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लालू-नीतीश ने मिलाए सुर, कहा - BJP के खिलाफ राष्ट्रीय गोलबंदी की जरूरत

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी राजनीतिक गोलबंदी की जरूरत बताते हुए कहा कि पूर्वाग्र्रह छोड़कर हम सबको देश के वर्तमान हालात पर सोचना चाहिए। भाजपा के खिलाफ बड़ी राजनीतिक गोलबंदी का राजद प्रमुख लालू यादव ने भी समर्थन किया।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2016 09:41 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2016 05:18 PM (IST)
लालू-नीतीश ने मिलाए सुर, कहा - BJP के खिलाफ राष्ट्रीय गोलबंदी की जरूरत

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी राजनीतिक गोलबंदी की जरूरत बताते हुए कहा कि पूर्वाग्रह छोड़कर हम सबको देश के वर्तमान हालात पर सोचना चाहिए। वहीं भाजपा के खिलाफ बड़ी राजनीतिक गोलबंदी का समर्थन करते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि सबका उद्देश्य जब एक है तो जमात एक क्यों नहीं हो सकती? समान विचारधारा के लोगों के बीच कोई दूरी नहीं होनी चाहिए।

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भाकपा नेता एबी बर्धन की स्मृति में आयोजित सर्वदलीय श्रद्धांजलि सभा में नीतीश ने कहा कि देश में धार्मिक एवं वैचारिक स्तर पर असहिष्णुता का माहौल है। यह बड़ी चुनौती है। इससे मुकाबला किए बिना हम लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकते।

नीतीश ने कहा कि लोकतांत्रिक एवं धर्मनिपरेक्ष ताकतों को मिलकर समावेशी विकास, सहिष्णुता, समरसता और सामाजिक न्याय के जरिए देश-समाज को आगे बढ़ाना है। इसके लिए जरूरी है कि पूरे देश में बिहार जैसी गोलबंदी हो।

उन्होंने कहा कि एेसा करना ही माकपा नेता एबी बर्धन के प्रति यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। बर्धन के लंबे राजनीतिक जीवन की चर्चा करते हुए नीतीश ने कहा कि उनके निधन से एक युग का अंत हो गया। वे वैचारिक प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे।

लालू ने भी किया राजनीतिक गोलबंदी का समर्थन

भाजपा के खिलाफ बड़ी राजनीतिक गोलबंदी का समर्थन करते हुए राजद प्रमुख लालू यादव ने कहा कि सबका उद्देश्य जब एक है तो जमात एक क्यों नहीं हो सकती? समान विचारधारा के लोगों के बीच कोई दूरी नहीं होनी चाहिए। हम लोग भी जयप्रकाश नारायण की संपूर्ण क्रांति की उपज हैं।

वामपंथी दल भी वंचितों-शोषितों को मुख्य धारा में लाना चाहते हैं। यूपीए सरकार में बर्धन के योगदान की चर्चा करते हुए लालू ने कहा कि उसमें वामपंथी पार्टियों की बड़ी भूमिका थी। प्रगतिशील विचार के लोगों के बिखराव के बाद धर्मनिरपेक्ष ताकतें कमजोर हुईं।

हम अगर मोर्चा बनाकर रहते तो देश हमारे हाथ से नहीं निकलता। बर्धन के बहाने लालू ने वामपंथी दलों को एक रहने की नसीहत दी। कहा कि माकपा-भाकपा एवं अन्य समान विचारधारा के दलों को इकट्ठा होना चाहिए।


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