2020 तक पेपरलेस हो जायेंगे बिहार के अधिकांश सरकारी ऑफिस, जानिए
वर्ष 2020 तक बिहार के सभी सरकारी कार्यालयों को पेपरलेस करने की कवायद जारी है। इसके लिए कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार के सरकारी कार्यालयों को पेपर लेस करने की दिशा में कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। कार्य प्रमुखता से हो इसके लिए सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग ने एक ओर जहां 'सर्विस प्लस फ्रेमवर्क' तैयार किया है वहीं दूसरी ओर बिहटा और बक्सर में नाइलेट (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफरमेशन टेक्नोलॉजी) के माध्यम से राज्य कर्मचारियों के कंप्यूटर प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जा रही है।
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 2020 तक राज्य सरकार के अधिकांश कार्यालय पेपरलेस करने की योजना है। इसके लिए विभाग ने सरकार के आदेश पर सर्विस प्लस फ्रेमवर्क पर कार्य प्रारंभ किया है। अब तक किसी प्रकार की सेवा उपलब्ध कराने के लिए आवेदन लेने एवं सेवा देने के लिए कंप्यूटर का उपयोग हो रहा है।
फ्रेमवर्क का उद्देश्य पूरी प्रक्रिया को कंप्यूटरीकृत करने की है। इस व्यवस्था के प्रभाव में आने से सरकारी दफ्तरों को पेपरलेस बनाना आसान होगा। विभाग से मिली आधिकारिक जानकारी के मुताबिक अभी श्रम संसाधन विभाग की 32 सेवाओं को फ्रेमवर्क पर स्थानांतरित किया गया है।
भविष्य में आरटीपीएस (लोक सेवा का अधिकार अधिनियम) को इस फ्रेमवर्क पर स्थानांतरित किया जाएगा। समय के साथ-साथ अन्य विभागों को भी इससे जोड़ा जाएगा ताकि कम से कम कागज का प्रयोग किया जा सके और काम भी समय पर पूरा हो।
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इस कार्य को करने के पहले विभाग ने सचिवालय कर्मचारियों के व्यापक प्रशिक्षण की योजना बनाई है। बिहटा और बक्सर में नाइलेट सेंटर की स्थापना की जा रही है। पटना में बिस्कोमान टॉवर में एक सेंटर चल रहा है, जिसमें राज्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
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