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सभी रसोई गैस उपभोक्ताओं के लिए बस एक ही फॉर्म

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर एलपीजी (पहल) योजना को और सहज बनाने की कोशिश तेल कंपनियां कर रही हैं। इस योजना के तहत अब चार की जगह एक ही फॉर्म भर कर उपभोक्ता डीबीटीएल योजना में शामिल हो जाएंगे।

By Mrityunjay Kumar Edited By: Published: Thu, 18 Dec 2014 10:30 AM (IST)Updated: Thu, 18 Dec 2014 10:33 AM (IST)

पटना (दिलीप ओझा)। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर एलपीजी (पहल) योजना को और सहज बनाने की कोशिश तेल कंपनियां कर रही हैं। इस योजना के तहत अब चार की जगह एक ही फॉर्म भर कर उपभोक्ता डीबीटीएल योजना में शामिल हो जाएंगे। वर्तमान डीबीटीएल योजना में गैस उपभोक्ताओं को दो श्रेणियों में बांटा गया है। दोनों श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए दो-दो तरह के फॉर्म भरने हैं। इस तरह से फॉर्म की कुल संख्या चार है। अधिकृत सूत्रों के मुताबिक चारों फॉर्म को मिलाकर अब एक फॉर्म तैयार किया जा रहा है। यह सभी तरह के उपभोक्ताओं (जिनके पास आधार कार्ड है, और जिनके पास नहीं है) वाले के लिए होगा। एक ही फॉर्म भरकर उपभोक्ता डीबीटीएल योजना का लाभ ले सकेंगे। फॉर्म को उपभोक्ता अपनी गैस एजेंसी में जमा करेंगे। इसकी छायाप्रति वे अपनी बैंक शाखा में जमा कर सकेंगे। उम्मीद है कि अगले सप्ताह से यह नया फॉर्म गैस एजेंसियों तक पहुंच जाएगा। हालांकि, वर्तमान व्यवस्था अभी चलती रहेगी। उपभोक्ता इसके तहत भी डीबीटीएल योजना में शामिल हो सकते हैं। इस योजना की प्रक्रिया पूरी करते ही उन्हें सब्सिडी मिलने लगेगी। जानते हैं क्या है पूरी प्रक्रिया और कैसे आप खुद इसे भी सहज बना सकते हैं...

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डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर एलपीजी (पहल) योजना एक जनवरी से लागू हो रही है। इस योजना के तहत गैस उपभोक्ताओं को सब्सिडी का पैसा बैंक खाते के जरिए मिलना है। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। कुल चार तरह के फॉर्म गैस एजेंसियों पर नि:शुल्क मिल रहे हैं। इनमें से दो फॉर्म आधार कार्ड वालों के लिए हैं, जबकि दो फार्म बिना आधार कार्ड वालों के लिए हैं। जिनके पास आधार कार्ड है, वे एक एसएमएस कर फॉर्म 2 भरने से बच सकते हैं।

आधार कार्ड वाले उपभोक्ता

आधार कार्ड वाले उपभोक्ताओं को फॉर्म -1 और 2 भरना है। फॉर्म -1 में बैंक और आधार कार्ड का ब्योरा देना है। फॉर्म -दो में आधार कार्ड, बैंक और कंज्यूमर का ब्योरा देना है। फॉर्म -1 बैंक में जमा करना है, जबकि फॉर्म -2 अपनी एजेंसी में। फॉर्म -2 थोड़ा जटिल है। जो उपभोक्ता इसे नहीं भरना चाहते हैं, वे विकल्प के तौर पर एक एमएसएम कर सकते हैं।

कैसे करें एसमएस

एसएमएस रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर (जिस पर आपको गैस की बुकिंग का मैसेज आता है) से ही करना है। यूआइडी टाइप करें। फिर स्पेस दें। इसके बाद 12 नंबर वाला आधार नंबर लिखें। इसे 9708024365 पर भेज दें। यह एसएमएस करने के बाद फॉर्म -2 भरने की जरूरत नहीं होगी।

बिना आधार कार्ड वाले उपभोक्ता

बिना आधार कार्ड वाले उपभोक्ताओं को फॉर्म -3 और फार्म- 4 भरना है। फॉर्म- 3 में बैंक और कंज्यूमर का ब्योरा भरना है। फॉर्म -4 में भी बैंक और कंज्यूमर का ही ब्योरा देना है। फॉर्म- 3 बैंक में (जहां उपभोक्ता का खाता है) जमा होगा, जबकि फॉर्म -4 अपनी एजेंसी में जमा करना है। फॉर्म -3 अगर बैंक में जमा हो जाता है, तो फॉर्म- 4 को एजेंसी के पास जमा करने की जरूरत नहीं होगी।

31 दिसंबर तक पूर्ववत रहेगी व्यवस्था

31 दिसंबर तक पूर्व के नियम लागू हैं। बिहार एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर संघ के महासचिव डॉ. रामनरेश सिन्हा ने बताया कि जिस तरह से आप पहले गैस की आपूर्ति करते थे, उसी तरह से बिना किसी बदलाव गैस ले सकेंगे।

568 रुपये मिलेगी सब्सिडी

एक जनवरी से डीबीटीएल योजना लागू हो जाएगी। इसके बाद जो उपभोक्ता आधार कार्ड से लिंक हो जाएंगे, उन्हें बाजार मूल्य पर रसोई गैस सिलेंडर मिलेगा। मतलब उन्हें करीब 999 रुपये का भुगतान करना होगा। गैस की बुकिंग कराते ही उनके खाते में सब्सिडी का 568 रुपये चला जाएगा।

तीन माह तक ग्रेस पीरियड

आधार कार्ड से जो उपभोक्ता लिंक नहीं होंगे, उन्हें मार्च 2015 तक पूर्व की तरह ही 441.50 रुपये पर रसोई गैस सिलेंडर मिलता रहेगा।


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