युवा पीढ़ी को गांधी दर्शन से अवगत कराना जरूरी : कुलपति
शिक्षा में गाधी जी के दर्शन और नैतिक मूल्यों को परिलक्षित करने की आवश्यकता है।
पटना। शिक्षा में गाधी जी के दर्शन और नैतिक मूल्यों को परिलक्षित करने की आवश्यकता है। वर्तमान समय में गाधी जी के दर्शन की प्रासंगिकता और भी बढ़ गई है। युवा पीढ़ी को इससे अवगत कराया जाना बहुत ही जरूरी है। ये बातें मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कमर अहसन ने कहीं। वे शुक्रवार को कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट्स एंड साइंस में आयोजित 'चंपारण सत्याग्रह और राष्ट्रनिर्माण' पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। समारोह का आयोजन अर्थशास्त्र विभाग और राजीव गाधी स्टडी सर्किल बिहार के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। अहसन ने कहा कि चंपारण सत्याग्रह का देश की आजादी में महत्वपूर्ण स्थान है। चंपारण सत्याग्रह से ही देश भर में अंग्रेजी साम्राज्य के खिलाफ आदोलन की नींव पड़ी। उन्होंने कहा कि सामाजिक चेतना के लिए गाधी दर्शन की सार्थकता आज भी महत्वपूर्ण है। हम महात्मा गाधी के संदेशों और विचारों को अपनाकर ही सशक्त समाज और राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आत्म सम्मान के लिए गाधी जी के विचार बहुमूल्य हैं। कुलपति ने कहा कि बुनियादी विद्यालयों को बेहतर बनाने और बिहार विद्यापीठ को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार की ओर से कारगार प्रयास की आवश्यकता है।
गाधी संग्राहलय के सचिव डॉ. रजी अहमद ने कहा कि देश की वर्तमान स्थिति पर चिंतन की आवश्कता है। हमें यह देखना होगा कि जिस महापुरुष ने जिन आदर्शो के तहत देश को आजादी दिलाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, क्या आज उनके आदर्शो और विचारों को अपनाया जा रहा है? उन्होंने कहा कि हम गाधी जी के विचारों से और आदर्शो से मुंह मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। अहमद ने कहा कि एक आजाद नागरिक को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है।
सेमिनार को संबोधित करते हुए राजीव गाधी स्टडी सर्किल के राष्ट्रीय सह समन्वयक प्रो. सतीश कुमार राय ने कहा कि चंपारण सत्याग्रह ने ही देश की आजादी के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
कॉलेज के प्राधानाचार्य प्रो. बबन सिंह और अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ. रामायण प्रसाद ने भी सेमिनार को संबोधित किया।
समारोह का संचालन पत्रकारिता तथा जनसंचार विभाग के समन्वयक डॉ. तारिक फातमी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रश्मि अखौरी ने किया। तकनीकी सत्र को लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. रमेश दीक्षित ने संबोधित किया। कार्यक्रम में प्रो. कौशलेंद्र कुमार सिंह, डॉ. उमेश प्रसाद, डॉ. अफरोज अशर्फी समेत महाविद्यालय के अनेक शिक्षक और छात्र-छात्राएं शामिल हुए।