कबाड़ में फेंकी मिलीं चार लाख की सरकारी दवाएं
राजधानी पुलिस और औषधि विभाग की संयुक्त टीम की कार्रवाई ने स्वास्थ्य विभाग व सरकारी सख्ते में।
पटना। राजधानी पुलिस और औषधि विभाग की संयुक्त टीम की कार्रवाई ने स्वास्थ्य विभाग व सरकारी अस्पतालों की पोल खोल दी है। आलमगंज के बिस्कोमान कॉलोनी में गिरोह के सरगना रमेश पाठक के किराए के मकान से टीम ने चार लाख रुपये की सरकारी दवाइयां बरामद कीं, जिन्हें कबाड़ में फेंक दिया गया था। ऐसी दवाइयों की री-पैकिंग कर बाजार में बिक्री होती थी। वहीं, तीन लाख रुपये के फिजीशियन सैंपल भी बरामद हुए हैं।
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि सरकारी अस्पतालों की दवाइयां और फिजीशियन सैंपल मिले हैं। जल्द कुछ और गिरफ्तारियां होंगी।
मालूम हो कि गुप्त सूचना के आधार पर पटना पुलिस की विशेष टीम ने शुक्रवार को ड्रग इंस्पेक्टर के साथ शहर के पांच इलाकों में छापेमारी की थी, जहां से चार ट्रक एक्सपायरी और नकली दवाएं जब्त की गई थीं। मौके से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। तफ्तीश में मालूम हुआ कि एक्सपायरी दवाओं को कबाड़ी दुकानदार किलो के भाव खरीद लेते हैं। इसके बाद उन दवाइयों को सुरक्षित स्थान पर रखा जाता है। दवाइयों के रैपर उखाड़ उनपर नए लेबल चस्पा किए जाते हैं, फिर हॉकर्स के माध्यम से उन दवाइयों को खुले बाजार में बेच दिया जाता है। ऐसी दवाइयां मरीज की बीमारी दूर नहीं करतीं।
पांचों स्थानों से टीम ने चार ट्रक एक्सपायरी और नकली दवाइयां जब्त कीं, जिनकी कीमत लगभग दस करोड़ रुपये बताई जा रही है। गिरोह के सरगना रमेश पाठक और उसके सहयोगी बिट्टू की तलाश में ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है। गिरफ्तार रविशंकर ने कुछ दवा दुकानदारों के नाम और उनके गोदाम का पता बताया है, जो 'जहरीली' दवाइयों का कारोबार करते हैं। पुलिस जल्द वहां दबिश देगी।