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नीचे बाढ़, ऊपर बारिश ...साथ में सांप : पेड़ पर नंगे बदन ऐसे गुजारे तीन दिन

पटना के भुवनेश्वर के घर में अचानक पानी घुसा तो वे भागे। अचानक बाढ़ से घिरने पर एक पेड़ पर चढ़ गए। वहीं सांपों व अन्य जीवों के बीच तीन दिन गुजार दिए। उनकी जान एनडीआरएफ ने बचाई।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 24 Aug 2016 06:50 PM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2016 11:37 PM (IST)
नीचे बाढ़, ऊपर बारिश ...साथ में सांप : पेड़ पर नंगे बदन ऐसे गुजारे तीन दिन
नीचे बाढ़, ऊपर बारिश ...साथ में सांप : पेड़ पर नंगे बदन ऐसे गुजारे तीन दिन

पटना [अमित आलोक]। बिहार में आई बाढ़ के दौरान मानव जीवट की कई कहानियां सामने आई हैं। दियारा में पानी चढ़ा तो सबकुछ डूब गया, लेकिन घर से मोह ऐसा कि वहीं रह गए। जब जान पर बन आई तो कोई झोपड़ी पर बैठ गया तो किसी ने टीेले पर शरण ली। लेकिन, पटना के भुनेश्वर पासवान की कहानी तो बिलकुल जुदा है। जिंदगी के लिए मौत से उनकी तीन दिनों की जंग नंगे बदन खतरनाक सांपों के बीच पेड़ पर कटी।

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घर में पानी घुसा तो भागा पूरा परिवार

शनिवार की रात करीब 11 बजे बाढ़ प्रखंड के दियारा स्थित उनके घर में अचानक पानी घुसा तो पूरा परिवार भागा। भुनेश्वर कुछ ही दूर गए थे कि पानी ने सबों को आगोश में ले लिया।

जान बचाने की कोशिश में पेड़ पर चढ़े

पानी की तेज रफ्तार के बीच जान बचाने की कोशिश में उनके कपड़े खुल गए। बदहवास होकर वे सामने दिखे एक पेड़ पर चढ़ गए। इस बीच उनका परिवार कहां गया, उन्हें पता नहीं चला।

तीन दिन तक चली मौत से जंग

पानी के तेज बहाव व बढ़ते जल स्तर के बीच आसपास कुछ भी नहीं बचा। वे रातभर पेड़ की डाली से चिपककर बैठे रहे। इस बीच बारिश भी होने लगी। उन्होंने बताया कि कई बार ऐसा लगा कि अब नहीं बचेंगे, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। सुबह हुई तो नीचे उतरे, लेकिन गले तक आ चुके पानी में चलने की हिम्मत नहीं हुई। इस कारण फिर पेड़ पर ही चढ़ गए।

भुवनेश्वर ने बताया कि ऐसे ही तीन दिन गुजर गए। इस बीच पेड़ पर दो सांप भी चढ़ गए थे। अन्य कई विचित्र कीड़े-मकोड़े भी थे। इन सबों के बीच भूखे पेट व नंगे बदन तीन दिन कैसे गुजरे, कह नहीं सकते।

भूख से हो गए कमजोर

उन्होंने बताया कि भूख लगने पर पहले दिन तो बाढ़ का पानी पीकर पेट भर लिया, लेकिन दूसरे दिन से पानी नहीं पिया जा रहा था। दिनभर पेड़ से नीचे टकटकी लगाए रहते कि कोई आए तो खाना मांग सकें। तीसरे दिन तो भुनेश्वर इतने कमजोर हो गए कि कुछ बोल भी नहीं पा रहे थे।

...और एनडीआरएफ ने बचा ली जान

उनका सौभाग्य था कि राहत व बचाव कार्य में लगी एनडीआरएफ की बोट मंगलवार को उधर से गुजरी। बचाव दल की नजर उनपर पड़ गई। एनडीआरएफ की टीम भुनेश्वर की हालत देखकर चौंक गई। टीम ने पहले उन्हें कपड़े दिए। उसे पहनकर वे बोट पर आए। उन्हें पटना के बाढ़ प्रखंड स्थित राहत कैंप में रखा गया है।

भुवनेश्वर को अब परिवार की चिंता

बुधवार को अपनी कहानी बताते भुवनेश्वर को अब अपने परिवार की चिंता सता रही है। अब वे शनिवार की रात उनके साथ भागी पत्नी व बच्चों को खोजने में लगे हैं।


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