फेसबुक अपडेशन में नीतीश से पीछे हैं मांझी
विवादित बयानों की वजह से सुर्खियों में आए मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी फेस-टू-फेस बहुत कुछ कह जाते हैं, लेकिन उनका फेसबुक पेज ज्यादा कुछ नहीं बोलता। वह नीतीश के मुकाबले में वर्चुअल वर्ल्ड में काफी पीछे हैं। पार्टी की ओर से चलाए जा रहे नीतीश कुमार के पेज हमेशा अपडेट होते
पटना ( विनय मिश्र)। विवादित बयानों की वजह से सुर्खियों में आए मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी फेस-टू-फेस बहुत कुछ कह जाते हैं, लेकिन उनका फेसबुक पेज ज्यादा कुछ नहीं बोलता। वह नीतीश के मुकाबले में वर्चुअल वर्ल्ड में काफी पीछे हैं। पार्टी की ओर से चलाए जा रहे नीतीश कुमार के पेज हमेशा अपडेट होते हैं और उसकी चर्चा भी होती है। मुख्यमंत्री का फेसबुक पेज 11 नवंबर को अपडेट हुआ है। वहीं नीतीश का पेज लगातार अपडेट होता रहता है। नीतीश के पेज को 493831 लाइक्स मिले हैं, जबकि मुख्यमंत्री मांझी के पेज को महज 483 लाइक्स। जीतनराम मांझी के मुख्यमंत्री बनने के कई महीनों के बाद 9 अक्टूबर को चीफ मिनिस्टर बिहार नाम से फेसबुक पेज बनाया गया। राज्य सरकार की वेबसाइट पर भी इसका लिंक है, लेकिन इसपर महज 39 पोस्ट हैं। वह भी नियमित नहीं।
किसी-किसी दिन छह या सात पोस्ट। फिर सन्नाटा। एक हफ्ते के बाद कुछ पोस्ट फिर। यानी जिसे अपडेट करने का जिम्मा दिया गया है, वह अपनी मर्जी से काम करता है। या फिर खुद मुख्यमंत्री की इसमें रूचि नहीं। इसके विपरीत नीतीश का फेसबुक पेज हमेशा चर्चा में रहता है। नीतीश अधिकांश बयान अब फेसबुक पर ही देते हैं। राजनीतिक बहस छेड़ते हैं। अपील करते हैं। आलोचनाओं का जवाब देते हैं।
इसी तरह ट्विटर पर नीतीश कुमार का व्यक्तिगत अकाउंट नहीं है। जदयू की ओर से संपर्क यात्र पर नीतीश के नाम से एक अकाउंट खोला गया है। दूसरी ओर यहां मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी उपस्थित हैं। मुख्यमंत्री का ऑफिसियल अकाउंट बिहार सीएम के नाम से है। इसमें भी मुख्यमंत्री पिछड़े हुए हैं। सिर्फ छह ट्वीट हैं। नीतीश कुमार से जुड़े अकाउंट पर 482। एक मजेदार आंकड़ा और है। नीतीश कुमार के पेज से सिर्फ छह लोगों को फॉलो किया गया है, जबकि उनके 452 फॉलोअर्स हैं। जीतनराम मांझी के फॉलोअर्स की संख्या मात्र 72 है, जबकि उन्होंने 166 लोगों को फॉलो किया है। मुख्यमंत्री के पेज पर कमेंट भी ज्यादा नहीं हैं। लाइक्स भी नहीं। कार्यक्रमों की तस्वीर से जुड़े कुछ कमेंट्स दिखते हैं, लेकिन वे भी नौकरी चाहने वालों के हैं। हां, एक दो कमेंट्स तो सीधे मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए लिखे गए हैं। उनमें एक यह भी है कि मुख्यमंत्री जी आपको बोलने नहीं आता।