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चमत्कारी दवाओं में भी खेल करते थे ड्रग माफिया

जीवनरक्षक दवाओं के साथ ड्रग माफिया ब्रेस्ट इंलार्जर, शक्तिव‌र्द्धक जैसी तमाम चमत्कारी दवाओं भी चेंज करते थे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Apr 2017 01:58 AM (IST)Updated: Tue, 25 Apr 2017 01:58 AM (IST)
चमत्कारी दवाओं में भी खेल करते थे ड्रग माफिया
चमत्कारी दवाओं में भी खेल करते थे ड्रग माफिया

पटना। जीवनरक्षक दवाओं के साथ ड्रग माफिया ब्रेस्ट इंलार्जर, शक्तिव‌र्द्धक जैसी तमाम चमत्कारी दवाओं व कॉस्मेटिक की एक्सपायरी भी चेंज करते थे। यह खुलासा सोमवार को उस वक्त हुआ जब संदलपुर स्थित बिट्टू कुमार के गोदाम की जांच-पड़ताल करने औषधि विभाग की टीम पहुंची। इस गोदाम में 450 तरह की दवाओं के 220 बोरे और 120 कार्टन बरामद हुए। यहां से एक्सपायरी के साथ तमाम ऐसी दवाएं मिलीं जिनके लेबल हटाए जा चुके थे और उनकी रिलेबलिंग की जानी थी। चमत्कारी दवाओं के रैपर में ऐसे-ऐसे दावे किए गए थे, जिसे सभ्य व्यक्ति बोलने में भी झिझकता है। इनपर मनमाने रेट लिखे हुए थे। वहीं गोदाम से नामचीन ब्रांड के कॉस्मेटिक प्रोडक्ट भी मिले हैं।

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बिट्टू कुमार कंपनियों से एकत्र करता था एक्सपायर दवाएं :

एक्सपायरी दवाओं की रिलेबलिंग व रिपैकिंग करने वाले धंधेबाजों पर औषधि विभाग की चार दिन पूर्व शुरू कार्रवाई में अब नई-नई जानकारियां मिलने लगी हैं। बहादुरपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने पहुंचे औषधि निरीक्षक डॉ. सच्चिदानंद विक्रांत, राजेश गुप्ता व राजेश सिन्हा ने बताया कि बिट्टू कुमार का काम कंपनियों से एक्सपायर दवाएं एकत्र करना था। वह दवाएं एकत्र कर रमेश पाठक को देता था। रमेश उन दवाओं को रिपैकिंग व रिलेबलिंग करने वाले विभिन्न ठिकानों पर पहुंचाता था। रिपैकिंग व रिलेबलिंग करने वाले ही इसे प्रदेश के विभिन्न जिलों से लेकर यूपी से लेकर नेपाल तक बिक्री के लिए पहुंचाते थे।

अब तक 16 पर प्राथमिकी, दर्जनों की तलाश :

एक दिन में पांच स्थानों पर छापेमारी कर चार लोगों की गिरफ्तारी के बाद अब तक कुल 16 लोगों के खिलाफ औषधि विभाग प्राथमिकी करा चुका है। औषधि विभाग के अधिकारियों के अनुसार इसकी संख्या अभी दर्जनों में हो सकती है। उनके अनुसार अभी तक रिपैकिंग व रिलेबलिंग करने वाले, जिन दुकानों से एक्सपायर दवाओं को बिकवाया जाता है उनके संचालक समेत नेटवर्क के तमाम लोग शिकंजे से बाहर हैं। औषधि विभाग अपने नेटवर्क के सहारे उनके बारे में जानकारी एकत्र कर रहा है। इसमें सरकारी एक्सपायर दवाओं को ड्रग माफिया तक पहुंचाने वाले लोगों की भी शिनाख्त की जा रही है। औषधि विभाग के अनुसार सरकारी दवाओं के बैच नंबर से पता चल जाएगा कि वे किसी अस्पताल से बाजार पहुंची हैं या फिर बीएमएसआइसीएल से।

गुजरात से भी जुड़े तार :

औषधि विभाग के सूत्रों के अनुसार छापेमारी के बाद राजीव नगर में जो एंटीबायोटिक, मल्टीविटामिन, इंजेक्शन झाड़ी में फेंके मिले थे, उनकी मार्केटिंग गुजरात की कंपनी एस्टेमैक्स करती है। कंपनी ने कितनी दवाएं बिहार में गत वर्ष बेची है, इसका रिकार्ड भी खंगाला जाएगा। इसके बाद कितनी दवाएं बिकीं उसके बिल की पड़ताल की जाएगी। प्राथमिकी करा दी गई है। इसमें कई सीएंडएफ व डिस्ट्रीब्यूटर्स भी फंसेंगे।

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एक्सपायर चमत्कारी दवाओं के घातक स्टेरायड हैं जानलेवा :

यौन रोगों, जोड़ दर्द व गठिया, काल्पनिक गुप्त रोग, नपुंसकता, बवासीर, सफेद दाग, मधुमेह समेत तमाम रोगों का शर्तिया इलाज करने वाली चमत्कारी दवाओं में स्टेरॉयड इस्तेमाल किया जाता है। औषधि विभाग मानता है कि वियाग्रा जैसी दवाओं के कंपाउंड सिल्डेनाफिल सल्फेट, स्टेरायड या अन्य हार्मोन सामान्य स्थिति में भी काफी नुकसानदेह हैं। ऐसे में यदि ये एक्सपायर हो चुके हैं तो ये कितने नुकसानदेह इसका अंदाजा अभी डॉक्टरों को भी नहीं है।

रोगी बनाती हैं चमत्कारी दवाएं :

डॉ. अमरकांत झा अमर के अनुसार 90 प्रतिशत गुप्त रोग सिवाय भ्रम के कुछ नहीं होते। वह दवा के बजाय एक काउंसिलिंग से ठीक हो जाते हैं। चमत्कारी दवा के कारोबारी इलाज के बजाय गुप्त रोगों के बारे में व्याप्त भ्रांतियों को बढ़ावा देते हैं। गोदाम से मिले आर्टिफिशियल पेनिश, पेनिश इन्लार्जर, पेनिश इन्लार्जर दवाएं व यौन रोगों चमत्कारी दवाएं रोगी बनाती हैं, इलाज नहीं करती हैं।


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