Move to Jagran APP

हड़ताल से चरमराई बिजली आपूर्ति

बिजली कंपनी में अनुबंध पर तैनात कर्मी और मजदूर बुधवार की सुबह छह बजे से हड़ताल पर चले गए। इससे राजधानी को छोड़कर राज्य के अधिकांश हिस्से में बिजली आपूर्ति चरमरा गई।

By pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 18 Feb 2015 07:59 PM (IST)Updated: Wed, 18 Feb 2015 08:03 PM (IST)
हड़ताल से चरमराई बिजली आपूर्ति

पटना। बिजली कंपनी में अनुबंध पर तैनात कर्मी और मजदूर बुधवार की सुबह छह बजे से हड़ताल पर चले गए। इससे राजधानी को छोड़कर राज्य के अधिकांश हिस्से में बिजली आपूर्ति चरमरा गई। विद्युत कंपनी प्रबंधन ने बिजली को आकस्मिक सेवा बताकर सरकार से एस्मा लगाने की मांग की है। हड़ताल पर गए कर्मियों का अनुबंध समाप्त करने के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। बिजली नहीं रहने से इंटर के परीक्षार्थी भी परेशान रहे।

loksabha election banner

82 फीडरों की आपूर्ति की बाधित

हड़ताली कर्मियों ने उत्तर और दक्षिण बिहार के 82 फीडरों को बाधित किया है। साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड की एमडी पलका साहनी और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड तथा ट्रांसमिशन कंपनी के एमडी डी मुरुग्म बाला ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेस आयोजित कर इसकी जानकारी दी। कहा कि अनुबंध कर्मियों ने साउथ बिहार में 33केवी के 34 फीडर तथा नॉर्थ बिहार में 48 फीडर की बिजली आपूर्ति बाधित की है, जिसे री-स्टोर किया जा रहा है। शाम चार बजे तक साउथ बिहार के 29 तथा नॉर्थ बिहार के 28 फीडरों की बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है।

कर्मियों ने की तोडफ़ोड़, प्राथमिकी

हड़ताली कर्मियों ने बिजली आपूर्ति बाधित करने के लिए जगह-जगह तोडफ़ोड़ की है। साउथ बिहार में 10 व्यक्तियों के विरुद्ध चार प्राथमिकी एवं नॉर्थ बिहार में पांच के विरुद्ध तीन प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। अधिकारियों ने बताया कि विद्युत आपूर्ति बाधित करने का प्रयास करने तथा तोडफ़ोड़ की किसी भी गतिविधियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

निर्बाध बिजली के लिए बनी टीम

कंपनी ने निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति बहाल के लिए अभियंताओं की टीम बनाई है। विद्युत कंपनी मुख्यालय में कंट्रोल रूम खोला गया है। अधिकारियों ने कहा कि अनुबंधकर्मी हमारे परिवार के अंग हैं। वार्ता करने के लिए कंपनी का द्वार खुला हुआ है। उन्हें नियमित करने का मामला नीतिगत है। यह कार्य राज्य सरकार ही कर सकती है।

मोर्चा ने हड़ताल को बताया सफल

विद्युत कर्मी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के महेश प्रसाद सिन्हा, संजीव कुमार शर्मा, और राजेश कुमार भगत ने हड़ताल को सफल बताया है। आरोप लगाया कि विद्युत कंपनी प्रबंधन ने हड़ताल की नोटिस के बाद भी वार्ता के लिए नहीं बुलाया।

क्या है एस्मा

एस्मा यानी आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून हड़ताल रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसे लागू करने से पूर्व हड़ताल कर्मियों को समाचार पत्रों या अन्य माध्यम से सूचित किया जाता है। एस्मा अधिकतम छह माह के लिए लगाया जा सकता है। एस्मा लागू होने के बाद यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाता है, तो वह अवैध एवं दंडनीय है। एस्मा लागू होने के बाद किसी भी कर्मचारी को बिना वारंट गिरफ्तार किया जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.