हर-हर महादेव से गूंजे शिवालय, पूरे प्रदेश में महाशिवरात्रि की धूम
आज पूरे प्रदेश में महाशिवरात्रि धूमधाम से मनाई जा रही है। लोग सुबह से ही मंदिरों, शिवालयों में भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं। हर-हर महादेव की गूंज हर ओर सुनाई दे रही है।
By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 24 Feb 2017 09:50 AM (IST)Updated: Fri, 24 Feb 2017 11:46 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। राजधानी समेत पूरे प्रदेश में महाशिवरात्रि की धूम मची है। आज अहले सुबह से लोग शिवालयों और मंदिरों में भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर रहे हैं। हर-हर महादेव की गूंज चारों ओर सुनाई दे रही है। मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है। पूजा के लिए लंबी कतारें देखी जा रही हैं।
हाजीपुर में महाशिवरात्रि के अवसर पर आज ऐतिहासिक शोभा यात्रा निकलेगी जिसकी अगुवाई भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय करेंगे।
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सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी पूजा
महाशिवरात्रिपर इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ प्रदोष व्रत और श्रवण नक्षत्र भी रहेगा। शिव साधकों को सिद्धि प्रदान करने वाला बनेगा। पं. शुभम ओझा के अनुसार पर्व की शुरुआत 23 फरवरी रात 4.30 बजे से हुई, जो 24 को पूरी रात रहेगी। रात्रि में पूजन श्रेष्ठ माना गया है।
पहले प्रहर में पूजन शाम 6.20 से 9.30, दूसरे प्रहर में रात 9.31 से 12.34, तीसरे प्रहर में 12:35 से 3:39 और चौथे प्रहर में रात 3.40 से सुबह 6.25 तक होगी। ज्योतिर्विदों की मानें तो इससे पहले श्रवण नक्षत्र में महाशिवरात्रि का योग 2006, 2007 और 2009 में बना था।
महाशिवरात्रि के मौके पर राजधानी शिवमय दिख रहा। कहीं शिवजी तांडव नृत्य करेंगे तो कहीं भूत-प्रेतों संग उनकी बरात निकलेगी। कहीं पर भजन संध्या का आयोजन किया जायेगा तो कहीं पारंपरिक पूजा में लोगों की भीड़ उमड़ेगी। मंदिरों से लेकर घरों तक ऊं नम: शिवाय की गूंज उठेगी।
शहर के सभी प्रमुख मंदिरों में तैयारियां पूरी हो चुकी है। साज सज्जा के बाद मंदिर सजधज कर तैयार है। सुबह से ही मंदिरों में घंटियों का गुंजायमान होगा जो देर रात तक शिवजी के विवाह में मंगल गीतों तक का सफर तय करेगा।
महावीर मंदिर रुद्राभिषेक के लिए बुक
आज रुद्राभिषेक कराने के लिए लोग सबसे ज्यादा मंदिरों में जमा होंगे. महावीर मंदिर में दिसंबर में सभी रुद्राभिषेक बुक हो गया था। आज कुल 46 रुद्राभिषेक होंगे, 45 रुद्राभिषेक की बुकिंग हुई थी जबकि एक रुद्राभिषेक पहले वाली बुकिंग का है।
महावीर मंदिर के बुकिंग इंचार्ज हरिकांत प्रसाद ने बताया कि प्रथम तल्ले पर शिव पार्वती मंदिर में 15 यजमान, ग्राउंड फ्लोर पर हनुमान मंदिर के बगल वाले शिवलिंग के पास 15 यजमान और गर्भगृह में शनि भगवान के नीचे 15 यजमान पूजा करेंगे।
मंदिर खुलने से लेकर मंदिर के पट बंद होने तक यह पूजा करायी जायेगी। खाजपुरा के प्रसिद्ध शिव मंदिर, बाेरिंग रोड चौराहा शिव मंदिर और कंकड़बाग के जलेश्वर महादेव मंदिर सहित तमाम शिव मंदिरों में भी आज रुद्राभिषेक करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ेगी।
जक्कनपुर में हाथी-घोड़े के साथ निकलेगी बरात
महाशिवरात्रि पर जक्कनपुर से हाथी, घोड़े और ऊंट के साथ शिवजी की बैंड-बाजे की धुन पर बरात निकलेगी।चार से पांच हजार महिलाएं और पुरुष एक वेश में इस बरात में शामिल होंगे और शिवजी के गणधर तो खास आकर्षण तो होंगे ही। इसमें भूत बेताल की साज सज्जा पटना के प्रमुख रंगकर्मी करेंगे। 25 फरवरी को शाम में पांच बजे से अटूट भंडारा का आयोजन किया जायेगा।
अशोक नगर में होगा तांडव
महाशिवरात्रि पर अशोक नगर रोड नंबर एक में तांडव नृत्य के साथ शिवजी के जीवनी पर नृत्य नाटिका आयोजित होगी। दक्षिणी पटना के सैकड़ों लोग यहां जुटेंगे और पटना के साथ ही बिहार भर के कलाकारों की कला का आनंद लेंगे। शाम चार बजे से रात दस बजे तक कार्यक्रम आयोजित होगा।
मोदी भजन संध्या का उद्घाटन करेंगे
इधर कंकड़बाग कॉलोनी के आनंद नाथ शिव मंदिर में अखंड पाठ शुरू हो गया है। यहां सुबह 9:40 से आज सुबह 9:40 तक अखंड पाठ होगा। सुबह में पूजा होगी उसके बाद दोपहर एक से छह बजे तक बरात निकलेगी। बोरिंग रोड, पाटलिपुत्र, अशोक राजपथ, बाइपास, कदमकुआं, राजापुर पुल, दीघा, राजीव नगर, इंद्रपुरी, महेश नगर, शिवपुरी, राजा बाजार, आशियाना, रामकृष्ण नगर, महेंद्रू सहित शिव मंदिरों में विशेष पूजा होगी।
-ऊं नम: शिवाय का जाप करें
-वैदिक विधि विधान से रुद्राभिषेक करें
-फूल, अरवा चावल, गाय का कच्चा दूध, मधु, चंदन, बेल पत्ता, गन्ने का रस, धान का पत्ता, धतूरे का फल और फूल एकत्रित कर भगवान शिव को चढ़ाएं
-पूजा के अंत में शुद्ध जल और गंगा जल चढ़ाकर पूजा और आरती करें
इस मंत्र का करें जाप
॥ शिव पञ्चाक्षर स्तोत्रम् ॥
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय, भस्मांगरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय, तस्मै ‘न’ काराय नम: शिवाय ॥ १॥
मन्दाकिनी सलिल चन्दन चर्चिताय, नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।
मन्दारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय, तस्मै ‘म’ काराय नम: शिवाय ॥ २॥
शिवाय गौरी वदनाब्ज वृन्द, सूर्याय दक्षाध्वर नाशकाय।
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय, तस्मै ‘शि’ काराय नम: शिवाय ॥ ३॥
वसिष्ठ कुम्भोद्भव गौतमार्य, मुनीन्द्रदे वार्चित शेखराय।
चन्द्रार्क वैश्वानरलोचनाय, तस्मै ‘व’ काराय नम: शिवाय ॥ ४॥
यक्षस्वरूपाय जटाधराय, पिनाकहस्ताय सनातनाय।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय, तस्मै ‘य’ काराय नम: शिवाय ॥ ५॥
पंचाक्षरमिदं पुण्यं, य: पठेत शिव सन्निधौ।
शिवलोकम अवाप्नोति, शिवेन सह मोदते ॥ ६॥
इति शिव पञ्चाक्षर स्तोत्रं सम्पूर्णम्
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