह आरोप लगा चुके हैं लेकिन जदयू की ओर से कभी इसका प्रतिवाद नहीं किया गया। लेकिन चूंकि रघुवर दास खुद भी मुख्यमंत्री हैं इसलिए उनके बयान को जदयू ने गंभीरता से लिया है।