नवजात के लिए पहला 5 मिनट अत्यंत महत्वपूर्ण
नवजात के लिए पहला पांच मिनट अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
पटना। नवजात के लिए पहला पांच मिनट अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। बच्चा गर्भ से जैसे ही बाहर आता है, उसे स्वतंत्र रूप से सांस लेने की जरूरत होती है। इसमें एक मिनट की देरी भी उसके लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। गर्भ से बाहर आने पर बच्चों को पांच मिनट के अन्दर रोना बहुत जरूरी है। ये बातें चंडीगढ़ पीजीआइ के शिशु विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ.सुनीत सिंघी ने कहीं।
डॉ.सिंघी ने कहा कि नवजात शिशुओं के लक्षण से बीमारी की पहचान करनी पड़ती है। वे बोल नहीं सकते हैं। इसलिए इलाज के दौरान बीमारी के लक्षण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। कार्यशाला का आयोजन भारतीय शिशु अकादमी के गहन चिकित्सा शाखा द्वारा किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन वरिष्ठ चिकित्सक पद्मश्री डॉ.एसएन आर्या ने किया।
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कार्यशाला में देशभर से आए चिकित्सकों का स्वागत करते हुए गहन चिकित्सा शाखा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.निगम प्रकाश नारायण ने कहा कि गहन चिकित्सा कक्ष में आने वाले बच्चों को बचाने में डॉक्टरों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। सबसे पहले बच्चों की बीमारी को पहचान बहुत जरूरी होती है।
बेहोश बच्चों का इलाज कठिन
कार्यशाला में पूणे से आए वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.संजय घोरपड़े ने कहा कि बेहोश बच्चों का इलाज करना अत्यंत कठिन होता है। उसके कई कारण हो सकते हैं। कई बार छोटे बच्चे मिर्गी के कारण बेहोश हो जाते हैं। सिर में दबाव बनने लगता है। उसका जल्द से जल्द इलाज नहीं किया गया तो उसके घातक परिणाम हो सकते हैं।
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मुम्बई से आए डॅा.कमलेश श्रीवास्तव ने कहा कि बच्चा जन्म के पहले पांच मिनट के अन्दर सांस लेना शुरू नहीं करता है तो उसके दिमाग में कई तरह के खतरे हो सकते हैं और जीवनभर के लिए दिव्यांग हो सकता है। बच्चा लकवा का शिकार भी हो सकता है।
इस अवसर पर पीएमसीएच के शिशु विभाग के अध्यक्ष डॉ.एके जायसवाल ने कहा कि गहन चिकित्सा कक्ष में आने वाले बच्चों का इलाज वहां के चिकित्सकों के प्रशिक्षण एवं नर्सो की कुशलता पर निर्भर करता है। अस्पतालों में संसाधनों की उपलब्धता पर भी गहन चिकित्सा कक्ष में इलाज निर्भर करता है।
इस अवसर पर नागपुर से आए डॉ.सतीश देवपुजारी, डॉ.लोकेश तिवारी, पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग की वरिष्ठ चिकित्सक एवं संगठन के पटना शाखा की सचिव डॉ.नीलम वर्मा सहित कई चिकित्सकों ने भाग लिया।