Move to Jagran APP

दान में दी गई जमीन को बेचने के मामले में सरकार सख्त

सूबे के गरीबों और महादलित परिवारों को सरकार की ओर से ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में बसने के लिए दान में जमीन दिए जाने की व्यवस्था पुरानी है, लेकिन हाल में सरकार के संज्ञान में कई ऐसे मामले लाए गए हैं।

By pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Fri, 27 Feb 2015 10:35 AM (IST)Updated: Fri, 27 Feb 2015 10:38 AM (IST)
दान में दी गई जमीन को बेचने के मामले में सरकार सख्त

पटना। सूबे के गरीबों और महादलित परिवारों को सरकार की ओर से ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में बसने के लिए दान में जमीन दिए जाने की व्यवस्था पुरानी है, लेकिन हाल में सरकार के संज्ञान में कई ऐसे मामले लाए गए हैं, जिसमें आवंटित व्यक्ति ने खुद के नाम दान में मिली जमीन को किसी और के नाम हस्तांतरित कर दिया। ऐसे मामलों की जानकारी मिलने के बाद विभाग ने मामले को गंभीर मानते हुए नए सिरे से जिलाधिकारियों के नाम आदेश जारी किए हैं।

loksabha election banner

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में अररिया के जिलाधिकारी ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिख जानकारी दी कि सरकार द्वारा दान में दी गई जमीन को कुछ परिवारों द्वारा अन्य व्यक्ति के नाम पर हस्तांतरित कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने अपने पत्र में सरकार से इस संबंध में मार्ग दर्शन की मांग की थी। पत्र के आलोक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने तमाम जिलाधिकारियों के नाम एक पत्र जारी किया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि वासगीत, भू-दान या फिर अधिशेष भूमि बेघर और आजीविका विहीन लोगों को सरकार द्वारा मुहैया कराई जाती रही है। यदि दान में मिली उस जमीन को कोई परिवार अथवा व्यक्ति बेचता है या फिर किसी और के नाम करता है, तो ऐसी स्थिति में योजना का उद्देश्य ही समाप्त हो जाता है। व्यासजी ने पूर्व में जारी किए गए अपने एक पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि ऐसे मामलों में सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि यदि कोई व्यक्ति अथवा परिवार इस प्रकार की गलत हरकत करता है तो उससे जमीन वापस लेकर सरकार किसी और को बंदोबस्त करने के लिए स्वतंत्र होगी। उन्होंने पत्र में कहा है कि जमाबंदी रद करने की कार्रवाई अपर समाहर्ता स्तर पर होगी, जबकि पर्चा रद करने की कार्रवाई समाहर्ता द्वारा की जाएगी। पत्र में जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि भविष्य में जिस भी जमीन की बंदोबस्ती की जाए तो उसके प्रमाणपत्र में स्पष्ट तौर पर इस बात का उल्लेख किया जाए कि संबंधित जमीन को बेचने या फिर उसकी बंदोबस्ती का अधिकारी सिवाय सरकार के और किसी को नहीं होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.