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मोहल्ले वीआइपी कल्चर वाले सुविधाएं गांव से भी बदतर

राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-30 और ओल्ड बाइपास के बीच में बसा है वार्ड-55।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 May 2017 03:09 AM (IST)Updated: Sun, 28 May 2017 03:09 AM (IST)
मोहल्ले वीआइपी कल्चर वाले
सुविधाएं गांव से भी बदतर
मोहल्ले वीआइपी कल्चर वाले सुविधाएं गांव से भी बदतर

पटना सिटी : राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-30 और ओल्ड बाइपास के बीच में बसा है वार्ड-55। इस वार्ड का कुम्हार पार्क महान सम्राट अशोक से जुड़ी यादें समेटे है। इस पार्क में उन 80 पिलरों का अवशेष अभी मौजूद है जिसकी छत के नीचे पूरे मंत्री मंडल के साथ बैठकर सम्राट अशोक आवाम को बेहतर शासन और सुविधाएं मुहैया कराने की कार्ययोजना पर मुहर लगाते थे। इसी वार्ड में नालंदा मेडिकल कॉलेज है। कई प्रतिष्ठित निजी स्कूल हैं। वीआइपी कल्चर वाले कई मोहल्ले भी हैं। अफसोस, इन इलाकों में नागरिक सुविधाएं किसी पिछड़े गांव की तरह उपलब्ध है। आम नागरिक जन समस्याओं को लेकर बेहद परेशान हैं। किसी एक समस्या की बाबत उनसे पूछने पर झट जवाब मिला कि आप एक खोजिए समस्याएं एक सौ मिल जाएंगी।

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इस वार्ड के लोगों से बातचीत के क्रम में उन्होंने जलजमाव को वार्ड की बड़ी समस्या बताया। पानी के निकास की व्यवस्था नहीं रहने के कारण बरसात में कई मोहल्लों का रास्ता डूब जाता है। लोग तीन से चार महीनों तक घरों में कैद रहने को मजबूर हो जाते हैं। सड़कों व गलियों का बुरा हाल है। नाले टूटे हैं। मेन होल जगह-जगह खुले हैं। इस वार्ड में पेयजल संकट आज तक कायम है। अधिकांश लोगों ने निजी बो¨रग करा रखा है। लोगों का कहना है कि नगर निगम के पानी की उम्मीद उन्होंने सालों पहले छोड़ दी। बच्चों का उनके अनुकूल वार्ड में एक भी पार्क नहीं होने का मलाल है। बच्चों कहा कहना है कि कुम्हरार पार्क दूर है। वहां हर समय जाना संभव नहीं है। ट्रांसपोर्ट नगर, मौर्य विहार कॉलोनी, भागवत नगर इलाकों में निगम सुविधाएं नजर ही नहीं आती हैं। गलियों में अंधेरा पसरा है। नियमित झाड़ू नहीं पड़ने के कारण रास्तों पर गंदगी पसरी है। बिजली आपूर्ति की व्यवस्था भी आदर्श नहीं है। कई मोहल्लों में तार उलझे हैं। पोल काफी दूर रहने की वजह से तार रास्ते पर लटक रहा है। लोगों का कहना है कि शैक्षणिक ²ष्टिकोण से वार्ड 55 काफी आगे है। कई अच्छे स्कूल हैं। इनमें हजारों बच्चे हर दिन पढ़ने आते हैं। इन बच्चों के सुरक्षित तरीके से स्कूल पहुंचने के लिए इस वार्ड क्षेत्र में जरूरी संसाधन एवं सुविधाएं मुहैया कराने की आवश्यकता है।

जनसंख्या : 60,000

मतदाता : 24,238

स्कूल : एक उच्च और एक प्राथमिक विद्यालय

आंगनबाड़ी : 6

बो¨रग : एक मेन और 6 मिनी

अस्पताल : 00

मजदूर : 32

ट्रैक्टर : 1

हाथ गाड़ी : 9

चौहद्दी

उत्तर : रेलवे लाइन

दक्षिण : ट्रांसपोर्ट नगर

पूरब : गंगा ब्रिज

पश्चिम : दाउद बीघा

प्रमुख मोहल्ले

कुम्हरार, चाणक्य नगर, ट्रांसपोर्ट नगर, भागवत नगर, दाउद बीघा, धनुकी, आइओसी कॉलोनी, प्रियदर्शी नगर, मुस्लिम टोला, पंचशील नगर, श्री नगर, ¨वदवासिनी नगर, रूपस कॉलोनी, नया टोला, टावर गली, शिवाजी कॉलोनी, ग्वाल टोली, आदर्श नगर

महत्वपूर्ण पहचान

मौर्य कालीन कुम्हरार पार्क एवं नालंदा मेडिकल कॉलेज

प्रमुख समस्याएं

पानी का निकास नहीं, जलजमाव, पेयजल संकट, उबड़-खाबड़ रास्ता, सफाई नहीं, गलियां अंधेरी

पार्षद बोले-

विकास कार्य के बूते ही जनता ने मुझे दूसरी बार पार्षद चुना। इस बार 5.5 करोड़ रुपए का विकास कार्य वार्ड में कराया है। सिटी बजा कर हर घर से कूड़ा लिया जाता है। नाला व गली पक्का हुआ। सरकारी योजना के तहत 96 लोगों को शौचालय बनवाने का लाभ दिलाया। पोल पर 310 एलईडी लाइट लगवाया।

संजय कुमार, पार्षद

जनता बोली..

ट्रांसपोर्ट नगर कोल एरिया बना है। यहां के लोगों का रहना दुश्वार है। सड़कों व गलियों पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। स्कूली बच्चों, बुजुर्गों एवं मरीजों के लिए इन रास्तों पर चलना खतरनाक है।

- मुन्ना ¨सह, समाजसेवी

वार्ड में जल जमाव की समस्या हर साल बरसात के समय गंभीर बन जाती है। कई कई दिनों तक लोगों को अपने घर में कैद रहना पड़ता है। ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में कई स्कूल है। जल जमाव के कारण बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं।

- एच के ¨सह, शिक्षाविद

चाणक्य नगर की एक भी सड़क सही नहीं है। रास्ते के गड्ढों में पानी भर जाता है। चार महीने तक जन जीवन बुरी तरह प्रभावित होता है। खराब रास्तों पर धूल जमी है। बच्चों के लिए पार्क नहीं है।

-डॉ. दिलीप कुमार

इस वार्ड में जल जमाव के कारण हर साल डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है। कई लोगों की डेंगू से मौत हो चुकी है। मच्छर से बचाव के लिए कभी छिड़काव नहीं होता है। पार्षद जन समस्याओं को दूर करने में कभी दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं।

- का¨लदी देवी

वार्ड में कई वीआइपी मोहल्ले हैं लेकिन क्षेत्र में सुविधा किसी गांव से भी बदतर है। ट्रांसपोर्ट नगर में तो पैदल चलने लायक रास्ता नहीं है। विधवा, विकलांग, वृद्धा पेंशन, कन्या विवाह, कबीर अंत्येष्ठी व अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंचता है।

-मंजू कुमार, गृहिणी


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