Move to Jagran APP

बिहार में भी बिछ रही यूपी चुनाव की बिसात, तल्ख हुई नेताओं की बयानबाजी

यूपी विधानसभा की लहर बिहार में दिखनी शुरू हो गई हैं। चुनाव को लेकर सभी दलों ने अपने-अपने मोहरे फिट करने शुरू कर दिए हैं। इसके साथ ही बयानबाजी भी तेज हो गई है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 07 Jul 2016 08:57 AM (IST)Updated: Thu, 07 Jul 2016 09:35 PM (IST)

पटना [अमित आलोक]। विधानसभा चुनाव उत्तर प्रदेश (यूपी) में होने वाले हैं, लेकिन इसकी बिसात बिहार में भी बिछ गई है। शराबबंदी को हथियार बना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे देश में घूम रहे हैं तो समाजवादी पार्टी

loksabha election banner

(सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने मोहरे फिट करने शुरू कर दिए हैं। चुनावी असर कहें या कुछ और, नेताओं की जुबान भी तल्ख होती दिख रही है। हालांकि, भाजपा, सपा व बसपा बिहार के राजनीतिक क्षत्रपों को यूपी में चुनौती मानने से इंकार करते हैं।

चुनावी तैयारियां आरंभ

यूपी में विधानसभा चुनाव 2017 में है। इसके लिए राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां आरंभ कर दी हैं। राष्ट्रीय परिदृश्य पर आगे आने की जद्दोजहद में लगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हिंदी पट्टी में अपने प्रभाव विस्तार के लिए यूपी चुनाव को गंभीरता से लेते दिख रहे हैं। विपक्ष इसे भांप कर अभी से सतर्क है।

शराबबंदी को बनाया हथियार

पड़ोसी यूपी व झारखंड में विस्तार की कोशिश में लगे नीतीश कुमार को बिहार में शराबबंदी को मिल रहे अभूतपूर्व जनसमर्थन का हथियार मिल गया है। शराबबंदी का अलख जगाने के बहाने नीतीश की यूपी में कई जनसभाएं हो चुकी हैं। इस सभाओं में वे यूपी की अखिलेश सरकार व केंद्र सरकार को जमकर घेर रहे हैं। यह सिलसिला जारी है।

कार्यकर्ता सम्मेलनों का आयोजन

नीतीश कुमार यूपी में पार्टी को मजबूत करने में भी जुटे हैं। इसके लिए कार्यकर्ता सम्मेलन हो रहे हैं। ऐसा ही एक सम्मेलन 17 जुलाई को इलाहाबाद में आयोजित हो रहा है। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने बताया कि जदयू की यूपी इकाई की ओर से होने वाले इस सम्मेलन में चुनाव की तैयारियों की चर्चा होगी।

अमित शाह ने नीतीश को बताया 'वोटकटवा'

जदयू नीतीश कुमार के प्रयासों को उनके प्रभाव में विस्तार के रूप में भले ही देखे, भाजपा इसे खारिज करती है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने तो हाल ही में नीतीश कुमार को यूपी में 'वोटकटवाÓ की संज्ञा दे डाली। शाह ने कहा कि नीतीश से पटना नहीं संभल पा रहा, जहां अपराध हो रहे हैं तो यूपी में क्या करेंगे?

पीयूष गोयल बोले, यूपी में चुनौती नहीं नीतीश

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को दरभंगा में कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोई चुनौती नहीं हैं। वहां भाजपा की सरकार बननी तय है। भाजपा विकास के मुद्दे पर यूपी में चुनाव लड़ेगी।

वोट बैंक पर सबकी नजर

अमित शाह जिस सोने लाल पटेल के जयंती समारोह में नीतीश कुमार को वोटकटवा बोल गए वे नीतीश की कुर्मी जाति से ताल्लुक रखते हैं। यूपी के पूर्वांचल इलाके में यह समुदाय चुनाव परिणाम बदलने की क्षमता रखता है। यूपी में करीब छह फीसद आबादी वाले इस समुदाय को जदयू अपना आधार वोट बैंक न बना ले, इसकी काट में प्रतिद्वंद्वी पार्टियां सतर्क हैं।

पढ़ें : लालू का चिर परिचित अंदाज, सुनकर लोटपोट हुए लोग...जानिए क्या कहा ? जदयू की चाल की काट में सपा ने पुराने साथी रहे बेनी प्रसाद वर्मा को पार्टी में फिर शामिल कर कुर्मी वोट बैंक में बिखराव को रोकने की कोशिश की है। भाजपा ने भी पिछड़ी जाति के केशव मौर्य को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। नीतीश की काट में भाजपा ने कुर्मी समुदाय से आने वाली अनुप्रिया पटेल को केंद्र में मंत्री बनाया है।

दो मोर्चे पर संघर्ष कर रही भाजपा

दरअसल, भाजपा दो मोर्चे पर एक साथ संघर्ष कर रही है। वह यूपी में अपने पत्ते सेट कर रही है तो बिहार में नीतीश (व लालू) को घेरकर उन्हें यूपी से दूर रखने की भी कोशिश में है। बीजेपी नीतीश के साथ लालू को भी घेरने में कोई चूक नहीं कर रही। प्रेक्षक कहते हैं कि इससे वे बिहार में महागठबंधन की सरकार की छवि खराब कर यूपी में भी उसे कमजोर करने की कोशिश में जुट गए हैं।

नीतीश पर हमलावर भाजपा व सहयोगी

बिहार में पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मंगल पांडेय व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सहित कई भाजपा नेता नीतीश के खिलाफ लगातार बयान देते रहे हैं। नीतीश की शराबबंदी मुहिम की धार कुंद करने के लिए लिए विपक्ष बिहार में कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाकर नीतीश को घेरता रहा है। गिरिराज सिंह व सुशील मोदी ने समय-समय पर कहा है कि नीतीश शराबबंदी को लेकर देशभर में घूम रहे हैं और बिहार में अपराध चरम पर है।

केंद्र में भाजपा की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी लोजपा व हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा हम के नेता भी कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर नीतीश को घेरते रहे हैं। हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा था कि नीतीश शराब फोबिया के शिकार हो गए हैं। लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान ने भी बिहार में जंगलराज 2 आने का आरोप लगाया है।

शिवसेना के निशाने पर भी नीतीश

कानून-व्यवस्था को लेकर नीतीश अब शिवसेना के निशाने पर भी आ गए हैं। बीते दो जुलाई को शिवसेना ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार छोड़कर यूपी के चक्कर लगा रहे हैं। दूसरी ओर बिहार में सुशासन के नाम पर गैंगरेप और टॉपर्स स्कैम हो रहे हैं। शिवसेना के माउथपीस 'सामना' के संपादकीय में नीतीश कुमार के पीएम बनने की कोशिश व शराबबंदी मुहिम तथा लालू यादव से दोस्ती जैसे मुद्दों पर जमकर तंज कसे गए हैं।

दलों के लिए महत्वपूर्ण है यह चुनाव

दरअसल, यूपी और बिहार वे राज्य हैं, जो केंद्र की राजनीति तय करते रहे हैं। बिहार में हार के बाद भाजपा अब यूपी को खोना नहीं चाहती तो सपा भी अपनी सत्ता बरकरार रखने की कोशिश में है। नीतीश भले ही खुद को पीएम मटेरियल नहीं कहें, लेकिन जदयू के कई नेता ऐसा बयान दे चुके हैं। अगर 2019 के लोकसभा चुनाव में नीतीश को राष्ट्रीय फलक पर उभरना है तो जदयू के लिए भी यूपी का चुनाव महत्वपूर्ण है।

इसे भी पढ़ें : RLSP के अरुण बोले, उपेंद्र कुशवाहा अभी बच्चे हैं, मंत्री बनने से नहीं आती अक्ल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.