हॉलीवुड फिल्म से हासिल किया जालसाजी के टिप्स
पटना। मध्य प्रदेश के चर्चित व्यापम घोटाले की गूंज अभी शांत भी नहीं हुई कि अब एसएससी की पर
पटना। मध्य प्रदेश के चर्चित व्यापम घोटाले की गूंज अभी शांत भी नहीं हुई कि अब एसएससी की परीक्षा में फर्जीवाड़ा का मामला बिहार सहित अन्य प्रदेश में सामने आ गया है। परीक्षा के दौरान सॉल्वर के साथ भारी मात्रा में माइक्रोफोन सहित अन्य उपकरण की कई प्रदेश में हुई बरामदगी से साफ हो गया कि गिरोह का कनेक्शन देशभर में है। क्लाइंट लाने से लेकर अंगूठे का फर्जी निशान तक तैयार करने वाले और सॉल्वर का अलग-अलग गिरोह बंटा है। जो परीक्षा के दौरान अपने काम को अंजाम देने के लिए किसी एक सरगना के संपर्क में है। दूसरी तरफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एसटीएफ ने सॉल्वर से जुड़े एक ऐसे शातिर गिरोह का भंडाफोड़ भी किया है, जिनके खुलासे से पुलिस भी हैरान है। दरअसल, इस गिरोह में कई ऐसे लोग शामिल हैं, जो हॉलीवुड फिल्म देख अंगूठे का फर्जी निशान तैयार करने में महारथ हासिल कर चुके हैं। इनके सदस्यों का इस्तेमाल सभी प्रदेश में किया गया है। जबकि सॉल्वर की बनियान में सेट सिस्टम और माइक्रोफोन की सप्लाई भी एक जगह से की जा रही है। इसके जरिए एक गिरोह में विज्ञान, सामान्य ज्ञान, गणित सहित अन्य विषयों के जानकार और कुछ इंटरनेट के माहिर लोग पल भर में सवाल का जवाब दे देते है।
इन जिलों में पकड़े गए बिहार के सॉल्वर
एसएससी परीक्षा के दौरान सिर्फ बिहार में ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश और यूपी के कई जिलों में मुन्ना भाईयों की गिरफ्तारी हुई है। इस दौरान ग्रेटर नोएडा से तीन, मध्य प्रदेश से एक और मथुरा में पकड़े गए एक सॉल्वर बिहार के है। जिसमें मथुरा में पकड़ा गया बिहार के सहरसा निवासी मुरारी यादव ने पुलिस को सूचना दी है कि फर्जी कंडिडेट उसके इलाके में आसानी में मिल जाते है।
यूपी पुलिस से संपर्क करेगी पटना पुलिस
एसटीएफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश ने मेरठ के केंद्र से एसएससी परीक्षा के दौरान एक सॉल्वर को गिरफ्तार किया था। जिसकी पहचान सोनू पुत्र पवन मंडल निवासी भागलपुर बिहार के रूप में हुई। जो अनिल चौधरी के नाम से किसी युवक के स्थान पर परीक्षा देर रहा था। अभियुक्त की निशानदेही पर गिरोह के सरगना सुधीर निवासी अलीगढ़ सहित बिहार के आकाश, राकेश, हरी प्रकाश, वीरेन्द्र व सोनू सॉल्वर को पकड़ा गया है। गिरोह का दूसरा सरगना फरार है। जबकि पटना में पकड़े गए गिरोह के सरगना से पूछताछ करने के लिए पटना पुलिस यूपी पुलिस से भी संपर्क कर सकती है।
नौकरी दिलाने में जुटा तीन गिरोह
पहला गिरोह सरकारी नौकरी के लिए प्रयास कर रहे युवकों से संपर्क करने के लिए दलालों के माध्यम से गिरोह का सरगना उनको अपने ठिकानों पर बुलाता है। क्लाइंट लाने वाले दलालों को 20 हजार से 50 हजार रुपये तक दिए जाते हैं। दूसरे गिरोह का काम परीक्षार्थियों के अंगूठे का फर्जी इम्प्रेशन बनाना है। इसके बदले गिरोह को 20-25 हजार रुपये दिए जाते थे। जबकि मूल परीक्षार्थी के स्थान पर बैठने वाला तीसरा गिरोह सॉल्वर का होता था। इन्हें 20 हजार से सवा लाख रुपये दिए जाते थे। यह गिरोह सिर्फ एसएससी के लिए नहीं, बल्कि सिपाही भर्ती सहित आदि भर्ती में काम करता है।
कैसे तैयार करते थे निशान
परीक्षाओं में फर्जीवाड़े की बढ़ती घटनाओं को देख थंब इम्प्रेशन को अनिवार्य कर दिया गया है। कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए सरकारी व निजी कार्यालयों में भी थंब इंप्रेशन का उपयोग किया जाता है। दरअसल, इम्प्रेशन को बदला नहीं जा सकता है, लेकिन मुन्ना भाईयों के खुलासे से पुलिस अधिकारी भी हैरत में आ गए। बताया जा रहा कि मेरठ में एसटीएफ के हत्थे चढ़े मुन्ना भाईयों के सरगना ने खुलासा किया कि मोमबत्ती और सिलिकॉन की मदद से रबड़ की पतली परत तैयार करते थे। ज्योमिट्री बॉक्स में मोमबत्ती रख परीक्षार्थी के अंगूठे का निशान तैयार किया जाता था। इससे सॉल्वर आसानी से परीक्षा केंद्र में प्रवेश कर जाता था। किसी को शक नहीं होता था।
कोट----
एसएससी परीक्षा के दौरान पकड़े गए सॉल्वर से पूछताछ के दौरान कई अहम् जानकारियां मिली हैं। गिरोह के सरगना की तलाश की जा रही है। फुलवारीशरीफ में कई स्थानों पर छापेमारी की गई। जरूरत पड़ी तो दूसरे प्रदेश की पुलिस से भी संपर्क किया जाएगा।
विकास वैभव, एसएसपी