जमीन, जेवर, शेयर के मूल्यांकन को चुनें पंच
जमीन, मकान, जेवर या शेयर में किया गया निवेश, सब कुछ आयकर विभाग जांच करेगी।
पटना। जमीन, मकान, जेवर या शेयर में किया गया निवेश, सब कुछ आयकर विभाग की जांच-पड़ताल से मुक्त होगा। यही शर्त फैक्ट्री और मशीनरी पर भी लागू होगी। अपनी अघोषित संपत्ति की कीमत निर्धारण के लिए खुद से पंच के रूप में वैल्यूअर (मूल्य निर्धारक) का चयन कर सकते हैं। आपका पंच आंकेगा आपकी संपत्ति और आयकर विभाग मानने को बाध्य होगा। बिहार में संपत्ति के मूल्यांकन के लिए करीब 230 से अधिक मान्यता प्राप्त वैल्यूअर (मूल्य निर्धारक) पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और गया सहित अन्य शहरों में मौजूद हैं।
अघोषित आय की घोषणा करने के लिए इनकम टैक्स इंडिया.जीओवी.इन वेबसाइट पर आइडीएस का लिंक दिया गया है। इस लिंक पर आपको फॉर्म-1 मिलेगा। इस फॉर्म के सभी कॉलम को भरकर समिट कर सकते हैं। आपका आवेदन स्वीकार संबंधि आयकर विभाग का प्राप्ति रसीद ऑनलाइन ही मिलेगी। इस योजना में शामिल होने के साथ ही आपकी घोषित संपत्ति आयकर विभाग के जांच-पड़ताल से मुक्त हो जाएगी। यदि चाहें तो फॉर्म-1 डाउनलोड कर भर सकते हैं।
-- संपत्ति का मूल्य निर्धारण --
आयकर विभाग के वेबसाइट पर वैल्यूअर (मूल्य निर्धारकों) की पूरी सूची उपलब्ध है। पटना, गया, दरभंगा, मोतीहारी, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, पूर्णिया सहित अन्य शहरों में उपलब्ध वैल्यूअर का नाम, पता और संपर्क नंबर भी उपलब्ध है। अपनी मर्जी से अपने शहर के किसी वैल्यूअर का चयन कर अपनी संपत्ति का मूल्य निर्धारण करा सकते हैं। वैल्यूअर द्वारा आंकलन किया मूल्य ही आयकर विभाग को मान्य करने की बाध्यता है।
--भूमि पर एमवीआर का लोचा नहीं --
यदि आपने पटना या राज्य के अन्य शहरों में जमीन, मकान, फैक्ट्री या मशीनरी में निवेश किया है तो आयकर की नई योजना आइडीएस (आय घोषणा योजना) के तहत वर्तमान एमवीआर ( मिनिमम वैल्यू ऑफ रजिस्ट्रेशन ) प्रभावी नहीं होगा। जमीन कब खरीद किया और कब-कब भवन का निर्माण में निवेश किया इसके आधार पर कीमत का निर्धारण आपका वैल्यूअर करेंगे। इसी तरह बचपन से बुढ़ापे तक समय-समय पर सोना, चांदी और हीरा के जेवरात में पैसा लगाया उसे वर्तमान दर से आय में नहीं माना जाएगा। आपका वैल्यूअर जो मूल्य निर्धारित करेंगे वही आयकर विभाग को मान्य करना है। आपकी फैक्ट्री और मशीनरी के मूल्य निर्धारण इसी विधि से होगी।
-- स्टॉक, शेयर और डिबेंचर --
आपने समय-समय पर शेयर में निवेश किया और आयकर विभाग में नहीं दर्शाया तो उसे नई योजना आइडीएस के तहत घोषित कर सकते हैं। इसके लिए भी आपके शहर में खुद से वैल्यूअर से कीमत निर्धारण कर आयकर विभाग में जमा कर सकते हैं।