समाज के ताने नहीं झेल सकी दुष्कर्म पीड़ित मासूम, लिखा ये दर्दनाक सुसाइड नोट
दुष्कर्म की घटना के बाद समाज लड़की पर ही दोष मढ़ देता है। ऐसे ही एक मामले में टूट गई एक मासूम ने दर्दनाक सुसाइड नोट लिखकर मौत को गले लगा लिया।
पटना [जेएनएन]। कहते हैं कि मरते वक्त इंसान झूठ नहीं बोलता। अगर इस थ्योरी पर विश्वास करें तो उसे मासूम के साथ हवस के दरिंदे ने ही हैवानियत नहीं की थी, समाज व पुलिस ने भी अन्याय किया था। दुष्कर्म का शिकार होनें के बाद परिजनों ने लोक-लाज में छेड़खानी की एफआइआर दर्ज की, पुलिस भी मामले की लीपापोती में लगी रही। इधर, समाज ने ताना देना शरू कर दिया। परेशान लड़की ने खुदकशी कर ली।
नालंदा के हिलसा का यह मामला दब जाता, अगर लड़की का सुसाइड नोट उजागर न हुआ होता। उसमें 13 साल की उस मासूम ने अपने साथ हुए दर्दनाक हादसे काे लिखा है। साथ ही अपने गुनहगार के लिए फांसी की सजा मांगी है। हालांकि, वह आज भी खुलेआम घूम रहा है।
यह भी पढ़ें: अजब-गजब: ये है दो तोतों की लव स्टोरी, महबूबा को पिंजरे से आजाद करा ले गया प्रेमी
घटना बीते आठ मार्च की है। नालंदा जिले के हिलसा थाना क्षेत्र के ब्लॉक कॉलोनी में 13 साल की लड़की को घर में अकेली पाकर प्रेमरंजन भारती नामक युवक जबरन अंदर घुस गया। इसके बाद उसने उसके साथ दुष्कर्म किया। शाम में जब घर के लोग वापस आए तो लड़की ने उन्हें घटना की जानकारी दी।लेकिन, लोक-लाज के कारण माता-पिता दुष्कर्म के बदले छेड़खानी की एफआइआर दर्ज कराई।
एफआइआर के एक पखवारा बाद तक पुलिस ने आरोपी को नहीं पकड़ा। इधर, लड़की व उसके परिवार को लोग ताने मारने लगे। मासूम इसे सह न सकी और उसने शनिवार की रात सुसाइड नोट लिखकर खुदकशी कर ली। सुसाइड नोट में उसने ऐसी घटनाओं में पीडि़त लड़की के प्रति समाज की गलत सोच को भी उजागर किया है।
हैरत की बात यह है कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद पुलिस पूरे मामले को पारिवारिक विवाद मानकर चल रही है। इससे पुलिस कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है।
यह भी पढ़ें: JDU का बड़ा बयान, कांग्रेस स्वीकार करे CM नीतीश का वैकल्पिक नेतृत्व