शराबबंदी के बाद बढ़ गई गांजे की खपत
सूबे में शराबबंदी लागू होने के कारण गांजा का सेवन काफी बढ़ गया है।
पटना। सूबे में शराबबंदी लागू होने के कारण गांजा का सेवन काफी बढ़ गया है। अब अस्पतालों में सर्वाधिक मरीज गांजा सेवन के अस्पताल पहुंच रहे हैं। गांजा के सेवन करने वालों को काउंसिलिंग की जरूरत होती है। कांउसिलिंग से उन्हें ठीक किया जा सकता है। ये बातें रविवार को कोइलवर मानसिक रोग अस्पताल के अधीक्षक डॉ. केपी शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय नशा और मादक पदार्थो के अवैध कारोबार निरोध दिवस के अवसर पर हितैषी हैप्पीनेस होम के तत्वावधान में आयोजित सेमिनार में कहीं।
डॉ. शर्मा ने कहा कि नशा सेवन का प्रभाव न केवल व्यक्ति के शरीर पर पड़ता है, बल्कि पूरा परिवार ही बर्बाद हो जाता है। उसका असर समाज पर भी पड़ता है। कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा का वरिष्ठ नेता डॉ. सीपी ठाकुर ने किया। मौके पर डॉ. ठाकुर ने कहा कि नशा सेवन के प्रति नई पीढ़ी में बढ़ती प्रवृति समाज के लिए चिंता का विषय है। संयुक्त परिवार के टूटने के कारण भी नशा का सेवन बढ़ रहा है। मौके पर आइएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने कहा कि बच्चों में नशापान की प्रवृति न बढ़े, इसके लिए अभिभावकों को सावधान होना होगा। तभी आने वाले पीढ़ी सभ्य समाज का निर्माण कर सकती है। मौके पर डॉ. बिंदा सिंह ने कहा कि नशा करने वाला व्यक्ति अपना दिमागी संतुलन खो देता है। ऐसे में उसे इलाज एवं काउंसिलिंग की सख्त जरूरत होती है। काउंसिलिंग के माध्यम से उसमें सकरात्मक सोच विकसित की जाती है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विवेक विशाल ने किया।