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बिहार में नदियों ने तोड़े तटबंध, 66 लाख आबादी तबाह, अब तक 100 की मौत

बिहार में बाढ़ से हालात बेकाबू हैं। नए इलाकों में पानी फैलता जा रहा है। सर्वत्र तबाही का मंजर है। सेना व एनडीआरएफ के राहत व बचाव के बीच मरने वालों की संख्‍या सौ पार कर गई है।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 15 Aug 2017 07:01 AM (IST)Updated: Wed, 16 Aug 2017 05:47 PM (IST)
बिहार में नदियों ने तोड़े तटबंध, 66 लाख आबादी तबाह, अब तक 100 की मौत
बिहार में नदियों ने तोड़े तटबंध, 66 लाख आबादी तबाह, अब तक 100 की मौत

पटना [जागरण टीम]। नेपाल की बारिश ने कोसी-सीमांचल से लेकर उत्तर बिहार तक हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। बाढ़ से अब तक सौ से अधिक लोगों से मौत हो चुकी है। आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक राज्‍य के 13 जिलों की 66 लाख आबादी बुरी तरह बाढ़ से प्रभावित है। लोग ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।

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मंगलवार तक दरभंगा, मधुबनी, गोपालगंज, अररिया व किशनगंज सहित राज्‍य के कई भागों में जगह-जगह तटबंध टूट रहे हैं। खासकर सीमांचल के हालात काफी बिगड़ गए हैं। उधर, मुजफ्फरपुर व गाेपालगंज में भी हालात बिगड़ने लगे हैं। मरने वालों का आंकड़ा सौ पार कर गया है, हालांकि आपदा प्रबंधन विभाग ने 56 मौत की पुष्टि की है।

सीएम ने लगातार दूसरे दिन किया एरियल सर्वे

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद लगातार दूसरे दिन प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर हालात का आकलन किया। मंगलवार को उन्होंने दरभंगा प्रमंडल के जिलों का हवाई सर्वे किया। वरिष्ठ अधिकारियों की एक अलग टीम ने पूर्णिया, अररिया एवं कटिहार जिले का दौरा किया।

सबसे ज्यादा अररिया में मौतें

बाढ़ से अबतक विभिन्न जिलों में सौ से अधिक लोगों के मरने की सूचना है। सबसे ज्यादा अररिया में मौत हुई है। मंगलवार को पूर्णिया में चार बच्‍चों की डूबने से मौत हो गई। मंगलवार को सीतामढ़ी में भी दो बच्‍चे डूब गए। उधर, सुपौल में चार महिलाएं भी नहाने के दौरान डूब गईं।

इसके पहले जोगबनी नहर के पानी से 20 लाशें निकाली गईं। इनमें चार नेपाल के हैं। सीतामढ़ी में छह, किशनगंज में पांच, मधेपुरा में चार, कटिहार में तीन और सहरसा में दो लोगों के डूबने की सूचना है। नालंदा के पंचाने नदी में भी दो के मरने की सूचना है। सैकड़ों गांव जलमग्न हैं। सरकारी कार्यालय डूबे हुए हैं। सिकटी, पलासी व जोकीहाट में भी लोगों के मरने की सूचना है।

मृतकों में पश्चिम चंपारण में 17, पूर्वी चंपारण में पांच, मधुबनी में चार, सीतामढ़ी -शिवहर में तीन-तीन लोग शामिल हैं।

अररिया: बिजली, दूरसंचार व यातायात व्यवस्था ठप, सेना ने संभाली कमान

मंगलवार को सेना के जवान अररिया पहुचे। इसके बाद पीड़ितों के बीच राहत सामग्री पहुंचाने के काम में तेजी आई। अररिया के विभिन्न प्रखंडों में आज भी एक लाख से अधिक लोगो के फंसे होने की जानकारी मिल रही है। सिकटी, पलासी व जोकीहाट प्रखंडों की स्थिति खराब है। बकरा, नूना, कनकई, रतवा व परमान नदियों में उफान से स्थिति भयावह हो गई है। बिजली, दूरसंचार व यातायात व्यवस्था ठप है। अररिया का नेपाल से सड़क और रेल संपर्क भंग हो चुका है। जोगबनी के इमली गाछ समीप बाढ़ में टुकड़ों-टुकड़ों में कई किलोमीटर तक रेल की पटरी बह गई है।

किशनगंज: 500 से अधिक घर ध्वस्त

शहर में लगभग दो से तीन फीट तक पानी बह रहा है। रविवार सुबह से बिहार रेजीमेंट की 72 सदस्यीय टीम ने किशनगंज में मोर्चा संभाल रखा था। दिन में इस टीम को पूर्णिया व कटिहार भेज दिया गया। महानंदा के जलस्तर में ढाई से तीन फीट की कमी आई है। किशनगंज में चार लोग बहे हैं, जिनमें से दो की लाशें मिली हैं। जिले में 400 गांव डूबे हुए हैं। इनमें से 200 गांवों की हालत अधिक खराब है।

500 से अधिक घर महानंदा, रतवा, डोक, कनकई आदि नदियों के किनारे के गांवों में घर बहे हैं। किशनगंज रेलवे स्टेशन के पास ट्रैक पर दो फीट पानी बह रहा है। बाढ़ के कारण उत्तर पूर्वी भारत का संपर्क देश के शेष इलाकों से कट चुका है। 

कटिहार: कई जगहों पर टूटे तटबंध, रेल ब्रिज टूटा, ट्रेनें रद 

महानंदा के उफान से कदवा से प्राणपुर प्रखंड की सीमा तक महानंदा तटबंध महज तीन घंटे के अंदर चार जगहों से टूट गया। इस कारण छह प्रखंडों की 10 लाख की आबादी बाढ़ की चपेट में पूरी तरह से आ गई। बाढ़ के पानी में डूबकर यहां तीन मौतें हुई हैं। सेना के तीन कॉलम व एसडीआरएफ-एनडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव कार्यों के लिए पहुंच चुकी हैं। डीएम-एसपी ने बताया कि जिले में पूरी तरह से जल प्रलय की स्थिति पैदा हो गई है।

मंगलवार से हेलीकॉप्टर से भी सूखा राशन गिराया जा रहा है। कटिहार से पूर्वोत्तर की ओर जाने वाली सभी ट्रेनें रद कर दी गई हैं। कटिहार-बारसोई रेलखंड पर सुधानी स्टेशन के समीप रेल ब्रिज नंबर 133 धंस गया है। 

मंगलवार को सलमारी-बतसोइ सड़क मार्ग एसएच 98 पर टेंगारी चौक के समीप पानी के तेज बहाव में पुलिया बह गई।

कटिहार में बड़े हादसे की सूचना भी मिल रही है, हालांकि इसकी पुष्टि फिलहाल नहीं हो सकी है। बताया जाता है कि जिले के आजमनगर ब्लॉक के गुठैली गांव में सोमवार की देर शाम एक मकान ढह गया। बाढ़ से बचने के लिए मकान की छत पर शरण लिए करीब पांच दर्जन लोगों में 50 पानी के साथ बह गए। गिरे मकान में भी करीब 10 लोग फंस गए।

पूर्णिया: एनएच 31 पर 20 हजार ट्रक फंसे 

पूर्णिया जिले में भी बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है। बायसी व डगरुआ अधिक प्रभावित हैं। एनएच 31 पर पानी आने के कारण डंगराहा पुल का पीलर ध्वस्त हो गया है। इससे पूर्णिया का किशनगंज और पश्चिम बंगाल से सड़क संपर्क भंग हो गया है। एनएच 31 पर भी आवागमन बाधित है। पुल के दोनों ओर लगभग 20 हजार ट्रक फंसे हुए हैं। 

सुपौल: नदियों में उफान, सड़कें कटीं

लगातार हो रही बारिश के कारण सुपौल में कोसी समेत इसकी सहायक तिलयुगा, बिहुल और सुरसर नदियों में उफान है। कई सड़कें कट गई हैं। सुपौल से अररिया जाने वाले एनएच 327 ई पर जदिया हाईस्कूल के निकट पुलिया धंस जाने से आवागमन बाधित हो गया है। दोपहर 12 बजे कोसी बराज पर 2,68,145 तथा बराह क्षेत्र में 2,02,800 क्यूसेक जलस्राव रिकॉर्ड किया गया है। 

सहरसा: तटबंध के अंदर बढ़ी परेशानी

कोसी में उफान से सहरसा में तटबंध के अंदर के गांव पूरी तरह बाढ़ से घिर चुके हैं। जिले के चार प्रखंडों की 40 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हैं। नवहट्टा के एन 6 स्पर पर अब भी कोसी का दबाव बना हुआ है। यहां अलग-अलग घटनाओं में डूबकर पांच की मौत हुई है। सलखुआ प्रखंड के बहुअरवा भरना के पास एक दर्जन लोगों से भरी नाव पलट गई, लेकिन सभी लोग तैरकर निकल आए। 

मधेपुरा: एनएच 106 पर चढ़ा पानी

बाढ़ के कारण जिले के तीन दर्जन गांवों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। मधेपुरा व मुरलीगंज शहर के भी 200 से अधिक घरों में पानी प्रवेश कर गया है। एनएच 106 पर भी एक फीट पानी बह रहा है। यहां चार लोग डूबे हैं। 

खगडिय़ा: बागमती के तटबंध पर भारी दबाव, हिदायतपुर गांव जलमग्‍न

जिले में सभी नदियां उफान पर हैं। बागमती का बढ़ना जारी है। पर, रफ्तार में थोड़ी कमी आई है। मंगलवार को 12 घंटे में जलस्तर में नौ सेमी की वृद्धि हुई है। बागमती के केबी तटबंध पर जगह-जगह पानी का दबाव है। मानसी प्रखंड के अमनी के पास पानी का रिसाव होने से अफरातफरी मच गई है।

अमनी पंचायत के केबी तटबंध के अंदर अवस्थित हियादपुर गांव बागमती के पानी में डूब चुका है। यहां के अधिकांश घरों में पानी है। कई लोग गांव के ही सरकारी विद्यालय में शरण लिए हुए हैं। 

पश्चिम चंपारण : गोरखपुर से रेल संपर्क भंग, बगहा शहर में घुसा पानी

बगहा शहर के चार वार्डो में पानी घुस गया है। बगहा अनुमंडल समेत सरकारी दफ्तरों में पानी घुसा है। गंडक बराज में 5 लाख 24 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रामनगर के अलग-अलग स्थानों पर डूबने से दो की मौत हो गई। मझौलिया प्रखंड के बढ़हिया टोला सहित आधा दर्जन स्थानों पर जमींदारी बांध टूट गया है।

उधर, नरकटियागंज, गौनाहा एवं बगहा में बाढ़ के पानी में डूबने से 15 लोगों की मौत हो गई। हालांकि, जिला प्रशासन ने 13 की पुष्टि की है। चमुआ स्टेशन के पास 400 मीटर रेलवे ट्रैक धंस गया है। सुगौली-नरकटियागंज-बगहा-गोरखपुर रेलखंड पर तीसरे दिन भी ट्रेन परिचालन ठप है। अधिकांश ट्रेनें रद रहीं। बचाव के लिए एनडीआरएफ की टीम सक्रिय है। सरकारी कर्मियों की छुट्टी रद है। देर रात सेना ने भी कमान संभाल ली है।

पूर्वी चंपारण: सुगौली, रक्सौल व आदापुर में स्थिति गंभीर

जिले के नए इलाकों में पानी घुस गया है। सुगौली, रक्सौल व आदापुर प्रखंड में स्थिति गंभीर है। रक्सौल अनुमंडल व प्रखंड कार्यालय सहित एसएसबी कैंप में पानी घुस गया है। छौड़ादानो व रामगढ़वा प्रखंड क्षेत्र में सड़कों पर पानी बह रहा है।

प्रशासन के साथ एनडीआरएफ की टीम बचाव कार्य में जुटी है। प्रशासन ने सेना बुलाई है। पांच लोगों के मरने की खबर है। प्रशासन ने तीन की पुष्टि की है। रामगढ़वा में कैशरे हिंद बांध और आदापुर में दुधौरा नदी का बांध टूट गया है। इससे कई गांव जलमग्न हो गए हैं। 

मधुबनी : झंझारपुर में रेल सह सड़क पुल पर चढ़ा पानी 

जिले में स्थिति भयावह हो गई है। नदियों में पानी कम नहीं हो रहा है। मधेपुर प्रखंड के कई गांवों में पानी फैल गया है। झंझारपुर में कमला बलान रेल सह सड़क पुल के ऊपर से बहाव कर रही है। मधवापुर प्रखंड क्षेत्र में धौस नदी का सुरक्षा बांध विशनपुर में दो और पिहवारा में एक स्थान पर टूट गया। देर शाम बेनीपट्टी में महाराजी बांध टूट गया है। बाढ़ के पानी में डूबने व अन्य हादसों में चार की मौत हो गई। इनमें बिस्फी, बाबूबरही, लदनियां व अंधराठाढ़ी के एक-एक लोग शामिल हैं। एक लापता हैं।

समस्तीपुर: दर्जनों गांवों में घुसी बाढ़, सड़क संपर्क टूटा 

सिंघिया प्रखंड के दर्जनभर से अधिक गांवों के निचले इलाके में कोसी, कमला और बलान नदी का पानी आ गया है। प्रखंड मुख्यालय से इन गांवों का सड़क संपर्क भंग हो गया है।

सीतामढ़ी: बागमती नदी का बायां तटबंध टूटा

रुन्नीसैदपुर प्रखंड के भादा गांव के पास बागमती नदी का बायां तटबंध 50 फीट में टूट गया। इससे दो दर्जन गांवों में तबाही है। बैरगनिया-ढेंग रेलवे लाइन के बीच होम सिग्नल के पास रेल पुल ध्वस्त हो गया। इससे सीतामढ़ी-चैनपुर के बीच ट्रेनों का परिचालन ठप है।

पुपरी प्रखंड के थलही भीमा गांव में मरहा नदी का बांध रविवार रात 25 फीट में टूट गया। इससे दो दर्जन गांव जलमग्न हो गए। बाढ़ के पानी में हुए हादसों में तीन की मौत हो गई। इनमें बैरगनिया के दो और परिहार के एक शामिल हैं। 

शिवहर: एनएच से लेकर अस्‍पताल तक मचा त्राहिमाम

समाहरणालय मैदान, न्यायालय परिसर, अतिथि भवन, सीएस कार्यालय, नबाव हाईस्कूल, नव उद्घाटित डिग्री कॉलेज में पानी घुस गया है। वार्ड आठ पूरी तरह प्रभावित है। एसएच 54 पर तीन फीट पानी बह रहा है। एनएच 104 पर डुब्बा घाट के समीप पांच फीट पानी बह रहा है। गढ़हिया गांव में बाढ़ के पानी में डूबने से एक बालक की मौत हो गई। तीन बच्चियों के लापता होने की आशंका है। वहीं, सदर अस्पताल परिसर में घुसे पानी में खड़े जेनरेटर के करंट से दो लोगों की मौत हो गई। विरोध में लोगों ने सड़क जाम कर नारेबाजी की।

दरभंगा: कमला बलान का पश्चिमी तटबंध टूटा

घनश्यामपुर प्रखंड के बाउर गांव के पास सोमवार सुबह कमला बलान का पश्चिमी तटबंध दो स्थानों पर टूट गया है। पानी तेजी से घनश्यामपुर, किरतपुर, गौड़ाबोराम, बिरौल, कुशेश्वरस्थान पूर्वी व पश्चिमी प्रखंडों में फैल रहा है। डीएम ने आपात बैठक के बाद अफसरों को जरूरी कदम उठाने को कहा है। 

मुजफ्फरपुर: बागमती का रिंग बांध टूटा 

जिला के गायघाट की तीन पंचायताें का मुख्‍यालय से संपर्क मंगलवार की सुबह टूट गया। यहां की शिवदाहा पंचायत टापू में बदल गई है। वहां से बाहर निकलने के लिए लोगों को निजी नावों का सहारा है।

मुजफ्फरपुर के धनौर में बागमती परियोजना बांध स्थित रिंग बांध के अलावा बरैठा, कटरा व बकुची में जमींदारी बांध टूट गया। इससे 50 हजार की आबादी प्रभावित हुई। तीन गांवों में पानी प्रवेश कर गया है। औराई प्रखंड के कई गांवों में घुस गया है। पारू में नारायणी नदी के जलस्तर में वृद्धि से दहशत है। 

छोटी नदियां भी बेकाबू

कोसी, गंडक, बागमती, कमला बलान एवं महानंदा के अलावा इनकी सहायक नदियां भी बेकाबू हैं। अररिया में बकरा, नूना, कनकई, रतवा व परमान नदियों में उफान से स्थिति भयावह हो गई है। सुपौल में कोसी की सहायक तिलयुगा, बिहुल और सुरसर नदियों में उफान है। कई सड़कों पर बाढ़ का पानी बह रहा है और इस कारण सड़कें जगह-जगह से टूट भी गई हैं।

राहत-बचाव में लगीं सेना व एनडीआरएफ की टीमें

बेकाबू हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सेना समेत एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ के दो हजार जवान दिन-रात लोगों को बचाने में लगे हुए हैं। हालांकि, अभी भी कई ऐसे इलाके हैं जहां बचाव टीम की पहुंच नहीं हो सकी है। दो हेलीकॉप्टर एवं 192 नावों के जरिए फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर लाने की कोशिश की जा रही है।

सीएम ने लिया जायजा, पीएम ले रहे जानकारी 

बाढ़ की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार ले रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को खुद प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे कर स्थिति का जायजा लिया। 


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