हर मुल्क में भी पसंद किए जाते हैं भारत और बिहार के उत्पाद : मंत्री
व्यापार को बढ़ाने में ट्रेड फेयर का विशेष महत्व।
पटना । व्यापार को बढ़ाने में ट्रेड फेयर का विशेष महत्व होता है। यह औद्योगिक आदान-प्रदान का मंच है। यहां पाकिस्तान सहित कई देशों के उत्पाद हैं। भारत और बिहार के भी उत्पाद हर मुल्क में पसंद किए जाते हैं। ये बातें शुक्रवार को बिहार सरकार के वित्तमंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने तारामंडल में आयोजित इंटरनेशनल ट्रेड फेयर के उद्घाटन के बाद कहीं।
कहा कि ट्रेड फेयर से दोनों को फायदा होता है। विक्रेताओं के कारोबार के दायरे में वृद्धि होती है, वहीं स्थानीय लोगों को बिना विदेश गए विदेशी उत्पाद अपने शहर में उपलब्ध हो जाते हैं। यहां पाकिस्तान के सूती वस्त्र हैं। ये अच्छे होते हैं। लाहौरी स्टॉल है, दुबई के स्टॉल हैं। बिहार में इसके आयोजन से यह भी संदेश मिलता है कि यहां का माहौल कारोबार के अनुकूल है। साथ ही यहां का बाजार भी अच्छा है। पिछले साल भी यह मेला लगा था। मैं भी आया था। खरीदारी भी किया था। मुझे जानकारी मिली कि अधिसंख्य उत्पाद खत्म हो गए थे। बुकिंग कराने वालों को बाद में उत्पादों की डिलीवरी दी गई। उम्मीद है कि इस साल भी ट्रेड फेयर में अच्छा कारोबार होगा।
पटना बन रहा एक बड़ा बाजार
आद्री के सचिव शैबाल गुप्ता ने कहा कि मेले में दक्षिण एशियाई देशों के उत्पाद हैं। इन्हें खरीदने के लिए कई देशों की यात्रा करनी पड़ती, लेकिन मेले के जरिए हम अपनी पसंदीदा उत्पाद बिना यात्रा किए खरीद सकते हैं। ऐसे आयोजनों से पटना एक बड़ा बाजार बन रहा है। खरीद-बिक्री में वृद्धि हर दृष्टिकोण से सकारात्मक होती है। कोई भी देश अपनी बाजार क्षमता से ही जाना जाता है।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के बिहार चैप्टर के अध्यक्ष सत्यजीत सिंह ने कहा कि यह आयोजन चार साल से हो रहा है। हर साल कारोबार बढ़ रहा है। देश के चार हिस्सों में यह ट्रेड फेयर लगाया जा रहा है, लेकिन कारोबार के नजरिए से बिहार पहले पायदान पर है। इसे देखते हुए अब पटना के साथ ही मुजफ्फरपुर, गया और भागलपुर में भी इंटरनेशनल ट्रेड फेयर आयोजित करने का फैसला किया गया है।
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खूब भा रहे पाकिस्तान की सूती रजाई
मेले में कुल 60 स्टाल हैं। इनमें पाकिस्तान, मलेशिया, अफगानिस्तान, थाईलैंड, श्रीलंका, बांग्लादेश, दुबई के भी स्टॉल हैं। इसके अलावा, पंजाब, मुंबई, दिल्ली, इंदौर, हैदराबाद, चंडीगढ़, लखनऊ, कोलकाता, दिल्ली, गुड़गांव के भी स्टॉल हैं। बिहार के भी स्टॉल मेले में हैं। मधुबनी पेंटिंग के स्टॉल पर खास तौर से भीड़ हो रही है। मलेशिया के फव्वारे, इंडोनेशिया के टिक की जड़ से तैयार फर्नीचर, पाकिस्तान की सूती रजाई, अफगानिस्तान के ओनिक्स मार्बल उत्पाद, सरगोधा के साल्ट लैंप को लोग खूब पसंद कर रहे है।
फूड फेस्टिवल में हर तरह के व्यंजन : मेले में फूड फेस्टिवल भी चल रहा है। इसमें शाकाहारी के साथ ही मांसाहारी व्यंजन भी हैं। निहारी कुल्चे, गलावटी कबाब, काकोरी कबाब, सिंधी बिरयानी, अवधि बिरयानी, बाखरखानी, लहसुन की खीर, शाही टुकड़ा, अमृतसरी मछली को लोग खूब पसंद कर रहे हैं।
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लुभा रहे स्टॉल : एक स्टॉल पर चेन्नई से आए वसीम खड़े हैं। ग्राहकों को बता रहे हैं- यह चटाई बेड है। हाथ से बना है। चटाई के साथ हल्के गद्दे को साट कर इसे तैयार किया गया है। 1650 का बेड छूट के बाद 1350 में उपलब्ध है। दिल्ली से आए विनोद के स्टॉल पर आउटडोर फर्नीचर हैं। 14,500 रुपये से 54 हजार तक के फर्नीचर यहां हैं। छत या लॉन में इन्हें लगाया जा सकता है। एक स्टॉल पर रूचिर अग्रवाल मिलते हैं। इनके पास घर की सजावट वाले सभी उत्पाद हैं। प्लांटर, बुद्ध की मूर्ति, वॉल हाइलाइटर, वाटर फाउंटेन सहित दर्जनों उत्पाद गाजियाबाद से आए हैं।