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19 को जदयू कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं होंगे शरद, करेंगे अलग सम्मेलन

जदयू के बागी नेता शरद यादव जहां आज साझा विपक्षी दलों के साथ बैठक करेंगे वहीं 19 अगस्त को वे जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के वक्त पटना के एसकेएम हॉल में सम्मेलन करेंगे।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 17 Aug 2017 10:31 AM (IST)Updated: Thu, 17 Aug 2017 08:38 PM (IST)
19 को जदयू कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं होंगे शरद, करेंगे अलग सम्मेलन
19 को जदयू कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं होंगे शरद, करेंगे अलग सम्मेलन

पटना [जेएनएन]। जदयू के बागी नेता शरद यादव 19 अगस्त को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल होने की बजाय पटना में ही अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक 19 अगस्त को शरद यादव और अली अनवर पटना पहुंचेंगे और श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में 11 बजे जन अदालत सम्मेलन करेंगे।

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एक तरफ राजधानी के रविंद्र भवन में जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही होगी तो दूसरी तरफ शरद अपने समर्थकों के साथ एसकेएम में जन अदालत सम्मेलन कर रहे होंगे।

गुरुवार को उन्होंने दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में 'साझी विरासत बचाओ' नाम से एक सम्मेलन का आयोजन किया है, जिसमें तमाम विपक्षी नेताओं को न्योता भेजा गया है।

माना जा रहा है कि शरद यादव गुरुवार को सांसद अली अनवर समेत अपने कुछ समर्थकों को लेकर एक गैर राजनीतिक मंच का ऐलान कर सकते हैं, जिसके जरिए वह नीतीश कुमार के खिलाफ पार्टी के भीतर की जंग जारी रखेंगे।

सूत्रों के मुताबिक, शरद यादव ने बागी तेवर तेज किए हैं और 19 अगस्त को वह और अली अनवर पटना जाएंगे जहां वह श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में 11 बजे 'जन अदालत सम्मेलन' करेंगे।

नीतीश कुमार के खिलाफ बगावती तेवर दिखाने के बाद शरद यादव को जनता दल यूनाइटेड ने राज्यसभा में अपने संसदीय दल के नेता के पद से हटा दिया था। उनके साथ नीतीश कुमार के खिलाफ बगावत करने वाले राज्यसभा के सांसद अली अनवर के खिलाफ भी कार्रवाई की गई थी।

इसके बाद बिहार में शरद यादव के करीबी 21 नेताओं को पार्टी से निकाल दिया गया, क्योंकि वे लोग शरद यादव की यात्रा में शामिल हुए थे। पार्टी से निकाले गए नेताओं में पूर्व मंत्री और दलित नेता रमई राम भी शामिल थे जिन्हें शरद यादव कैंप का माना जाता है।

गुरुवार को साझा विरासत बचाओ सम्मेलन के लिए शरद यादव पूरी जी जान से जुटे हुए हैं ताकि वह विपक्ष को एकजुट करने वाले नेता के तौर पर अपनी पहचान बना सकें। बुधवार को शरद यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि उन्होंने विपक्ष के सभी नेताओं को साझी विरासत बचाव सम्मेलन में बुलाया है।

बुधवार को उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस में खास बात यह रही कि उन्होंने कई बार पूछे जाने के बावजूद नीतीश कुमार के खिलाफ कुछ भी नहीं बोला और सिर्फ इतना कहा कि उनका यह सम्मेलन किसी के खिलाफ नहीं है बल्कि देश की साझी विरासत बचाने की कोशिश है।

लालू की रैली में गए तो होगी दिक्कत

उधर बुधवार को जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने शरद यादव के कॉन्फ्रेंस के बारे में कहा की शरद यादव अगर देश की साझी विरासत बचाने के लिए लोगों को लामबंद करते हैं तो उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन अगर शरद यादव 27 अगस्त को पटना में होने वाले लालू यादव की रैली में हिस्सा लेते हैं तो जेडीयू में उनके लिए कोई जगह नहीं रह जाएगी।

खास बात यह है कि जेडीयू भी 19 तारीख को पटना में पार्टी की बैठक करने जा रहा है, जिसमें औपचारिक रूप से जेडीयू के एनडीए में शामिल होने का ऐलान कर दिया जाएगा।

शरद यादव कैंप के नेताओं ने दावा किया था कि जेडीयू के 14 राज्य इकाइयों का समर्थन उन्हें हासिल है, लेकिन केसी त्यागी ने कहा कि जेडीयू की सिर्फ पांच राज्य इकाइयों को चुनाव आयोग में मान्यता प्राप्त हैं और उनमें से चार राज्य इकाइयां नीतीश कुमार के साथ हैं।

हालांकि शरद यादव को पार्टी से निकाले जाने के बारे में पूछे जाने पर एक बार फिर केसी त्यागी ने कहा कि शरद यादव जेडीयू के वरिष्ठ नेता हैं और हम नहीं चाहते कि उनके खिलाफ पार्टी को कोई भी कदम उठाना पड़े। लेकिन इसके लिए उन्हें लालू यादव जैसे भ्रष्ट नेता से संबंध तोड़ना ही होगा।

पार्टी ने शरद यादव से राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल होकर अपनी बातों को रखने और राजद की 27 अगस्त को होने वाली रैली से दूर रहने की हिदायत दी है लेकिन शरद ने पार्टी हाईकमान की हिदायत को सिरे से खारिज कर दिया है।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी के साथ साथ पटना में समानांतर सम्मेलन करने के फैसले के बाद यह माना जा रहा है कि शरद ने पार्टी हाईकमान को सीधे चुनौती दी है। आपको बता दें कि इससे पहले पार्टी 21 बागी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है।


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