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बिहार में बाढ : कुछ नदियां हुईं शांत तो कुछ बौराईं, समस्तीपुर में नाव पलटी

पटना में गंगा के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन अभी भी यह खतरे के निशान के ऊपर ही है। वहीं अन्य जिलों में अभी भी तबाही का मंजर बरकरार है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 25 Aug 2016 12:14 PM (IST)Updated: Fri, 26 Aug 2016 06:44 PM (IST)
बिहार में बाढ :  कुछ नदियां हुईं शांत तो कुछ बौराईं, समस्तीपुर में नाव पलटी

पटना [वेब डेस्क]। पड़ोसी राज्यों में बारिश थमने के बाद गंगा समेत दक्षिण बिहार की नदियों के उफान पर ब्रेक लगा है। यमुना से गंगा में पानी आने की रफ्तार भी कम हुई है। इससे गंगा के जलस्तर में तेजी से कमी होने लगी है। लेकिन, नेपाल के कुछ हिस्सों में पिछले 48 घंटे से बारिश होने के बाद उत्तर बिहार की बड़ी नदियों में फिर उफान आ गया है। ये खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

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वहीं आज सुबह आंधी तूफान और बारिश की वजह से पटना समेत राज्य के कई हिस्सों में फिर से लोगों की चिंता बढी है। हालांकि बारिश थमने से लोगों को राहत मिली है।

नौका पलटी, दो लापता

समस्तीपुर जिले में विद्यापतिनगर के मऊ अखाड़ाघाट पर गंगा के पानी की तेज धारा में छह लोगों को ले जा रही एक नौका अचानक पलट गई।चार लोगों ने तैरकर अपनी जान बचा ली लेकिन निकटवर्ती बछवाड़ा प्रखंड के विशनपुर पंचायत निवासी रामनरेश राय और केदार राय का पता नहीं चल पाया है। एसडीआरएफ की टीम लापता लोगों की तलाश में जुट गई है।

बढ़ रहा नदियों का जलस्तर

कोसी, और गंडक का जलस्तर बढ़ने की सूचना है। अगले 24 घंटे में इसका जलस्तर और बढ़ सकता है। हालांकि महानंदा, कमला बलान में कमी हो रही है लेकिन अधवारा की नदियां समूह स्थिर हैं।

कोसी कल सुबह 62 हजार क्यूसेक पर बह रही थी तो शाम में 64 हजार पहुंच गई। इधर, गंगा का जलस्तर पटना के आगे सिर्फ मुंगेर, भागलपुर और कहलगांव में ही बढ़ रहा है।वहां भी अगले 24 घंटे में गंगा का जलस्तर कम होने की संभावना है। हालांकि पटना के पास पुनपुन अब भी परेशानी का कारण बनी हुई है। वह लगातार ऊपर भाग रही है।

यह गुरुवार को खतरे के निशान से 206 सेंटीमीटर ऊपर थी और अगले 12 घंटे में इसके जलस्तर में 16 सेंटीमीटर वृद्धि की संभावना व्यक्त की गई है।

12 घंटे में 14 सेमी. नीचे गंगा

गंगा: पटना में

समय दीघा गांधीघाट

सुबह 6 बजे 51.78 50.15

शाम 6 बजे 51.66 50.07

रात 12 बजे 51.60 50.03

सोन: राजधानी में

सुबह 6 बजे 1.84 लाख क्यूसेक

दिन 2 बजे 1.81 लाख क्यूसेक

रात 12 बजे 1.76 लाख क्यूसेक

सामान्य होने में लगेंगे 4 दिन

गंगा पिछले 12 घंटे में 11 से 14 सेमी. कम हुई है। 3-4 दिनों में स्थिति सामान्य होने का अनुमान है।

12 घंटे में और गिरेगी सोन

सोन में पानी गुरुवार को 1.84 लाख क्यूसेक से घटकर 1.75 लाख पर पहुंचा। मनेर में खतरे के निशान से 129 सेमी. ऊपर है।

शिविर में बेटी के जन्म पर 15 व बेटे के जन्म पर 10 हजार

बाढ़ राहत शिविरों में बेटी का जन्म होने पर 15 हजार जबकि बेटे के जन्म पर 10 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी। गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बख्तियारपुर राहत शिविर में यह घोषणा की। इसके कुछ ही देर बाद बाढ़ से बेघर हुई दो गर्भवती महिलाओं को बख्तियारपुर शिविर में सहायता राशि का भुगतान किया गया।

दोनों महिलाओं को शिविर से अस्पताल में ले जाकर प्रसव कराया गया था। एक महिला ने बेटी तो दूसरी ने बेटे को जन्म दिया। सीएम ने शिविर में चिकित्सकीय सुविधाओं का जायजा भी लिया और वहां तैनात मेडिकल टीम से बात की। इधर, सिविल सर्जन ने बताया कि राहत शिविरों में बेहतर सुविधा प्रदान करने वाले डॉक्टर और नर्सों को सम्मानित किया जाएगा।

एसडीआरएफ के लिए हेल्पलाइन जारी

डीएम डाॅ. बीरेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि भोजपुर जिले में बाढ की आपदा को देखते हुए एसडीआरएफ की चार टीम तैयार की गई है। आपदा काल में इनसे संपर्क किया जा सकता है। मोबाइल नंबर निम्न है।

बिहिया प्रखंड 9835393754

बड़हरा प्रखंड 9631340198

शाहपुर प्रखंड 9122079815

आरा सदर प्रखंड 9504702584

सीमांचल में अभी भी तबाही का मंजर

पटना में तो गंगा की धार कुछ कुंद पड़ी है लेकिन भागलपुर सहित अन्य जगहों पर अभी भी उसकी लहरें तबाही मचा रही हैं। भागलपुर में गंगा खतरे के निशान से 99 सेमी उंची बह रही है। जलस्तर 34.67 मीटर पर है।जलस्तर बढ़ने से कई हिस्सों में पानी का दवाब लगातार बढ़ता जा रहा है।

साथ ही नवगछिया के जमींदारी बांधों पर पानी का दवाब बढ़ रहा है। बांध को बचाने के लिए जल संसाधन और प्रशासन की टीम लगी हुई है। दूसरी ओर एनएच 80 पर सबौर से कहलगांव और नाथनगर से सुल्तानगंज तक आवागमन बंद कर दिया गया है। नाथनगर क्षेत्र का भतौड़ियां में पानी काफी घुस चुका है। गांव लगभग खाली हो चुका है।

वहीं सबौर के कई इलाकों में जलस्तर बढ़ जाने से लोग उंची जगहों पर रहने के लिए मजबूर है। वहीं राहत शिविर में लोगो की भीड़ उमड़ी हुई है। बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत शिविर में खाने और पानी की व्यवस्था प्रशासन की ओर से की जा रही है। मगर अब भी पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था नहीं है। साथ ही शौचालय की समस्या अब भी बनी हुई है।

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सीएम नीतीश ने कहा - बाढ राहत शिविरों में कोताही बर्दाश्त नहीं

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ राहत शिविरों में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतने का निर्देश दिया है। अबतक के राहत एवं बचाव कार्यो के प्रति संतोष जाहिर करते हुए उन्होंने सभी शिविरों में पीड़ितों के लिए सुबह-शाम के भोजन के साथ ही नाश्ते का भी प्रबंध करने का निर्देश दिया।

कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए सीएम ने कहा कि सभी जगह से क्षति की रिपोर्ट ली जा रही है। राहत कार्य पूरी मुस्तैदी से चल रहे हैं। कुछ शिविरों में सुबह के नाश्ते का प्रबंध नहीं था। आपदा के समय ही यह निर्धारित कर दिया गया है कि दिन-रात के भोजन के अतिरिक्त सुबह के नाश्ते में फूला हुआ चना या चूड़ा जो भी उपलब्ध हो, दिया जाना चाहिए।

मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह भी इस पर नजर रख रहे हैं। वे क्षेत्रीय पदाधिकारियों के साथ नियमित समीक्षा कर रहे हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके सभी जिलाधिकारियों को शिविरों की व्यवस्था की निगरानी करने का निर्देश दिया गया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि नियमित चलने वाले राहत कैंपों में पत्तल की जगह स्टील के बर्तन में खाना देना है। शिविर में सभी लोगों को स्टील का बर्तन दिया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रावधान कर दिया गया है। न्यूनतम जरूरत के हिसाब से कपड़े भी दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा का जलस्तर घट रहा है।


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